शिमला। सुप्रीम कोर्ट ने भाजपा सांसद अनुराग ठाकुर की एचपीसीए को लेकर प्रदेश की वीरभद्र सिंह सरकार की ओर से पूर्व मुख्यमंत्री प्रेमकुमार धूमल,उनके बेटे अनुराग ठाकुर,प्रदेश सरकार में अतिरिक्त मुख्यसचिव दीपक सानन समेत एचपीसीए के 15पदाधिकारियों के खिलाफ धर्मशाला की अदालत में चल रहे ट्रायल पर स्टे दिया है।
सुप्रीम कोर्ट ने ये स्टे आज एचपीसीए की ओर से दायर याचिका की सुनवाई करते हुए दिए।एचपीसीए ने धर्मशाला की अदालत में पूर्व मुख्य मंत्री प्रेम कुमार धूमल व अन्यों के खिलाफ चल रही सुनवाई पर रोक लगाने का आग्रह किया था। एचपीसीए ने सुप्रीम कोर्ट में दलील दी कि उन्होंने एचपीसीए को सोसायटी से कंपनी के रूप में बदलने के लिए प्रदेश सरकार को जानकारी दी थी। इसके अलावा बीसीसीआई ने एचपीसीए को कंपनी बनाने की मंजूरी प्रदान कर रखी है।
एचपीसीए ने ये भी दलील दी कि उन्होंने सभी कानूनों की पालना की है और हो सकता हो कि उनसे सिविल स्तर पर कोई प्रोसीजरल चूक हुई हो। उन्होंने आपराधिक तौर पर कोई कांड नहीं किया है। उनके खिलाफ कोई आपराधिक मामला नहीं बनता है।उन्हें सरकार ने जमीन कानून के मुताबिक लीज पर दी थी।सता बदलने के बाद प्रदेश में सरकार बदली और राजनीतिक कारणों से ये मामला बनाया गया है।इसलिए धर्मशाला में उनके खिलाफ चल रही सुनवाई पर रोक लगाई जाए। एचपीसीए की ओर से पीसी पटवालिया ने पैरवी की।
सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस दीपक मिश्रा और जस्टिस प्रफुल सी पंत की खंडपीठ ने एचपीसीए की दलीलें सुनने के बाद धर्मशाला की अदालत में चल रही प्रोसीडिंग को स्टे कर प्रदेश सरकार को नोटिस जारी कर अपना पक्ष रखने के निर्देश दिए है।
प्रदेश के विजीलेंस व एंटी क्रप्शन ब्यूरो ने एचपीसीए की ओर से करोड़ों रुपए की सरकारी जमीन हथियाने और सोसायटी को कंपनी बनाने के मामले में धर्मशाला में एफआईआर नबंर 12/13 दर्ज की थी।इसमें धूमल,अनुराग ठाकुर ,प्रदेश के वरिष्ठ आईएएस अफसरों के अलावा एचपीसीए के 15पदाधिकारियोंं के खिलाफ आईपीसी और पीसी एक्ट के तहत मामला दर्ज किया था।
सुप्रीम कोर्ट की ओर से धूमल,अनुराग व अन्यों के खिलाफ धर्मशाला की अदालत में चल रहे ट्रायल पर स्टे मिलने से फौरी तौर पर राहत मिली है।जबकि वीरभ्रद सिंह व उनके लाडले अफसरों को करारा झटका लगा है।इस मामले में पूर्व मुख्यमंत्री धूमल व अन्यों ने धर्मशाला अदालत से जमानत ली है। अब आरोप निर्धरित होने थे। प्रदेश में सता बदलने केबाद वीरभद्र सिंह सरकारने धूमल और उनके बेटों पर कई एफआईआर दर्ज की है।इनमें से तीन मामलों में चालान अदालतां में फाइल किए जा चुके है।
(0)