शिमला। हिमाचल प्रदेश में बारिश से विभिन्न स्थानों पर अब तक 31 लोगों की मौत हो चुकी है जबकि 633 मवेशी बह गए है। ये खुलासा मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह ने मंगलवार को राज्य स्तरीय आपदा प्रबन्धन प्राधिकरण की बैठक में किया । उन्होंने कहा कि बावजूद इसके, प्रदेश सरकार ने अनेक सड़कों और पेयजल योजनाओं को पुनर्बहाल कर दिया है। इसके अतिरिक्त, शिमला, कांगड़ा तथा मण्डी जिलों में लोक निर्माण विभाग के लिए 280 करोड़ रुपये की मशीनरी, जिसमें 342 लोडर तथा डोजर इत्यादि शामिल हैं, की सेवाएं ली जा रही है ताकि सड़कों को पुनर्बहाल करने का कार्य तेजी से किया जा सके। सड़कों तथा पुलों के क्षतिग्रस्त होने के कारण कुल 412 करोड़ रुपये का नुक्सान आंका गया है।
वीरभद्र सिंह ने आगामी 22 अगस्त तक सभी बन्द सड़कों को खोलने तथा राष्ट्रीय उच्च मार्ग-88 पर कुनाह खड्ड पर क्षतिग्रस्त पुल को पुनर्बहाल करने के निर्देश दिए। इसके लिए बैली ब्रिज सामग्री भेज दी गई है। उन्होंने कहा कि जाहू में सीर खड्ड पुल तथा पराशर मार्ग पर बागी खड्ड पुल को भी प्राथमिकता के आधार पर पुनर्बहाल किया जाएगा।
इस वर्ष माॅनसून के दौरान 16 अगस्त तक 336 सड़कें बन्द हुईं। इनमें से 187 सड़कों को खोल दिया गया है, जबकि 132 सड़कों के आज शाम तक खुल जाने की संभावना है। पुनर्बहाल कार्य को प्राथमिकता के आधार पर करने के लिए प्रदेश सरकार ने लोक निर्माण विभाग के वृतों को धनराशि उपलब्ध करवा दी है।
मुख्यमंत्री ने सेब सीज़न के दृष्टिगत प्रदेश के दूरदराज एवं जनजातीय क्षेत्रों में सड़कों को पुनर्बहाल करने पर बल देते हुए कहा कि देश की विभिन्न मण्डियों में सेब समय पर पहुंचाने के लिए यह आवश्यक है कि सेब परिवहन में किसी प्रकार की बाधा न आए। उन्होंने ग्रामीण सड़कों को खोलने पर बल दिया ताकि किसान बाजार तक अपना उत्पाद सुगमता से पहुंचा सके।
वीरभद्र सिंह ने शिमला-किन्नौर राष्ट्रीय उच्च मार्ग पर उरनी के समीप भू-स्खलन क्षेत्र का स्थायी समाधान निकालने पर बल दिया। उन्होंने कहा कि किन्नौर जिले की कमजोर भौगोलिक संरचना के दृष्टिगत यहां फव्वारा तथा कूहल सिंचाई को हतोत्साहित किया जाना चाहिए, क्योंकि इसे भू-स्खलन का मुख्य कारण माना जा रहा है। इसके अतिरिक्त, विभिन्न कम्पनियों द्वारा सुरंग निर्माण के लिए किए जा रहे विस्फोटों से किन्नौर की कमजोर पहाडि़यों को नुक्सान पहुंचा है।
वीरभद्र सिंह ने कहा कि वे गत वित्त वर्ष में आपदा के कारण हुए नुक्सान की भरपाई के लिए शेष राशि स्वीकृत करने के लिए व्यक्तिगत रूप से केन्द्र सरकार से आग्रह कर चुके हैं तथा इस संबंध में उन्हें लिखित रूप से अवगत करवाया गया है। उन्होंने कहा कि इस कार्य के लिए लगभग 252 करोड़ रुपये स्वीकृत किए गए थे और प्रदेश सरकार को अभी तक 95 करोड़ रुपये प्राप्त हुए हैं। उन्होंने कहा कि भारत सरकार पुनर्वास कार्य के लिए शेष राशि शीघ्र उपलब्ध करवाने पर सहमत हो गई है।
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