ग्रहों के सेनापति मंगल इन दिनों नीच राशि कर्क में विचरण कर रहे है। कर्क जलीय तत्व की राशि है। ऐसे में लाल ग्रह मंगल कर्क राशि मे ज्यादा सहज नहीं होते।
लेकिन पराक्रम के ग्रह मंगल जल्द ही अपने मित्र और राजा सूर्य के घर आएंगे और केतु जोकि मंगल का ही प्रारूप माना जाता है,उस के साथ बैठेंगे तो उन का पराक्रम बढ़ जाएगा। व केतु व मंगल के सिंह राशि में एक साथ गोचर करने से इस राशि में विस्फोटक और अंगारक योग बन रहा हैं। ऐसे में सब में क्रोध व गुस्सा बढ़ता देखेंगा। मंगल कर्क राशि से चल कर सात जून को सिंह राशि में प्रवेश कर जाएंगे और यहां 50 दिनों तक रहेंगे।सिंह राशि ग्रहों के राजा सूर्यदेव की राशि है और अग्नितत्व की राशि है। इस तरह सिंह राशि में केतु और मंगल के एक साथ गोचर करने से तमाम तरह की घटनाएं होने की प्रबंल शंकाएं हैं।
ज्योतिषीय गणना के मुताबिक इन दोनों ग्रहों के सिंह राशि में गोचर करने से उतर पूर्व के राज्यों व देशों में भारी उथल-पुथल की संभावनाएं दृष्टिगोचर हो रही हैं।
सरकारों के मुखियाओं की पलटेंगी कुर्सियां
भारत के उतर पूर्व के राज्यों सरकारों में सरकार का मुखिया अपने पद से हट सकता हैं। इसके अलावा उतर पूर्व के देशों में सात जून के बाद 50 दिनों तक युद्ध की संभावनाएं नजर आ रही हैं। विमान क्रैश हो सकता है या युद्ध में विमानों की टकराने व विस्फोट होना दृष्टिगोचर हो रहा हैं। ग्रहों की गोचरीय गणनाएं तमाम तरह के षडयंत्र व आतंकी गतिविधियों के होने को दृष्टिगोचर कर रहे हैं।
इस दौरान कई साज़िशें भी सामने आ सकती हैं।खासकर तब जब 15 जुलाई के बाद सूर्य देव भी इस घर में प्रवेश करेंगे।इस दौरान कई भ्रष्ट लोगों की पोल खुल सकती हैं।
वार हुआ तो भारत का बढ़ेगा स्टेटस
भारत की वृषभ लग्न की कुंडली हैं। ऐसे में भारत की कुंडली में मंगल सात जून को चौथे घर प्रवेश कर जाएंगे। यहां पर पहले से ही केतु गोचर कर रहे हैं। केतु और मंगल की युति इस घर में देश में अशांति का संकेत दे रही हैं।कोई बीमारी भी फैल सकती है। दुर्घटनाओं की संभावनाएं बनेगी। भारत की कुंडली का ज्योतिषीय विश्लेषण करने पर लग रहा है कि अगर भारत के पड़ोसी देशों के साथ युद्ध होता है तो दुनिया में भारत का स्टेटस बढ़ेगा।
चौथे दृष्टि से मंगल वृश्चिक, सातवीं से कुंभ और आठवीं दृष्टि से मीन राशि को देखेंगा तो इस दौरान यानी इन 50 दिनों में भारत व दुनिया में डिफेंस के क्षेत्र में नए हथियार की खोज हो सकती हैं। किसी बीमारी की दवा की खोज हो सकती या फिर आइटी के क्षेत्र में कुछ नई खोज सामने आ सकती हैं। इसके अलावा वित्तीय लेन -देन का प्रचलन आनलाइन ज्यादा हो जाएगा।
मंगल की आठवीं दृष्टि मीन राशि पर पड़ रही है। मीन राशि में पहले से ही शनि गोचर कर रहा है है। ऐसे में देश व दुनिया में पानी को लेकर विवाद बढ़ेगा। युद्ध में पानी का इस्तेमाल एक हथियार के रूप में किया जाएग। बाढ़ व जलजनित बीमारियों का प्रकोप साफ़ तौर पर दृष्टिगोचर हो रहा हैं। सेना व पुलिस बलों की भूमिका बढ़ने वाली है और जनता का रोष सरकारों को सहना पड़ सकता हैं। इस दौरान सता की ओर से जनता के रोष को दबाने के लिए ताकत का इस्तेमाल किए जाने की संभावना हैं। खेलों,सेना व पुलिस बलों में मुश्किलें खड़ी होने के संकेत मिल रहे हैं।
चूंकि मंगल नीच की कर्क राशि से उच्च की राशि सिंह जो सूर्य की राशि है,में प्रवेश करेगा। ऐसे में वाणी पर संयम रखने व विवादों से बचने की जरूरत हैं।वाणी की वजह से कुटुंब में रिश्तों में खटास आने की संभावना दृष्टिगोचर हो रही हैं।खास कर कर्क राशि वालों को तो वाणी का खास ध्यान रखने की आवश्यकता हैं।
सात जून के बाद अगले 50 दिनों तक यानी 28 जुलाई तक हर तरह के विवादों से दूर रहे। इसके अलावा गणपति और बजरंगबलि की शरण में रहेंगे तो कल्याण ही होगा।
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