शिमला। विश्वविख्यात दृष्टिहीन लेखक, सामाजिक कार्यकर्ता और वर्ड कप क्रिकेट फार ब्लाइंड के संस्थापक जाॅज अब्राह्म ने कहा है कि शिक्षा ही दृष्टिहीनजनों और दूसरे विकलांगों का सबसे बड़ा हथियार है। उन्होंने कहा कि टैक्नोलाॅजी के इस्तेमाल से दृष्टिहीन लोग बड़े से बड़ा काम कर सकते हैं।
उमंग फाउंडेषन के ‘नज़र या नज़रिया’ कार्यक्रम का आयोजन आज राजकीय कन्या महाविद्यालय और हिमाचल प्रदेश विष्वविद्यालय मंे किया गया जिसमें जाॅज अब्राह्म ने अपने दूरदर्शन सीरियल ‘नज़र या नज़रिया’ के अंश दिखाकर विद्यार्थियों, शिक्षकों और गैर शिक्षक कर्मचारियों को दृष्टिहीनता की चुनौतियों के बारे में बताया। फाउंडेषन के अध्यक्ष अजय श्रीवास्तव ने बताया कि आर.के.एम.वी, हि.प्र.विष्वविद्यालय, संजौली काॅलेज और पोर्टमोर स्कूल में फाउंडेशन के सहयोग से अनेक दृष्टिहीन विद्यार्थी शिक्षा ग्रहण कर रहे हैं। उन्हें समाज की मुख्य धारा में लाने के लिए विद्यार्थियों, शिक्षकों और गैर शिक्षक कर्मचारियों को जागरूक करने का प्रयास किया गया। आर.के.एम.वी में काॅलेज की प्रिंसिपल मीरा वालिया और विष्वविद्यालय में अधिष्ठाता अध्ययन प्रोटी.सी.भल्ला मुख्य अतिथि थे।
दोनों कार्यक्रमों में जाॅर्ज अब्राह्म ने कहा कि दृष्टिहीनजनों में ही नहीं बल्कि समाज के विभिन्न वर्गों में विकलांगों की शिक्षा और समाज मंे उनके योगदान को लेकर अनेक शंकाएं हैं। उन्होंने कहा कि ये माना जाता था कि विकलांग समाज में कोई महत्वपूर्ण योगदान नहीं कर सकते। जबकि ये धारणाएं अब गलत साबित हो रही हैं। उन्होंने बताया कि भारत में भी दृष्टिहीनजन साॅफ्टवेयर इंजिनियर, वकील, जज, बैंक मैनेजर एवं अन्य महत्वपूर्ण पदों पर कार्य कर रहे हैं। हालांकि उनकी संख्या अभी कम है। अब तो आई.ए.एस. में भी कई दृष्टिहीन चुने जा चुके हैं।
उन्होंने अभिनेता नसीरूद्दीन शाह की प्रस्तुति वाले अपने चर्चित दूरदर्शन सिरियल के अंश दिखाए और उनके माध्यम से दृष्टिहीनता की चुनौती को जीतने वाले लोगों से दर्शकों को रूबरू कराया। उन्होंने बताया कि दृष्टिहीनजनों को रोज़मर्रा के कार्यों से लेकर अपने व्यवसाय या कार्यालय के कार्यों में टैक्नौलाॅजी कितना महत्वपूर्ण योगदान कर रही है। उन्होंने कहा कि शिक्षा में यदि गुणवत्ता है और दृष्टिहीनजनों को समान अवसर मिल जाते हैं तो वे अन्य व्यक्तियों की तरह समाज में अपना योगदान दे सकते हैं। फाउंडेषन के अध्यक्ष अजय श्रीवास्तव ने बताया कि उनकी संस्था सीधे तौर पर 55 से अधिक दृष्टिहीन, मूकबधिर एवं अन्य विकलांग विद्यार्थियों की हर प्रकार से सहायता कर रही है। इसके साथ ही समाज में जागरूकता अभियान भी चला रही है।
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