शिमला/अर्की।प्रदेश हाईकोर्ट और एनजीटी के आदेशों के बावजूद तहसील अर्की के बागा में लगे जेपी के सीमेंट कारखाने से मची तबाही को जेपी कंपनी जोंक की रफ्तार में दुरुस्त करने का कारनामा दिखाने पर आ गई है। जेपी कंपनी का लाखोें टन मलबा मांगल पंचायत की कई गांवों के लोगों की जमीनों पर पिछले कई सालोंं से बिछा पड़ा है लेकिन ये अदालतों के आदेशों के बावजूद भी नहीं उठ पा रहा है। जे पी कंपनी की ओर से मलवा उठाने का काम जोंक की रफ्तार से चलाया जा रहा है। ये खुलासा किसी ऐरे गैरे ने नहीं बल्कि अर्की के एसडीएम ने प्रधान सचिव इंडस्ट्री को भेजी अपनी पांच पेज की रिपोर्ट में किया है। ये रिपोर्ट रिपोटर्स आई डॉटकाॅम के पास उपलब्ध है व इसे सार्वजनिक भी किया जा रहा है ताकि अदालत की आंखों में झोंकी जा रही धूल से परदा उठ सके और अर्की के सभी दलों के नेताओं की कलई भी खुल सके कि वो जन सरोकारों के मामलों पर किस हद तक संजीदा है।उधर,कंपनी हाईकोर्टव एनजीटी के आदेशों का मजाक उड़ाने पर आ गई है।स्थानीय लोग कहते है कि वो शुरू से ही अदालतों के आदेशों का मजाक उड़ा रही है।
इसके अलावा सबसे गंभीर मसला ये है कि हर चुनावों के मौके पर घर-घर वोट मांगने आ जाने वाले कांग्रेस पार्टी के नेता जिनमें सोनिया गांधी के लाडले प्रकाश कराड़,संजय अवस्थी से लेकर बाकी छोटे बड़े नेता व भाजपा विधायक गोंबिंद शर्मा के अलावा सारे भाजपाई नेता शुमार करते है, की जुबानें बंद है वही प्रदेश की वीरभद्र सिंह खुद व उनकी सरकार के बड़े अफसर सवालों में है।
अर्की के एसडीएम एल आरवर्मा ने प्रधान सचिव इंडस्ट्री को लंबें समय के बाद अपनी रिपोर्ट सौंपी है । हालांकि ये बिलंब बेमानी था पर वीरभद्र सिंह सरकार के प्रशासन की मुस्तैदी कोजगजाहिर करने के लिए काफी है।
जानकारी के मुताबिक जेपी कंपनी अर्की के एसडीएम और बिलासपुर के एसएडीएम से नाखुश है व इन दोनों एसडीएम पर तबादलें की तलवार लटकी हुई है।
एसडीएम अर्की लायक राम वर्मा ने जो रिपोर्ट प्रधान सचिव उद्योग को सौंपी है वो चौंकाने वाली है। ये रिपोर्ट ये साफ संकेत करती है कि प्रदेश में औछ्योगिक घरानों ने प्रशासन,सरकार व अदालतों तक के आदेशों को हाइजैक कर दिया है।
एसडीएम ने करीब साढ़े तीन महीने के लंबे अंतराल के बाद अपनी रिपोर्ट तैयार की ये भी चौंकाने वाला तथ्य है। एसडीएम की रिपोर्ट में जो सबसे बड़ा हैरतअंगेज करने वाला खुलासा हुआ है वो ये है कि जे पी कंपनी ने हाईकोर्ट की ओर से ओर गठित वीपी मोहन कमेटी की सिफारिशों के मुताबिक डाइक को मजबूत नहीं किया। इसकी एक मुहाने से मरम्मत की जरूरत पड़ गई है और लगातार ताजा मलबा बारिश के साथ अब भी नीचे आ रहा है।एसडीएम की रिपोर्ट में ये खुलासा होना हाईकोर्ट,हाईकोर्ट की ओर से गठित वी पी मोहन समिति के निर्देशों व जेपी कंपनी की ओर से हाईकोर्ट/एनजीटी में पहले दिए शपथपत्रों की पाकीजगी पर सवाल खड़े कर देता है।
एसडीएम ने कहा कि एक्सीन पीडब्ल्यूडी ने जब मौके का मुआयना किया तो डाइक ठीक नहीं पाई गई।यही नहीं हाईकोर्ट ने आदेश दिएथे के मलबे को तुरंत उठाया जाए। लेकिन एसडीएम की रिपोर्ट में खुलासा हुआ कि मलबा उठाने के लिए पर्याप्त मशीनरी व लेबर तैनात नहीं की गई है।यही नहीं लोगों के खेतों को पानी पहंचाने वाली कूहलें भी बहाल नहीं हुई है। इसी तरह सभी पीने के पानी के सभी स्त्रोत भी जे पी कंपनी बहाल नहीं पाई है।
एसडीएम की रिपोर्ट में ये भी खुलासा हुआ है कि मौके पर अभी भी कई सड़के मलबे के नीचे दबी है।पानी के स्त्रोतों के अलावा धार्मिक तालाबों को भी बहाल नहीं किया गया है।रिपोर्ट में कहा गया है बहाली की रफ्तार बेहतर धीमी रखी गई है। जेपी कंपनी ने हालांकि अपनी सफाई में एसडीएम को कहा है कि उन्हें डंपिंग साइट की मंजूरी मिल गई है ऐसे में वो अबसारे काम शीघ्र ही कर देगी।/एसडीएम ने प्रधान सचिव उद्योग को रिपोर्ट भेजने के साथ ही जेपी कंपनी को हाईकोर्ट/एनजीटी के आदेशों की अनुपालना करने की हिदायतें दी हैं।
यहां पढ़े एसडीएम अर्की की जेपी कंपनी के कारनामों का सनसनीखेज खुलासा करती ये रिपोर्ट-:
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