शिमला। प्रदेश लोकसभा चुनावों में प्रदेश में भाजपा के बढ़ते दबदबे को देखते हुए कांग्रेस ने अपना मास्ट्रोक चलते हुए पार्टी के बागियों को वापस पार्टी में शामिल कर लिया है। इनमें कई कांग्रेसी विधायक शामिल है। लेकिन सक्खू ने वीरभद्रसिंह की हसरत को पूरा नहीं किया है वो उनको सताने पर आ गए है।कांग्रेस के जिन बागियों ने 2012 के विधानसभा चुनावो में कांग्रेस के प्रत्याशियों के खिलाफ चुनाव लड़ा था उन्हें वापस नहीं लिया गया है। इनमें कुल्ल्ूा से धर्मवीर धामी और सत्यप्रकाश शामिल है। वीरभद्र सिंह प्रतिभा की खातिर इन दोनों को कांग्रेस में वापस लाने के लिए सुक्खू से गुहार कर चुके है। लेकिन सुक्खू है कि वीरभद्र सिंह की सुन ही नहीं रहे है। इन दोंनों वीरभद्र समर्थक नेताओं की प्रतिभा की जीत के लिए बेहद ज्यादा जरूरत है। पार्टी ने कहा कि इन बागियों का मामला विचाराधीन है।
पार्टी में वापस लिए गए बागियों में मंडी के धर्मपुर से पूर्व विधायक नत्था सिंह,आनी से पूर्व विधयक ईश्वर दास, पूर्व विधायक प्रेम सिंह ,हमीरपुर से पूर्व विधायक रणजीत सिंह,कुटलैहड़ से पूर्व विधायक राम नाथ शर्मा, शामिल है।
इसके अलावा चंबा विधानसभा क्षेत्र से विनित विज, मनाली विधानसभा क्षेत्र से चंद्र सिंह ठाकुर,बंजार से इंदु पटियाल, मंडी के सिराज विधानसभा क्षेत्र से चेत राम ठाकुर व महेंद्र कुमार,जोगेंद्र नगर से जगमोहन सिंह ठाकुर व विनय जमवाल, सरकाघाट से लेखराज राणा व सुनील कुमार, बिलासपुर के घुमारवी विधानसभा क्षेत्र से प्रवीण शर्मा, जिला सोलन के विधानसभा क्षेत्र अर्की से डीडी शर्मा,दून से राजेश वर्मा व गुरमेल सिंह, शिमला शहरी से संजीव कुठियाला,रामपुर से दर्शन दास ठाकुर,ईश्वर दास लक्टू व इंद्र दास मेहता और रोहड़ू से के के चौहान व अजित राणा को वापस कांग्रेस में शामिल कर लिया गया है।
पार्टी ने ये कदम प्रदेश कांग्रेस की अनुशासन समिति की सिफारिशों के बाद किया है।
पार्टी ने अभी जो बागी पार्टी विधानसभा चुनाव में पार्टी प्रत्याशियों के खिलाफ लड़े थे उन्हें वापस नहीं लिया है। इनमें अर्की से मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह के कटटर समर्थक अमरचंद पाल, जिला कुल्लू से धर्मवीर धामी,देहरा से योगराज प्रमुख है।
पार्टी प्रवक्ता संजय चौहान ने कहा कि इन सबका मामला पार्टी के विचाराधीन है। इन पर पार्टी बाद में फैसला लेगी।
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