बीते शनिवार को राष्ट्रीय अध्यापक शिक्षा परिषद की ओर से प्रदेश में चल रहे बीएड और एमएड के निजी शिक्षण संस्थानों के निरीक्षण पर भेजी टीमों के उतर प्रदेश के सरकारी कालेजों के रिश्वतखोरी के मामले में गिरफतार किए तीन प्राचार्यों का आज धर्मशाला की विशेष जज की अदालत ने तीन और दिन को पुलिस रिमांड बढ़ा दिया है। इन तीनों को धर्मशाला की अदालत ने शनिवार को 18 जनवरी तक पुलिस रिमांड पर भेजा था। विजीलेंस ने इन तोनों को आज दोबारा अदालत के समक्ष पेश किया और पुलिस रिमांड मांगा। अदालत ने तीनों आरापियों को अब 20 जनवरी तक पुलिस रिमांड पर भेज दिया है।
एसपी विजीलेंस धर्मशाला बलबीर सिंह ने कहा कि इन लोगों से हुई पूछताछ में इन्होंने राज खोले हैं इसे अभी जाहिर नहीं किया जा सकता है। अभी जांच जारी है।
याद रहे शनिवार को विजीलेंस धर्मशाला की टीमों ने खुफिया जानकारी मिलने पर गग्गल के होटल से संजीव कुमार व काव्या दुबे को हिरासत में लिया था। इनके कमरे की छानबीन करने पर इनके कब्जे से 11 लाख 48 हजार रुपए की रिश्वत की रकम बरामद की गई इन दोनों पर भ्रष्टाचार निरोधक अधिनियम की धारा 13(2) के तहत मामला दर्ज किया गया था। इतनी बड़ी रिश्वत की रकम मिलने के बाद इन्हें गिरफतार कर लिया था। यह दोनों गगगल हवाई अडडे से उड़ान भरने वाले थे लेकिन इन्हें पहले ही दबोच लिया गया था।
दूसरा मामला इंदौरा का था। यहां पर सीमा शर्मा व महेश प्रसाद जैन की टीम निरीक्षण पर गई थी। इनमें से विजीलेंस ने सीमा शर्मा को दो लाख रुपए की रिश्वत लेते रंगे हाथ गिरफतार किया जबकि बाद कमरों की तलाशी लेने पर चार लाख आठ हजार रुपए की रकम अलग से मिली। हालांकि पहले विजीलेंस की टीम ने महेश प्रसाद जैन को भी हिरासत में लिया था लेकिन रिश्वतखोरी के मामले में विजीलेंस को उनकी भूमिका का कोई सबूत नहीं मिला। इसलिए उन्हें छोड़ दिया।ऐसा दावा एसपी विजीलेंस बलबीर सिंह ने किया है।
एसपी विजीलेंस धर्मशाला बलबीर सिंह ने कहा कि ये तीनों आरोपी उतर प्रदेश के सरकारी कालेजों में सहायक व सह प्राचार्य के पदों पर तैनात हैं व राष्ट्रीय अध्यापक शिक्षा परिषद ने इन्हें अपने पैनल पर रखा हुआ है।
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