शिमला।मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह के खिलाफ कॉमन कॉज की ओर से दायर याचिका की सुनवाई के दौरान जो अर्जी दायर की है उसमें एएस व पीसी दो और नामों का खुलासा हुआ है।अर्जी में लिखा है The spreadsheet also shows that payments were made to other entities like RS 15 lakh to ‘Min of Steel APS’, and Rs 1 crore to ‘AS for PC’ । इन नामों का खुलासा होने के बाद खुफिया एजेंसियां वीरभद्र सिंह के करीब इस तरह के नामों वाले नेताओं की खोज में लग गए है।
पाक साफ होकर निकलूंगा
उधर, हाईकोर्ट में मोदी सरकार के वकील की ओर से दिल्ली हाईकोर्ट में वीरभद्र सिंह के खिलाफ मनीलांडरिंग का केस बनने के दावों पर पूर्व मुख्यमंत्री प्रेम कुमार धूमल पर हमला करते हुए कहा कि उन्हें देश की न्यायपालिका और जांच एजेंसियों पर पूर्ण विश्वास है तथा उनके विरूद्ध बनाए गए झूठे व काल्पनिक मामले एक बार फिर धराशायी हो जाऐंगे।
उन्होंने कहा कि प्रशांत भूषण द्वारा दायर पी.आई.एल. को आज दिल्ली उच्च न्यायालय द्वारा सूचीबद्ध किया गया और न्यायालय ने इस पर सुनवाई के दौरान उनके खिलाफ कोई भी प्रतिकूल टिप्पणी नहीं की है। उन्होंने कहा कि प्रेम कुमार धूमल न्यायालय की कार्यवाही पर टिप्पणी कर लोगों को गुमराह कर रहे हैं।
वीरभद्र सिंह ने कहा कि राज्य में 2012 में विधानसभा चुनाव की घोषणा के बाद उन्हें कांग्रेस उच्च कमान ने चुनाव प्रचार अभियान की बागडोर सौंपी थी। उस समय से लेकर ही प्रेम कुमार धूमल, उनके पुत्र और सहयोगी अपने राजनीतिक स्वार्थ से उनके खिलाफ व्यक्तिगत दोषारोपण करते रहे हैं। उनका पहला उद्देेश्य कांग्रेस पार्टी को सत्ता में आने से रोकना था और उसके बाद कांग्रेस सरकार को अस्थिर करना।
उन्होंने कहा कि धूमल और उनके परिवार का एक मात्र उद्देश्य उन पर व्यक्तिगत दोषारोपण करना है, क्योंकि उन्हें लगता है कि भाजपा की सत्ता में वापसी में वह सबसे बड़े अवरोधक हैं। हाल ही में सोलन में आयोजित भाजपा के सम्मेलन में एक मात्र उद्देश्य उनके खिलाफ प्रस्ताव लाना और उन पर व्यक्तिगत आक्रमण करना था।
वीरभद्र सिंह ने कहा कि लोक सभा चुनाव के दौरान प्रेम कुमार धूमल लगातार जनता के बीच यह प्रचार करते रहे कि केन्द्र में नई सरकार के गठन के बाद प्रदेश की कांग्रेस की सरकार गिर जाएगी। धूमल केन्द्र सरकार पर उनके विरूद्ध झूठे और मनघडं़त मामलों के आधार पर कार्रवाई करने का दबाव बना रहे हैं। साथ ही धूमल यह भी प्रयास कर रहे हैं कि केन्द्र सरकार के माध्यम से हिमाचल प्रदेश में प्रजातंत्रिक तरीके से चुनी गई कांग्रेस सरकार को अस्थिर बनाया जाए।
वीरभद्र सिंह ने कहा कि उनका पूरा जीवन एक खुली किताब है।उन्होंने कहा कि वह इस मामले में भी पाक-साफ़ होकर निकलेंगे और विरोधियों के मनसूबे एक बार फिर धरे के धरे रह जाएंगे।
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