थलोट मंडी। ब्यास नदी के थलोट से पंडोह तक के 14 किलोमीटर क्षेत्र ने तेलंगाना के 21 घरों के चिरागों को अपने आगोश में कहीं दफन कर लिया है। जिन्हें सेना,एसएसबी,एनडीआरएफ,आईटीबीपी और स्थानीय गोताखोर बाहर नहीं निकाल पा रहे है। रविवार को ब्यास में डूबे 25 में से आज सोमवार को केवल चार छात्र छात्राओें की लाशें निकाली जा सकी है। बाकी सब इस 14 किलोमीटर के घेरे में पानी के नीचे कहीं गाद या पत्थरों के बीच पथराई अटकी पड़ी है।
हैदराबाद के वीएनआर विज्ञान ज्योति कालेज आफ इंजीनियरिंग एंड टैक्नालॉजी के 25 छात्रों को रविवार को लारजी विदयुत प्रोजेक्ट से अचानक छोड़े पानी का बहाव अपने साथ बहा कर ले गया। छात्रों का आरोप है किपानीअचानक छोड़ागया । कोईचेतावनी नहींदी गई। लेकिन सीएम वीरभद्र सिंह इस बात को नकार गए।उन्होंने कहा कि सायरन बजा था।
तेलंगाना सरकार ने हैदराबाद से अपने गोताखोर बुलाए है।अब किसी भी छात्र के बचने की उम्मीद नहीं है। लेकिन इन बच्चों के माता पिता को अब अपने लाडलों की लाशों का इंतजार है। जिन चार छात्रों की लाशें निकाली गई है उनमें से तीन छात्राएं अकुला विजयथ,लक्ष्मी गायत्री,गमपाला एश्वर्या और छात्र बनाथू रामबाबू शामिल है। इन्हें पंडोह के पास से अलग अलग स्थानों से निकाला गया है। दोपहर 12 बजे के बाद किसी भी लाश को नहीं निकाला जा सका है।
इन्हें सेना के विमान से हैदराबाद पहुंचा दिया गया है। बाकी 21 लाडलों के माता पिता ब्यास नदी के रहमों करम पर है और सेना से लेकर एनडीआरएफ,आईटीबीपी,एसएसबी व स्थानीय गोताखारों से अपने लाडलों की लाशों को ब्यास से बाहर निकालने की गुहार लगा रहे है। इन एजेंसियों के सैंकड़ों के जवान पंडोह से लेकर थलोट तक नदी को घेरे हुए है। परिजन चमत्कार की आस भी लगा रहे है कि कहीं कोई बच्चा जीवित ही बच जाए।लेकिन प्रशासन का मानना है कि संभावना शुन्य है। ब्यास में पानी में कहीं खो गए अपने छोटे भाई के बेटे बैरेंट रितविक को ढूंढने चैन्नई से आए राम चंद्र राव ने कहा कि वो कुछ भी बोलने की स्थिति में नहीं। उनके छोटे भाई का ये एक ही बेटा था जो अब ब्यास नदी में कहीं हैं। चैन्नई में इंडिनयन बैंक में अधिकारी रामचंद राव ने कहा कि वह बद नसीब है। इतना ही कह सकते है। देखते है कि बचाव दल क्या कर पाता है। रितविक के पिता आंध्रप्रदेश रोड़ ट्रांसपोर्ट कारपोरेशन में इंजीनियर है।
तेलंगाना के गृहमंत्री रेडडी मंडी में
तेलंगाना के गृह व श्रम मंत्री नाइन नरसिम्हा रेडडी व तीन आईएएस अफसरों की टीम मौके पर पहुंच गई है। गृहमंत्री रेडडी ने कहा कि रविवार शाम को साढ़े छह बजे केबिनेट की बैठक में जानकारी मिली कि हैदराबाद की एक निजी इंजीनियरिंग कालेज के 24 बच्चें हिमाचल की ब्यास नदी में डूब गए है। केबिनेट में उन्हें और तीन आईएएस अफसरों के दल को हिमाचल भेजा है। उन्होंने कहा कि विधायकों का एक और दल मंगलवार को मंडी आ रहा है। तेलंगाना के सांसदों के एक दल ने प्रधानंमत्री से भी मुलाकात की है। रेडडी ने कहा कि बच्चें के मातापिता सरकार की ओर से किए इंतजामों से खुश नहीं है। माता पिता चाहते है कि पानी में गहरे में उतरा जाए। उधर,सूत्रों का कहना है कि अगर लारजी से पानी छोड़ा गया तो लाशों के गाद में फंसने का खतरा है।
स्मृति ईरानी ,वीरभद्र व धूमल ने भी लिया जायजा
अचानक पानी छोड़ने से हुए इस दर्दनाक हादसे के बाद केंंद्रीय मानव संसाधनमंत्री स्मृति जुबेन इरानी सबसे पहले मौके पर पहुंची और बच्चों से मिली। उनके बाद मुख्यमंत्री वीरभ्द्र सिंह व विपक्ष के नेता प्रेमकुमार धूमल भी मौके पर पहुंचे। लेकिन दुखद ये कि इनके पहुंचने के बावजूद ब्यास से लाशें नहीं निकाली जा सकी।राष्ट्रीय महिला आयोग की सदस्य रश्मिीधर सूद और प्रदेश भाजपा की उपाध्यक्ष रमा वर्मा ने भी मौके पर जाकर बचाव कार्य का जायजा लिया। वह इन बच्चों के माता पिता से मिली व तेलंगाना के गृहमंत्री रेडडी से भी मिली।
लारजी और पंडोह से पानी छोड़ा
इन 21 बच्चों की लाशों को निकालने के लिए इस 14 किलोमीटर क्षेत्र से पानी को कम करने के लिए लारजी के इंजीनियरों ने लारजी से पानी छोड़ने की योजना बनाई है।बचाव कार्य का जायजा लेने के लिए पंडोह में डेरा डाले हिमाचल प्रदेश के परिवहन मंत्री जी एस बाली ने कहा कि गोताखोरों को और गहराई में उतारने के लिए पानी को कम किया जा रहा है। अब मंगलवार सुबह गोताखोर लाशों को निकालने की जोर आजमाइश करेंगे। 20 के करीब गोताखोर मौके पर पहुंचे है।
बाली के साथ पंचायती राज व ग्रामीण विकास मंत्री अनिल शर्मा भी मौके पंडोह में ही डेरा डाले हुए है। जिला कुल्ल्ूा से विधायक कर्ण सिंह भी मौके पर है।
हिमाचल हाईकोर्ट ने लिया संज्ञान
इस हादसे पर हिमाचल हाईकोर्ट ने भी संज्ञान लिया और प्रशासन को हर संभव कदम उठाने के निर्देश दिए है। जस्टिस त्रिलोक सिंह चौहान ने सरकार को आदेश दिए कि भविष्य में इस तरह के हादसे न हो इसके लिए कदम उठाए जाए।
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