शिमला।प्रदेश विधानसभा के बजट सत्र के तीसरे दिन भी सदन में विपक्ष पार्टी भाजपा ने हंगामा किया और नारेबाजी करते हुए सदन से वाकआउट कर दिया। इसके अलावा सदन में आज पानी पर सेस लगाकर चार हजार करोड़ रुपए की सालान आय सृजित करने की मंशा को लेकर सुक्खू सरकार की ओर से लाए गए हिमाचल प्रदेश जल विदयुत उत्पादन पर जल उपकर विधेयक 2023 को सर्वसम्मति से पारित कर दिया।
इस विधेयक को अपने संसाधनों से राज्य की आय बढ़ाने की दिशा में यह महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा हैं। सरकार की ओर से आज सदन में दावा किया गया इस सेस लगाने से आम जनता पर कोई बोझ नहीं पड़ेगा।
प्रश्नकाल के बाद मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने सदन में 2022-23 का आर्थिक सर्वेक्षण पेश किया । सर्वे में प्रदेश की विकास दर की रफतार 6.4 फीसद रहने का अनुमान लगाया हैं। पिछले वित साल के मुकाबले यह करीब एक फीसद कम रहेगी। आर्थिक सर्वे के मुताबिक प्रदेश में प्रति व्यक्ति आय 2 लाख 22 हजार 227 रुपए रहने का अनुमान लगाया गया हैं।
प्रश्नकाल के बाद प्रदेश की आय में इजाफा करने के लिए सदन में लाए गए हिमाचल प्रदेश जल विदयुत उत्पादन पर जल उपकर विधेयक 2023 पर चर्चा करते हुए भाजपा विधायक रणधीर शर्मा ने फरवरी महीने में इस बावत पर अध्यादेश लाने को लेकर सवाल उठा दिया। उन्होंने कहा कि जब बजट सत्र पंद्रह दिन बाद शुरू होना ही था तो यह अध्यादेश क्यों लाया गया। इसके अलावा उन्होंने इस कानून से परियोजनाओं पर पड़ने वाले प्रभावों का जिक्र भी किया। उन्होंने कहा कि उतराखंड में पांच मेगावाट तक की परियोजनाओं पर कोई सेस नहीं लगाया गया हैं, क्या हिमाचल में भी ऐसा होगा।
जवाब देते हुए उप मुख्यमंत्री अग्निहोत्री ने रणधीर शर्मा पर चुटकी ली व कहा कि वह तो पूंजीपतियों की वकालत कर रहे हैं। अग्निहोत्री ने कहा कि भाजपा के बडे नेता शांता कुमार भी पानी पर सेस लगाने की बातें करते रहे हैं । आज सरकार ने इस दिशा में प्रयास किया है व वह विपक्ष से सहयोग की अपेक्षा रखते हैं।रणधीर शर्मा ने कहा कि उन्होंने तो अपनी चिंताएं जाहिर की है लेकिन उप मुख्यमंत्री ने इसमें भी राजनीति कर दी। यह ठीक नहीं है। आय के साधन सृजित हो इसका भाजपा भी समर्थन करती है लेकिन यह जनता की कीमत पर नहीं होना चाहिए।
कांग्रेस विधायक राजेश धर्माणी ने कहा कि क्या सरकार पन बिजली परियोजनाओं पर ही यह सेस लगाएगी या जो पानी प्रदेश से बाहर जाता है उस पर भी लगाएगी।
भाजपा विधायक त्रिलोक जम्वाल ने कहा कि यह सेस प्रति यूनिट के हिसाब से लगाया जाना चाहिए। उन्होंने इस सेस की वजह से बिजली नीति पर पड़ने वाले प्रभावों का भी सदन में चर्चा के दौरान जिक्र किया।
मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि पांच मेगावाट से कम की परियोजनाओं जिन्हें हिमाचल के युवा चला रहे है उन्हें निश्चित तौर पर राहत दी जाएगी। इसके बाद इस विधेयक को सदन ने सर्वसम्मति से पारित कर दिया।
इससे पहले सुबह प्रश्नकाल शुरू होने पर भाजपा विधायकों ने सदन में हंगामा कर दिया और प्रदेश की सुक्खू सरकार की ओर डिनोटिफाई किए गए संस्थानों को खोलने की मांग को लेकर नारेबाजी शुरू कर दी। विधानसभा अध्यक्ष कुलदीप सिंह पठानिया ने विपक्षी सदस्यों को शांत करने की कोशिश की लेकिन नारेबाजी चलती रही इस बीच विधानसभा अध्यक्ष पठानिया ने प्रश्नकाल शुरू कर दिया। कांग्रेस विधायक संजय रत्न प्रश्नकाल के दौरान पूरक प्रश्न किया कि किसी भी तरह के ठेकों को बुक करने की प्रथा बंद होने चाहिए । किसी ठेकेदार को तीसरा ठेका तभी दिया जाना चाहिए जब वह पहले के दो कामों को पूरा कर लें।
इसके बाद नारेबाजी कर रहे भाजपा विधायकों से विधानसभा अध्यक्ष ने आग्रह किया कि अगर वह अपनी बात कहना चाहते है तो वह इजाजत देते हैं।
इजाजत मिलने के बाद नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर ने भाजपा विधायकों की ओर से कहा कि सरकार विपक्ष को हलके से ले रही हैं। सरकार ने जल्दबाजी में फैसला लेकर बिना सोचे-समझे प्रदेश भर में संस्थान बंद कर दिए और अब चारों ओर हाहाकार मचा हुआ है।
बीते रोज मुख्यमंत्री ने इस बावत गोल-मोल जवाब दिया और अंसुष्ट होकर सभी भाजपा विधायकों ने वाकआउट कर दिया। आज भी इस मसले पर भाजपा विधायक मुख्यमंत्री से मिलना चाह रहे थे लेकिन जब वह मुख्यमंत्री से मिलने उनके चैंबर के बाहर पहुंचे तो उन्हें कांग्रेस के विधायकों ने रोक दिया व नारेबाजी करने लगे। उन्हों सतापक्ष के विधायकों पर गुंडागर्दी करने का इल्जाम लगा दिया और कहा कि कुछ विधायक मंत्रिमंडल में शामिल होने की चाह पाले हुए इसलिए वह मुख्यमंत्री को यह जतलाना चाह रहे कि वह उनके लिए किस सीमा तक लड़ सकते हैं। जयराम ने कहा कि विपक्ष गुंडागर्दी बर्दाश्त नहीं करेगा । अगर सतापक्ष यह समझ रहा है कि वह विपक्ष को दफन कर देगा या कुचल देगा ऐसा नहीं होना चाहिए।
उन्होंने कहा कि आज जो परिस्थिति पैदा हुई व बेहद दुर्भाग्यपूर्ण थी व विपक्ष इसके विरोध में वाकआउट कर रहा है। इसी के साथ तमाम भाजपा विधायकों ने नारेबाजी करते हुए सदन से वाकआउट कर दिया।
भाजपा विधायकों के वाकआउट के बाद संसदीय कार्य मंत्री हर्ष वर्धन चौहान ने कहा भाजपा विधायकों की ओर से लगाए गए इल्जाम तथ्यों पर आधारित नहीं हैं। यह विपक्षी सदस्यों की हताशा व बौखलाहट को जाहिर करता है।बीते रोज ही सराकर ने इनकी ओर से लाएग गए काम रोको प्रसताव को मंजूर किया व संस्थानों के बंद होने पूरा दिनद चर्चा ली। लेकिन ये मुख्यमंत्री का जवाब सुनने से पहले ही सदन से बाहर चले गए। उन्होंने कहा कि ऐसा लगता है कि विपक्ष सरकार को डिक्टेट करना चाह रहा हैं जबकि इन्हें जनता ने नकार दिया हैं।
उन्होंने कहा कि आज जो विधानसभा परिसर में भाजपा विधायकों ने किया उसे काले अध्याय के रूप में जाना जाएगा। उन्होंने विपक्षी सदस्यों पर इल्जाम लगाया कि आज सुबह नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर की अध्यक्षता में भाजपा विधायक मुख्यमंत्री के चैंबर के बाहर नीचे बैठ गले में जंजीरें व ताले पहन कर नरेबाजी करने लगे। वह खुद बाहर आए और इन विधायकों से कहा कि मुख्यमंत्री से मिलने चलो। लेकिन यह विधायक मुख्यमंत्री से मिलने की मंशा से नहीं आए थे और यह वहीं पर मुख्यमंत्री के खिलाफ ऐसे नारे लगाने लगे जिसे कांग्रेस विधायक नहीं सुन सकते थे। इस पर कांग्रेस विधायकों ने भी नारेबाजी शुरू कर दी। यहीं नहीं मुख्यमंत्री नारेबाजी कर रहे विपक्षी विधायकों के बीच में से सदन की ओर निकले।
इस बीच उप मुख्यमंत्री मुकेश अग्निहोत्री ने हर्ष वर्धन चौहान से कहा कि वह विपक्षी भाजपा विधायकों के आचरण पर निंदा प्रस्ताव लाया जाए।
संसदीय कार्यमंत्री हर्षवर्धन चौहान सदन में भाजपा विधायकों के खिलाफ सदन में निंदा प्रस्ताव ले आए और कहा कि सतापक्ष भाजपा के नारों से डरने वाला नहीं हैं। मुख्यमंत्री के प्रति भाजपा विधायकों का आचरण अभद्रतापूर्ण रहा है।
इस दौरान उप मुख्यमंत्री मुकेश अग्निहोत्री ने नेता प्रतिपक्ष को लेकर कहा कि जयराम तो उल्टा चारेर कोतवाल को डांटे वाली बात कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि वह अपनी सरकार बचाना चाहते थे इसके लिए वह आखिरी के छह महीनों में रात दिन संस्थान खोलते रहे। लेकिन बावजूद इसके वह सरकार नहीं बचा पाए। संस्थानों को खोलने के लिए उन्होंने न तो वित की और न ही मापदंडों की परवाह की।
उन्होंने चुटकी ली कि अगर इनके विधायक उनसे ताजमहल बनवाने की मांग करते तो वह ताजमहल बनाने की मंजूरी भी दे देते। उन्होंने नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर पर प्रदेश के संसाधनों से खिलवाड़ करने का इल्जाम लगा दिया। उन्होंने कहा कि भाजपा विधायकों का यह कहना कि उन्हें मुख्यमंत्री से मिलने नहीं दिया झूठ का पुलिंदाहै । भाजपा विधयक नौंटकी कर रहे हैं।
स्वास्थ्य मंत्री कर्नल धनीराम शांडिल ने निंदा प्रस्ताव पर अपना पक्ष रखते हुए 1962 के भारत-चीन युद्ध के दौरान पूर्व प्रधानमंत्री स्व. लाल बहादुर शास्त्री की ओर से उठाए कदम की याद दिला दी व कहा कि जब वह फौज में हुसैनीवाला सेक्टर में तैनात थे तो उस समय के प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री ने आहवान किया कि देश के लोग एक समय का खाना नहीं खाएंगे। उन्होंने कहा कि अधिकारियों समेत किसी ने उस शाम को खाना नहीं खाया। अगर प्रदेश की वितीय स्थिति को देखते हुए मुख्यमंत्री ने कोई फैसला लिया है तो उसका पालन करना चाहिए।
राजस्व मंत्री जगत सिंह नेगी ने कहा विपक्षी विधायकों ने बीते रोज संस्थानों को बंद करने के फैसले पर काम करोको प्रस्ताव लाया व सरकर ने इसे मंजूर करने के लिए हामी भर दी। जबकि काम रोको प्रस्ताव बेहद जरूरी मसलों पर ही लाया जा सकता था। उन्होंने कहा कि यह मुददा जरूरी नहीं था। अगर बेहद जरूरी होता तो भाजपा धर्मशाला में विधानसभा के शीतकालीन सत्र में इस प्रस्ताव को लाती लेकिन वह नहीं लाए। उन्होंने कहा कि भाजपा विधायक अब मार्च महीने में जाकर जाग रहे हैं। उन्होंने कहा कि नेता प्रतिपक्ष सरकर पर लोकतंत्र को कमजोर करने के इल्जाम लगा रहे हैं। लेकिन उन्हें अपना दौर याद करना चाहिए। जब वह मुख्यमंत्री थे तो उन्होंने तो लोकतंत्र की हत्या की थी। वह मुख्यमंत्री को तालाबंदी वाला मुख्यमंत्री करार दे रहे है जबकि अपने पांच साल में वह हेलीकाप्टर से उतरे ही नहीं। यही नहीं वह सोलन को भी हैलीकाप्टर में जाते थे। नेगी ने इल्जाम लगाया कि वह कभी भी हेलीकाप्टर से जमीन पर उतरे ही नहीं।
चर्चा में भाग लेते हुए कांग्रेस विधायक संजय रत्न ने कहा कि प्रदेश की वितीय स्थिति खराब हैं ऐसे में विपक्षी विधायकों को केंद्र की भाजपा सरकार से वितीय पैकेज की मांग को लेकर दिल्ली चलना चाहिए और मख्यमंत्री समेत तमाम कांग्रेस विधायक चलेंगे। अगर पांच हजार करोड़ का पैकेज केंद्र सरकार से मिल गया तो दूसरे ही दिन तमाम बंद किए संसथानों को खोल दिया जाएगा।
उन्होंने कहा कि भाजपा विधायक मुख्यमंत्री चैंबर तक गले में जंजीरें पहन कर आ गए। विधानसभा परिसर में मेटल डिटेक्टर लगे हैं। ऐसे में वह अंदर कैसे आए। यह सुरक्षा में बड़ी चूक हैं। कल तो कोई हथियार लेकर भी परिसर में आ जाएगा। उन्होंने कहा कि भाजपा का यह आचरण प्रदेश हित में कतई भी नहीं हैं।
इस दौरान मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि संस्थानों को बंद करने का मामला अदालत में विचाराधीन था। बावजूद इसके इस मसले पर चर्चा करवाई। सुक्खू ने कहा कि जब उन्होंने सता में आने के बाद प्रदेश की वित स्थिति को देखा तो उन्हें बहुत तकलीफ हुई कि पिछले सरकार ने जनता के पैसे का किस कदर दुरपयोग किया गया । इसलिए उन्होंने तय किया कि सदन में आर्थिक स्थिति पर श्वेतपत्र लाया जाएगा।
सुबह विपक्षी विधायकों की ओरसे उनके कमरे के बाहर नारेबाजी की जा रही थी तो मंत्री हर्षवर्धन चौहान , विधायक सुधीर शर्मा व संजय रत्न ने कहा कि पिछले दरवाजे से सदन को चलते हैं। लेकिन उन्होंने कहा कि वह तो कालेज और विश्वविदयाल में खुद नारेबाजी करते रहे हैं। उन्होंने सोचा कि वह विपक्षी विधयकों की बात सुन लेते है जब वह बाहर आए तो विपक्ष विधायक दूसरी ओर चले गए। भाजपा विधायक सतपाल सत्ती और पवन काजल उन्हीं के साथ सदन को आए। अगर वह अपनी बात रखना चाहते तो अंदर आ जाते या वहीं रुक जाते।
उन्होंने कहा कि पांच सालों तक जयराम मुख्यमंत्री रहे व वह सच भी बोलते थे। लेकिन उन्होंने आज सबके सामने झूठ बोला। सुक्खू ने कहा कि वह तो किसी भी विधायक के घर मिलने जा सकते हैं। उन्होंने कहा कि बजट सदन के बाद वह विपक्षी विधायकों के हलको में जाएंगे वह जहां संस्थानों को खोलने की जरूरत होंगी उन्हें खोला जाएगा। लेकिन विपक्ष को झूठ के सहारे राजनीति करना शोभा नहीं देता। इसके बाद विधानसभा अध्यक्ष कुलदीप सिंह पठानिया ने प्रश्नकाल शुरू कर दिया।
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