धर्मशाला। मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह के खिलाफ वीबीएस मामले में दिल्ली हाईकोर्ट में जनहित याचिका दायर करने वाले सुप्रीम कोर्ट के सीनियर वकील प्रशांत भूषण के ओर से धर्मशाला में खरीदी गई जमीन के मामले में भू सुधार अधिनियम की धारा 118 उल्लंघना पाई गई है ।
डीसी धर्मशाला सी पालरासु की अदालत ने बुधवार को दिए अपने आदेश में कहा है कि भू सुधार अधिनियम की धारा 118 के तहत जिस उददेश्य के लिए ये जमीन खरीदी गई थी इसके इस्तेमाल उसके लिए नहीं किया गया है। डीसी ने जमीन वापस सरकार में शामिल करने के आदेश दिए है । प्रशांत भूषण ने करीब धर्मशाला में छह हैक्टेयर के करीब जमीन खरीदी थी
गौरतलब हो कि प्रशांत भूषण को तत्कालीन धूमल सरकार ने कुमद भूषण एजुकेशनल सोसायटी को शिक्षण संस्थान चलाने केलिए टी गार्डन खरीदने की मंजूरी दी थी ओर माच्र 2010 में इस जमीन की खरीद हुई थी। कुमुंद एजुकेशनल सोसायटी ने यहां पर संस्थान चलाया । इस बीच किसी ने शिकायत कर दी कि ये जमीन जिस परपज केलिए ली गई है उसके लिए इस्तेमाल नहीं की जा रही है।
धूमल सरकार के कार्याकाल में शिक्षा विीााग ने इसकी जांच की और पाया कि ये सोसायटी जोशिक्षण संस्थान चलारही हैवो न स्कूल है औरनहीं कालेज है। इसके अलावा इसकी कहीं से एफिलिश्एशन भी नहीं है।शिक्षा विभाग नेअपनी जांच रिपोर्ट सरकार को सौंप दी। इसके बाद ये मामलेा राजस्व विभाग के पास चला गया ।सूत्रों के मुताबिक वीरभद्र सिंह सरकार में इस मामले ने तेजी पकड़ी और आज डीसी धर्मशालाने बतौर जिला कलक्टर इस जमीन को सरकार मेंशामिल करने के आदेश दे दिए।
इससे पहले 2003 से2007तक सता में रही तत्कालीन वीरभद्र सिंह सरकार ने इस जमीन की खरीद फरोख्त करने की मंजूरी नहीं दी थी। उस समय दलील दीगई थी की टी गार्डन को किसी और परपज के लिए नहीं दिया जा सकता । इसी तरह का कोई अन्य मामला हाईकर्ट में था जिसमेंसरकार नेयही स्टैंड ले लिया था। लेकिन बाद में ऐसे मामले में रियायत दीगई और भाजपा कीधूमल सरकार में भूषणको जमीन खरीदने की मंजूरी दे दी गई।
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