शिमला। मोदी सरकार में मंत्री जगतप्रकाश नडडा की ओर से बीते रोज प्रदेश के सीएम वीरभद्र सिंह से इस्तीफा मांगने पर सीएम वीरभद्र सिंह खुद व उनके मंत्री विद्या स्टोक्स, सुधीर शर्मा,प्रकाश चौधरी व कर्ण सिंह आज पलटवार करने उतरे। वीरभद्र सिंह ने कांगड़ा में हमला बोला व कहा कि केंद्रीय मंत्री जगत प्रकाश नडडा ने जो बयान दिया है वह उनकी सोची समझी राजनीति का हिस्सा है। लगता है कि उनकी नजर मुख्यमंत्री की कुर्सी पर है। उन्होंने कहा कि उनके खिलाफ राजनीतिक बदले की भावना से कार्य करने में कुछ केंद्रीय नेता भी शामिल हैं। यही कारण है कि उनके खिलाफ भाजपा के कुछ नेताओं के इशारे पर विभिन्न जांच एजेंसियों द्वारा मामले बनाए जा रहा हैं। उन्होंने इस बात पर हैरानी जताई कि आयकर मामले में तीन विभिन्न केन्द्रीय जांच एजेंसियां जांच कर रही है।
वीरभद्र सिंह ने कहा कि सच्चाई की हमेशा जीत होती है और जो लोग उन्हें झूठे मामलों में फंसाना चाहते हैं, उन्हें अपने किए पर शर्मिंदा होना पड़ेगा। पूर्व मुख्यमंत्री प्रेम कुमार धूमल के पुत्र अभद्र भाषा का प्रयोग करते हैं। लेकिन, अब धूमल परिवार की चालों को बेनकाब किया जाएगा।
सिंचाई एवं जन स्वास्थ्य मंत्री विद्या स्टोक्स ने कहा कि प्रदेश सरकार ने जब राज्य के भाजपा नेताओं के खिलाफ जांच आरंभ की तो धूमल परिवार ने घबराहट में केन्द्रीय नेताओं के साथ मिलकर मुख्यमंत्री के खिलाफ षड़यंत्र रचा और अब सरकार को बाहर करने की बाते कर रहे हैं। शहरी विकास मंत्री सुधीर शर्मा, आबकारी एवं कराधान मंत्री प्रकाश चैधरी तथा आयुर्वेद मंत्री कर्ण सिंह ने जे.पी नडडा द्वारा मुख्यमंत्री से इस्तीफा मांगने को भाजपा की दबाव की राजनीति करार दिया है। उन्होंने कहा कि श्री नड्डा लोकतांत्रिक ढंग से चुनी गई प्रदेश सरकार को अस्थिर करने का प्रयास कर रहे हैं और प्रदेश के लोगों द्वारा दिए गए जनादेश का अनादर कर रहे हैं, जो उनकी लोकतंत्र के प्रति निराशा और उपेक्षा को दर्शाता है।
स्टोक्स समेत इन मंत्रियों ने आज यहां जारी एक संयुक्त वक्तव्य में कहा कि केन्द्र में कुछ मंत्री प्रदेश के भाजपा नेताओं के इशारे पर वीरभद्र सिंह के खिलाफ केन्द्रीय जांच एजेंसियों का दुरूपयोग कर उनपर दबाव बना रहें है। उन्होंने कहा कि यह हैरानी की बात है कि तीन अलग-अलग केन्द्रीय एजेंसियां वीरभद्र सिंह के आयकर मामले की जांच कर रही है और इस तरह की एक छवि बनाई जा रही है जैसे उन के खिलाफ अनेक मामले चल रहें है। जबकी सच्चाई यह है कि आयकर रिटर्न से संबंधित उनके खिलाफ केवल एक ही मामला है, जो आयकर विभाग और अपीलीय प्राधिकरण के सम्मुख है।
उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री श्री वीरभद्र सिंह के परिसर पर सीबीआई तथा प्रर्वतन निदेशालय द्वारा उनकी सुपुत्री के विवाह वाले दिन की गई छापेमारी विद्वेषपूर्ण एवं राजनीती से प्रेरित थी। उन्होंने हैरानी जताई की जांच एजेंसियों को ऐसी क्या जल्दी थी कि उन्होंने न्यायालय के भी आदेशों का भी इंतजार नही किया। जबकि यह मामला पहले से ही न्यायालय में विचाराधीन है, जहां इसी जांच एजेंसी द्वारा विस्तृत जांच रिपोर्ट प्रस्तुत की गई है।
उन्होंने कहा कि ऐसा प्रतीत होता है कि नड्डा राज्य की राजनीती में पुनः सक्रीय होने के लिए इस मामले को उठा रहें है तथा केन्द्र एवं राज्य में अपने राजनीतिक ‘मित्रों’ को खुश कर रहें हैं। उन्होंने कहा कि श्री नड्डा यदि वास्तव में भ्रष्टाचार के प्रति गंभीर हैं तो वे केन्द्र में भाजपा नेतृत्व की एनडीए सरकार के कई मंत्रियों पर लगे गंभीर भ्रष्टाचार के आरोपों को लेकर खामोश क्यों हैं। नड्डा का क्या यह राजनीतिक ढोंग नहीं है कि वह व्यापम घोटाले तथा ‘ललितगेट मामले’ में राजस्थान की मुख्यमंत्री तथा केन्द्रीय विदेश मामले मंत्री की भागीदारी को लेकर एक शब्द भी नहीें बोल रहें है जबकि इस मामले में करोड़ो रुपये का भ्रष्टाचार शामिल है।
मंत्रियों ने कहा कि क्या नड्डा ने कभी भाजपा अध्यक्ष अथवा प्रधानमंत्री से ललितगेट घोटाले, मध्यप्रदेश के व्यापम घोटाले तथा महाराष्ट्र के पीडीएस घोटाले में शामिल व्यक्तियों के खिलाफ कार्रवाई के लिए कहा है। उन्होंने कहा कि नड्डा, जो भाजपा के वरिष्ठ नेता है, को पहले इस मामले पर विचार करना चाहिए तथा फिर इस प्रकार की राजनीति से प्रेरित एवं आधारहीन वक्तव्य देने चाहिए।
मंत्रियों ने नड्डा से परामर्श दिया कि वह राज्य भाजपा में अपने नेताओं को नैतिकता का पाठ पढ़ाए, जिन पर भ्रष्टाचार के गंभीर आरोप हैं। इनमें एचपीसीए घोटाला, बैम्लोई घोटाला तथा गरीब भूमिहीन से पांच सितारा होटल के निर्माण के लिए भूमि हथियाना शामिल है। उन्होंने कहा कि अब वह प्रदेश सरकार द्वारा राज्य एवं राज्य से बाहर उन के नेताओं की बेनामी संपती की जांच के आदेशों की तपिश महसूस कर रहें हैं।
उन्होंने कहा कि अपने वरिष्ठ नेताओं के खिलाफ भ्रष्टाचार के गंभीर मामलों पर अलग-थलग पड़ने के पश्चात भाजपा नेता देश के वरिष्ठतम कांग्रेस नेताओं में से एक तथा निश्चित तौर पर प्रदेश के सबसे लोकप्रिय नेता के खिलाफ मनघड़ंत एवं झूठे मामले बनाकर लोगों का ध्यान बांटने की कोशिश कर रहें हैं। उन्होंने कहा कि भाजपा का दोगला चेहरा सबके सामने आ गया है तथा प्रदेश के लोग भाजपा की तुच्छ मानसिकता से भली- भांति परिचित हो गए हैं।उन्होंने कहा कि प्रदेश में भाजपा अलग अलग खेमों में बटीं है तथा उनके संगठनात्मक चुनावों में उनकी आपसी लड़ाई सब के सामने आ चुकी है।
प्रदेश में भाजपा राजनीतिक पहचान का संकट झेल रही है तथा पार्टी में वर्चस्व की लड़ाई चरम पर है। भाजपा राष्ट्रीय स्तर पर तथा विभिन्न राज्यों में उनके नेताओं के गलत कार्यों से लोगों का ध्यान बांटने की कोशिश कर रही है जिस के लिए वह अपने राजनीतिक विरोधियों के खिलाफ झूठे मामले बना रही है। वीरभद्र सिंह को जानबूझ कर निशाना बनाया गया है क्योंकि प्रदेश की कांग्रेस सरकार भाजपा द्वारा उनके कार्यकाल में किए गए भ्रष्टाचार के अनेक मामलों की जांच कर रही है।
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