धर्मशाला/शिमला। कुमुद भूषण एजुकेशन सोसायटी की पालमपुर में जमीन को जिला प्रशासन की ओर से इस जमीन को सरकार में शामिल करने के आदेश को पक्षपात पूर्ण ,व गैर कानूनी करार देते हुए इसे हाईकोर्ट में चुनौती देने का एलान किया है। सोसायटी ने कहा है कि डीसी ने ये आदेश मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह के कहने पर दिया है।
प्रशांत भूषण इस सोसायटी के सचिव है।सोसायटी के वरिष्ठ सदस्य हिमांशु कुमार ने कहा कि सोसायटी संभावना संस्थान चला रहे है।
सोसायटी 2004 में युवाओं को देश के सामाजिक, राजनीतिक और आर्थिक मसलों पर शिक्षित करने के बनाई गई थी ।सोसायटी ने गांव कांडबाड़ी में12 एकड़ भूमि खरीदने की मंजूरी के लिए आवेदन किया था व2010 में तत्कालीन धूमल सरकार की ओर से मंजूरी प्रदान कर दी गई।2013 में वीरभद्र सिंह सरकार ने मामला दर्ज किया कि जिस परपज के लिए जमीन दी गई थी इसका इस्तेमाल उसके लिए नहीं किया गया है।सोसायटी के सदस्यों ने कहा कि सरकार का ये दावा आधारहीन व झूठा है।
प्रशांत भूषण ने सुप्रीम कोर्ट में वीरभद्र सिंह के भ्रष्टाचार के मामले को लकेर दिल्ली हाईकोर्ट में एक जनहित याचिका दायर कर रखी है,जिससे लगता है कि यह वीरभद्र सिंह को नागवार गुजरा ।सोसायटी के सदस्यों ने कहा है कि सरकार के प्रधान सचिव शिक्षा ने जमीन खरीद को मंजूरी देते हुए कहा था कि ये जमीन पहले शिक्ष के परपज के लिए इस्तेमाल हो रही है।
हिमांशु कुमार ने कहा कि सोसायटी ने 2011 से ही कैंपस में युवाओं के लिए कार्यशालाएं लगानी शुरू कर दी थी।अब तक34 कार्याशालाएं लगाई जा चुकी है।कैंपस में उड़ान नाम का स्कूल शुरू किया गया है।सैंकड़ों बच्चे शिक्षा के लिए स्कूल का इस्तेमाल कर रहे है।
उधर ,मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह ने वीरवार को प्रशांत भूषण को लीज पर दी गई भूमि को वापस लेने के कांगड़ा जिला दण्डाधिकारी के आदेश को न्यायसंगत बताया। उन्होंने कहा कि पूर्व भाजपा सरकार के शासनकाल के दौरान प्रशांत भूषण को नोटिस जारी किया गया था और पालमपुर के नजदीक कमलगढ़ गांव में आबंटित भूमि का उपयोग निश्चित कार्य से हट कर किसी दूसरे उद्देश्य से करने के लिए उनके विरूद्ध कार्यवाही आरम्भ की गई थी।
मुख्यमंत्री ने कहा कि भूमि का उपयोग उस उद्देश्य के लिए नहीं किया गया, जिसके लिए इसका आबंटन किया गया था और यह प्रक्रिया लम्बे समय से चल रही थी तथा अब उपायुक्त ने इस मामले की विस्तृत छानबीन करने के उपरान्त जमीन को वापिस लेने का निर्णय लिया है।
समाज में अच्छा रूतबा रखने वाले प्रशांत भूषण जैसा व्यक्तित्व इस तरह का व्यवहार एवं आधारहीन ब्यानबाजी कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि प्रशांत भूषण को पूर्व भाजपा सरकार के समय नोटिस जारी किया गया था और उन्हीं के शासनकाल में इसकी कई बार सुनवाई हुईं है और कार्यवाही चलती रही है।
पालमपुर में चाय बागानों की अवैध खरीद व फरोख्त मामले पर मुख्यमंत्री ने कहा कि चाय के बागानोें पर न केवल हिमाचल बल्कि देश के अन्य भागों में भी भूमि सीमा अधिनियम में छूट दी गई है और प्रदेश सरकार यह सुनिश्चित बनाएगी कि पालमपुर क्षेत्र में चाय बागानों की खरीद व फरोख्त न हो।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश सरकार चाय बागानों को परिवार के भीतर विभाजन और हस्तांतरण को छोड़कर किसी अन्य को बेचने एवं हस्तांतरित करने की अनुमति नहीं देगी। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार चाय बागानों के खरीद व फरोख्त के सन्दर्भ में कड़े कानून बनाएगी और इनका सख्ती से अनुपालना सुनिश्चित बनाएगी। उन्होंने कहा कि पूर्व में नियमों में हुई किसी भी प्रकार की अवहेलना की जांच की जाएगी।
पाकिस्तानियों का स्वागत
सिन्धू जल संधि के बारे में पूछे जाने पर मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश सरकार राज्य में पाकिस्तानी प्रतिनिधिमण्डल के दौरे का स्वागत करती है और 1960 की सिन्धू जल संधि के अनुरूप दोनों देश परियोजना स्थल पर विकास कार्यों का जायजा ले सकते हैं। यदि कोई परियोजना चन्द्र-भागा नदी पर स्थापित होती है तो इससे न ही जल प्रवाह बाधित होगा और न ही पानी की कमी होगी।
मोदी लहर होने लगी लुप्त
गुजरात, राजस्थान तथा अन्य राज्यों में हुए उप-चुनावों के नतीजों पर मुख्यमंत्री ने कहा कि मोदी लहर धीरे-धीरे लुप्त हो रही है और अब लोगों ने मुद्दों के आधार पर वोट किया है। उन्होंने कहा कि उप-चुनाव भावनाओं के बजाए मुद्दों के आधार पर लड़े गए थे। लोगों का ध्यान पूरी तरह विकास और नीतियों पर है।
सुरक्षा के लिए एचपीसीए को करना होगा भुगतान
हिमाचल प्रदेश क्रिकेट एसोसिएशन के सन्दर्भ में पूछे गए एक प्रश्न के उत्तर में वीरभद्र सिंह ने कहा कि प्रदेश सरकार धर्मशाला में होने वाले क्रिकेट मैच के लिए सुरक्षा मुहैया करवाएगी लेकिन, हिमाचल प्रदेश क्रिकेट एसोसिएशन को इसके लिए भुगतान करना होगा।
मुख्यमंत्री ने कहा कि क्योंकि यह एक वाणिज्यिक उद्यम है तथा यह उचित और सही होगा कि वे मुहैया करवाई गई सेवाओं के लिए शुल्क अदा करें और पूर्व में हुए मैचों के लम्बित बिलों की भी अदायगी की जानी चाहिए।
हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय परिसर में किए जा रहे हंगामें के सन्दर्भ में पूछे जाने पर मुख्यमत्री ने कहा कि विश्वविद्यालय प्रशासन को मामले को सौहार्दपूर्ण तरीके से सुलझाना चाहिए। उन्होंने कहा कि परिसर में किसी तरह की हिंसा बर्दाश्त नहीं की जाएगी और यदि कोई विश्वविद्यालय परिसर में अशांति फैलाता है तो ऐसे विद्यार्थी के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।
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