शिमला। जुब्बल कोटखाई से भाजपा के पूर्व विधायक व बागवानी मंत्री नरेंद्र बरागटा और मौजूदा कांग्रेस विधायक रोहित ठाकुूर के राजनीतिक वजूद की जमीन को हिला देने वाली हाटकोटी -खड़ापत्थर सड़क ने एक बार फिर दोनों को आमने सामने खड़ा कर दिया। हाईकोर्ट के आदेशों के बाद इस सड़क के काम में आई गति का श्रेय लेने के लिए जहां पूर्व मंत्री व भाजपा के उपाध्यक्ष नरेंद्र बरागटा ने दो दिसंबर से दस स्थानों से पदयात्रा चलाकर खड़ापत्थर में पब्लिक में मौजूदा विधायक की बखियां उधेड़ने का कार्यक्रम बनाकर अपनी राजनीति बचाने का इंतजाम किया है वहीं मौजूदा विधायक एक अरसे से बरागटा के कारनामों को जनता के बीच ले जाने का अभियान चलाए हुए है।
प्रदेश में ऐसा नहीं है कि केवल हाटकोटी -खड़ापत्थर सड़क के हालात ही खराब है।इसके अलावा बाकी जगहों पर भी सिथति ठीक नहीं है। लेकिन यहां पर भाजपा व कांग्रेस के दो नेताओं की राजनीतिक प्रतिष्ठा व कैरियर दोनों दांव पर लगे हुए है। जिसके चलते बरागटा ने तोजंग का एलान कर दिया है और कहा कि वो दो दिसंबर को वीरभद्र विरोधी गुट के कांग्रेस विधायक रोहित ठाकुर के खिलाफ पब्लिक के बीच चार्जशीट दायर कर उनके तीन सालों को कच्चा चिट्ठा खोल देंगे।
इस सड़क को लेकर बरागटा के कानूनी रणनीतिकार राजिंदर डोगरा व भाजपा के मुख्य प्रवक्ता गणेश दत को को साथ लेकर मीडिया से रूबरू हुए बरागटा ने दावा किया कि हाईकोर्ट नेउनकी याचिका पर इस मामले में मुख्य सचिव की अध्यक्षता में एक कमेटी बनाई थी। लेकिन वह भी हाईकोर्ट को गुमराह करती गई तो उन्हें इस कमेटी को निरस्त करने की अर्जी अदालत में डालनी पड़ी। छह- छह वकीलों का एक पैनल गठित कर रखा है। समझा जा सकता है कि किस तरह से एक सड़क नेताओं के राजनीतिक वजूद का प्रश्न बन गई हो।
उन्होंने दावा किया अर्जी पर संज्ञान लेते हुए हाईकोर्ट ने रिटायर सेशन जज बीएल सोनी और रिटायर इंजीनियर इन चीफ अरुण शर्मा कोसदस्य बनाकर एक कमेटी बनाई। इसकमेटी ने रिपोर्ट अदालत में दी वो चौंकाने वाली थी। हाईकोर्ट ने चीफ सेक्रेटरी, अतिरिक्त चीफ सेक्रेटरी पीडब्ल्यूडी व एक अन्य सदस्य के खिलाफ अवमानना की कार्यवाही चला रखी है जो अभी भी जारी है।
तब से लेकर अब तक उनकी ओर से खड़ा किया गया छह वकीलों का पैनल अदालत में समय समय पर सड़क की मौजूदा स्थिति की हालात ब्यां करते रहते है।
बरागटा ने कहा कि हाईकोर्ट ने कंपनी को बांध दिया व 30जून 2016 तक सड़क का निर्माण पूरा करने के आदेश दिए है। लेकिन जिस गति से काम चला हुआ उससे नहीं लगता कि ये काम 30 जून तक पूरा हो जाएगा। कई पुल बनाने को है। बीस किलोमीटर सड़क की तो कटिंग होनी है। वीरभद्र सिंह सरकार के मंत्रियों व विधायक पर चुटकियां भी ली । धूमल के बेहद करीबी बरागटा ने कहा कि सड़क की खराब हालात की वजह से स्थानीय विधायक रोहित ठाकुर किसी दूसरी सड़क से रात केअंधेरे में निकलते है। उन्होंने बुजुर्ग मंत्री विद्या स्टोक्स को भीनहीं बख्शा। बोले, वो इस सड़क पर एक बार भी नहीं गई है। अगर वे ये साबित कर दें कि वो गई है तो वो उनसे माफी मांग लेंगे। तीन से पांच फुट के गढढे पड़े हुए है। आलम ये है कि जानवर भी बीमार पड़ जाए। सरकार कुछ नहीं कर रही है।
बरागटा ने कहा कि दो दिसंबर को कुडू,मांदल,घलू,टिक्कर,कलबोग,गुम्मा,कोटखाई,दियोली खनेरी व क्यारी से पदयात्रा निकालेंगे व सरकार की आंखे खुलवाने का काम करेगे।
समझा जा सकता है कि बरागटा व रोहित ठाकुर की राजनीतिक नैया को इस सड़क ने किस तरह से हिलाया हुआ है। रोहित ठाकुर वीरभद्र सिंह खेमे के निशाने पर रहे है लेकिन कौल सिंह ठाकुर व विद्या स्टोक्स का हाथ उन पर हमेशा रहा है।जबकि बरागटा को केवल धूमल का वरदहस्त है। ऐसे में दोनों इस सड़क के सहारे अपनी राजनीतिक नैया पार लगाने का इंतजाम कर रहे हैं। चूंकि अभी पंचायत चुनाव है और 2017 में विधानसभा चुनाव होने है ऐसे में देखना ये है कि ये सड़क किस नेता काराजनीतिक वजूद बचाती है।
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