शिमला।सरकार व भाजपा दोनों आगामी लोकसभा चुनावों के मददेनजर एक दूसरे के टॉप नेताओं को फांसने में जुट गए है। भाजपा के पूर्व मुख्यमंत्री प्रेमकुमार धूमल धड़े के निशाने पर मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह व उनके लाडले अफसर है तो सरकार धूमल,उनके सांसद पुत्र अनुराग ठाकुर को सलाखों के पीछे भेजने का इंतजाम कर रही है।
सचिवालय में अफसरों में खलबली मची है।सरकार की ओर से एचपीसीए व फोन टेपिंग के जरिए धूमल व अनुराग को घेरने का इंतजाम हो चुका है तो धूमल व उनका कुनबा हिमाचल प्रदेश अधीनस्थ सेवाएं बोर्ड हमीरपुर के पूर्व अध्यक्ष व रिटायर आईएएस सुरेंद्र मोहन कटवाल की ओर से वीरभद्र सिंह के खिलाफ हाईकोर्ट में दायर किए जा रहे मामलों को भुनाने की फिराक में है।एसएम कटवाल की ओर से सीडी कांड में हाईकोर्ट में दायर याचिका इसी रणनीति का हिस्सा है। कटवाल ने हाईकोर्ट में सीडी कांड में वीरभद्र को मिली क्लीन चिट को चुनौती दी है।इससे पहले कांग्रेस के वरिष्ठ नेता मेजर विजय सिंह मनकोटिया ने सीडी जारी की थी भाजपा ने इसे चुनावों में जमकर भुनाया था।अब कटवाल की ओर दायर की जाने वाली याचिकाओं पर जो कुछ भी सामने आएगा उसे भुनाने की तैयारी है।
1993 से 1997 के बीच मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह के कार्यकाल में चिटों पर हुई भर्ती मामले में विजीलेंस पर अवमानना का मुकदमा दायर करने की तैयारी भी हो रही है। चिटों पर भर्ती मामले में 2005 में हाईकोर्ट के आदेशों पर एफआईआर हुई थी।
हाईकोर्ट ने विजीलेंस को आदेश दिए थे कि ये भर्तियां किसके इशारे पर हुई इसका पता लगाया जाए। 2005 से लेकर अब तक विजीलेंस ने न तो धूमल सरकार व न ही 2003 से 2008 तक की वीरभद्र सिंह सरकार के कार्यकाल में पता लगाया कि ये भर्तियां किसके इशारे पर हुई है।
विजीलेंस पर अवमानना का मुकदमा हो जाने पर मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह सवालों में आ जाएंगे। बताते है कि अवमानना का मुकदमा करने के लिए किसी व्यक्ति की तलाश की जा रही है।कटवाल खुद भी अर्जी दायर कर सकते है। इसके अलावा कुछ और मामलों के दस्तावेज भी एकत्रित किए जा रहे है।अनुराग ठाकुर पहले ही एलान कर चुके है कि उनकी टीम ने आरटीआई के जरिए अपना अभियान शुरू कर दिया है।
उधर,सरकार ने एचपीसीए व फोन टेपिंग मामले में धूमल और अनुराग को फांसने का लगभग पूरा इंतजाम कर दिया है।एचपीसीए मामले में विजीलेंस की टीम कानपुर के बाद मुबंई गई थी ।वहां से कई जानकारियां लाई है।सूत्रों के मुताबिक विजीलेंस बीसीसीआई के कार्यालय में भी दस्तक दे चुकी है। पैसे की कहां -कहां पर कैसी –कैसी डील हुई है इन सबका हिसाब एकत्रित किया जा रहा है। बड़े खुलासे होने वाले है। विजीलेंस के अफसर आधिकारिक तौर पर पूरी तरह से खामोश है।
एचपीसीए पर प्रशासक बिठाने की तैयारी भी हो रही है। रजिस्ट्रार कोआपरेटिव सोसायटीज की ओर से एचपीसीए को भेजा शोकॉज नोटिस इसी का हिस्सा है। सत्य स्वदेश ने ही ये सवाल उठाया था कि सरकार की नजर में एचपीसीए सोसायटी है या कंपनी ये सरकार व उसके विभाग तय नहीं कर पा रहे है।बताते है कि इस मामले में सीएम व एसीएस सहकारिता पी मित्रा ने दखल दिया उसके बाद शो कॉज नोटिस थमाया गया।
बेहद संगीन फोन टेपिंग मामले में नए खुलासे सामने आ चुके है। धूमल के कार्याकाल में उनके किन किन करीबी मंत्रियों के फोन टेप किए गए इस तरह की चीजें रिकार्ड पर आ सकती है। इस मामले में एफआईआर में अभी तक किसी का नाम शामिल नहीं किया गया है। पुलिस के बड़े अधिकारियों से कभी भी पूछताछ हो सकती है। पुलिस सूत्रों के मुताबिक डीजीपी होमगार्ड आई डी भंडारी समेत कई अफसरों के बयान लिए जा सकते है। इस कांड की खुलने वाली परतें प्रदेश की राजनीति में तूफान खड़ा करने वाली है। विजीलेंस विभाग के अफसरों की माने तो इस मामले में पूछताछ का सिलसिला शुरू होने वाला है।सबसे पहले पुलिस अफसरों से शुरूआत होनी है।
(3)