शिमला।प्रदेश विधानसभा के बजट सत्र के पहले ही दिन आज भाजपा व कांग्रेस विधायकों के बीच विधायक विकास निधि को रोके जाने के मसले पर भिंड़त हो गई और भाजपा विधायकों ने सदन में जमकर नारेबाजी कर सदन से वाकआउट कर दिया। नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर ने विकास निधि को लेकर दिए जवाब पर कहा कि जो जवाब मुख्यमंत्री ने दिया है उससे भाजपा विधायक संतुष्ट नहीं है और जब तक निधि को जारी नहीं किया जाता भाजपा इस मसले को सदन में उठाती रहेगी।
सुबह शोकोदगार के बाद भाजपा विधायक विपिन परमार ने सदन में इस मसले को उठाया व कहा कि यह भाजपा ही नहीं कांग्रेस के विधायकों का भी मसला हैं। पूर्व की जयराम सरकार ने इस निधि को लेकर बजट में प्रावधान किया हुआ हैं।
इस मसले को लेकर भाजपा के नौ सदस्यों ने आज नियम 67 के तहत काम रोको प्रस्ताव लाया था व परमार ने कहा कि यह 67 विधायकों से जुड़ा मसला है व तमाम कार्यवाही रोक कर इस मसले पर चर्चा की जानी चाहिए। उन्होंने कहा कि पूर्व की सरकार ने विधायक विकास निधि के तहत दो करोड़ का प्रावधान किया था व तीन किश्तें जारी हो चुकी है लेकिन सरकार ने चौथी किश्त रोक दी हैं।
इस बीच संसदीय कार्यमंत्री हर्ष वर्धन चौहान ने कहा कि यह मसला भाजपा ही नहीं कांग्रेस विधायकों से भी जुड़ा हैं व यह मसला मुख्यमंत्री के विचाराधीन हैं। उन्होंने कहा कि प्रदेश पर 75 हजार करोड़ रुपए का कर्ज है ।
भाजपा विधायक रणधीर शर्मा ने कहा कि विधायक निधि से विधायक लोगों बीच जाकर छोटे-छोटे कामों को पैसा देते हैं। इसलिए इस निधि को जारी किया जाना चाहिए।
इस बीच उप मुख्यमंत्री मुकेश अग्निहोत्री ने कहा कि यह विधनसभा के इतिहास में पहली बार हुआ है कि 67 विधायकों के अधिकारों को लेकर नियम 67 के तहत काम रोको प्रस्ताव लाया गया हैं। यह प्रस्ताव भाजपा विधायकों ने अपने लिए लाया हैं। इस पर भाजपा विधायकों की ओर से टोका टोकी की जाने लगी । अग्निहोत्री ने कहा कि भाजपा विधायक विपक्ष में चले गए है इसकी उन्हें पीड़ा हो रही हैं।
अग्निहोत्री ने कहा कि कभी भी सदन में सदस्यों के अधिकारों और कर्तव्यों को लेकर बात नहीं हुई हैं। इस तरह की बात हमेशा विधानसभा अध्यक्ष के चैंबर में होती रही हैं। शोरशराबे के बीच अग्निहोत्री ने कहा कि यह स्थिति आई क्यों। जिस तरह से आर्थिक स्थिति को भाजपा की पूर्व सरकार बदहाल कर गई है यह उसी का नतीजा हैं। उन्होंने कहा कि आज कर्ज 75 हजार करोड़ हो गया हैं। इसमें अकेले जयराम सरकार ने 27 हजार करोड़ का कर्ज लिया हैं। जयराम सरकार 11 हजार करोड़ की कर्मचारियों की देनदारियां छोड़ गई हैं।
उन्होंने कहा कि इस सरकार ने तीन महीने के भीतर ओपीएस बहाल कर दी है। छह हजार अनाथ बच्चों को सरकार ने गोद लिया हैं व शराब के ठेके नीलाम कर दिए। अग्निहोत्री ने कहा कि उनकी सरकार सभी दस गारंटियों को पूरा करेगी। इस बीच विपक्षी विधायकों ने सदन में नारेबाजी शुरू कर दी । अग्निहोत्री ने सतापक्ष के विधायकों से भी कहा कि वह भी अपनी सीट पर खडे़ हो जाए। नारेबाजी के बीच दोनों ओर से विधायक अपनी-अपनी सीट पर खड़े हो गए व नारेबाजी करने लगे।
नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर ने अग्निहोत्री को लेकर तंज कसा व कहा कि यह लड़ना झगड़ना इनके काम नहीं आया और आगे भी नहीं आएगा। उन्होंने कहा कि सुक्खू व अग्निहोत्री कर्ज को लेकर गुमराह कर रहे हैं।
मुख्यमंत्री सुक्खू ने कहा कि जब वह मुख्यमंत्री बने तो उन्होंने वित विभाग के अधिकारियों से बैठक की तब उन्हें पता चला कि खजाना तो खाली हैं। जयराम सरकार ने पंचायत घर में कालेज खोल दिए। कहीं कोई भर्ती नहीं की। प्रदेश आर्थिक बदहाली से गुजर रहा हैं। सरकार श्वेत पत्र लाएगी ।इस बीच सदन में शोरगुल मच गया व विपक्षी विधायकों की ओर से मांग की जाने लगी वह विधायक विकास निधि पर बोले।
इस पर सुक्खू ने कहा कि उन्होंने यह निधि बंद नहीं की है बल्कि रोकी हैं। उन्होंने कहा कि अभी 952 करोड की डीए की देनदारी देने को हैं जो जयराम सरकार छोड़ कर चली गई हैं। उन्होंने कहा कि इस मसले वपर काम राको प्रस्ताव कौन लाता है। इस पर चर्चा आ सकती हैं। उन्होंने कहा कि जयराम सरकार की वजह से आज प्रदेश की हर व्यक्ति पर एक लाख रुपए कर्ज का बोझ हैं।
उन्होंने कहा कि सरकार ने हिमाचल सदन में विधायकों के कमरे के किराए पर सबसिडी बंद कर दी। खाने पर भी सबसिडी बंद कर दी। सरकार व्यवस्था परिवर्तन कर रही हैं और उस दिशा में धीरे-धीरे आगे बढ रही हैं। सुक्खू ने कहा कि आने वाले समय में आर्थिक परिस्थितियों के हिसाब से फैसला लिया जाएगा।
इस पर जयराम ठाकुर ने कहा कि पिछली सरकार को देनदारियां तो हमेशा ही रहतीहै जजब वह 2017 में सता में आए थे तो क्या कांग्रेस सरकार देनदारियां खत्म करके गई थी। उन्होंने कहा कि विपक्ष मुख्यमंत्री के जवाब से संतुष्ट नहीं है और सदन से वाकआउट कर रहा है। इस तरह भाजपा के सभी विधायकों ने सदन से वाकआउट कर दिया ।
विपक्ष की गैर मौजूदगी में मुख्यमंत्री ने कहा कि अभी वित वर्ष की तीसरी तिमाही की रपट 20 मार्च तक आनी हैं। इस तिमाही में कितनी आय होगी इसका आकलन करने के बाद विधायक विकास निधि को लेकर कोई फैसला लिया जाएगा।
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