शिमला। भाजपा सांसद अनुराग ठाकुर की हिमाचल प्रदेश क्रिकेट एसोसिएशन ने सैंकड़ों पेड़ों की बलि देकर धर्मशाला में होटल पेवेलियन खड़ा किया है। इस कारनामें में एचपीसीए का साथ वन व राजस्व विभाग के अफसरों ने भी दिया है।
ये खुलासा विजीलेंस ब्यूरो की ओर से आज दर्ज एफआईआर में किया गया है।विजीलेंस ब्यूरो ने धर्मशाला में होटल पेवेलियन के निर्माण के दौरान काटे गए पेड़ों के मामले में आज एफआईआर दर्ज कर दी है। एफआईआर फारेस्ट,रेवन्यू और एचपीसीए के खिलाफ दर्ज की गई है। एफआईआर में किसी का नाम शामिल नहीं किया है।
विजीलेंस ब्यूरो के एडीजीपी पृथ्वी राज के मूताबिक ब्यूरो ने धर्मशाला में एचपीसीए को जमीन लीज पर देने में हुई अनियमितताओं को लेकर एफआईआर नंबर 12/2013 दर्ज की थी। इस एफआईआर की जांच करते हुए खुलासा हुआ कि वन ,रेवन्यू व एचपीसीए की मिलीभगत से यहां पर चीड़ के सैंकड़ों पेड़ काट दिए गए है। जांच में पाय गया कि जिस जगह पर होटल पेवेलियन बना है वहां पर चीड़ के सैंकड़ों पेड़ थे। एफआईआर में डीएफओ की रिपोर्ट का हवाला देकर दावा किया गया है कि एचपपीसीए को लीज की गई जमीन पर 2023 पेड़ खड़े थे।
इस जमीन को एचपीसीए को आवंटित करने से पहले जिन राजस्व कर्मचारियों और अधिकारियों ने जमीन की निशानदेही की उन्होंने अपनी रिपोर्ट से ये तथ्य गायब कर दिया कि इस जमीन पर सैंकड़ों चीड़ के पेड खड़े है।
यही नहीं जब एचपीसीए को एनओसी दी गई तो तत्कालीन रेंज अफसर व डीएफओ ने भी अपनी रिपोर्ट में ये तथ्य छिपाया कि यहां पर यहां पर चीड़ के पेड़ खड़े है । इन अफसरों ने अपनी रिपोर्ट में कहा कि इस जमीन पर घास है और दर्ज किया कि ये जमीन चरागाह विला दरख्तान है।
एफआईआर में कहा गया है कि ये सब तत्कालीन धूमल सरकार के शासन काल में अनुराग ठाकुर की एचपीसीए को वन व राजस्व विभाग के अफसरों ने अनुचित लाभ देने की मंशा से किया।इस तरह एचपीसीए ने सेंकडों पेड़ों को काट कर सरकार के खजाने को भारी नुकसान पहुंचाया है। एचपीसीए ने यहां पर पेड़ों की बलि देकर होटल पेवेलियन बनाया है।
विजीलेंस ने एफआईआर नंबर 17/13 के तहत आईपीसी की धारा 120 बी,447 और प्रिवेंशन एक्ट की धारा 13/2 के तहत मामला दर्ज किया है। एस पी विजीलेंस गुरदेव सिंह ने कहा कि एफआईआर में किसी का नाम शामिल नहीं किया गया है।
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