शिमला। मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह के सचिवालय से लेकर पर्यटन निगम तक उंचे ओहदों पर बैठे लाडले अफसर पर्यटन निगम में फर्जी डिग्री पर नौकरी हासिल करने वाले मुन्ना भाई के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने का मामला लटकाने पर आ गए है। आज दिन प्रदेश में जहांभीफर्जी डिग्री का मामला सामने आया है संबधित अधिकारियों ने तुरंत एफआईआर दर्ज की है। लेकिन पर्यटन निगम जिसके बोर्ड के अध्यक्ष खुद सीएम वीरभद्र सिंह है 2010 में सहायक मैनेजर की नौकरी हासिल करने वाले दीपक कंवर के खिलाफ एफआईआर दर्ज नहीं कर पाए है।इस कारनामें ने वीरभद्र सिंह सरकार को ही कटघरे में खड़ा कर दिया है।
हैरानी की बात ये है कि ये मामला 22 दिसंबर 2014 को मुख्यमंत्री से लेकर पर्यटन विभाग केअतिरिक्त मुख्य सचिव वीसी फारका और पर्यटन निगम के एमडी मोहन चौहान के नोटिस में ला दिया गया था। निगम के अफसरों ने मामले की जांच की और दीपक कंवर को नौकरी से बर्खास्त कर दिया। लेकिन उसके खिलाफ एफआईआर दर्ज नहीं की। चूंकि ये पता नहीं चला है कि दीपक कंवर ने ये फर्जी डिग्री कहां से बनाई थी। पर्यटन निगम के अफसरों ने निगम के अफसर जिनके तहत रामपुर सर्कलआता है को एक चिटठी लिख दी की इस तरह का मामला आया है।इस लिए कंवर के खिलाफ उपयुक्त कार्यवाही करे।
सूत्रों के मुताबिक संबधित अफसर डीजीएम एनके बाली ने निगम मुख्यालय से पूछा की उनका उपयुक्त कार्रवाई से क्या मायने है।इस पर मुख्यालय से उन्हें कहा गया कि इस मामले वो एफआईआर दर्ज करे। कंवर को जब बर्खास्त किया गया तो वह कल्पा में तैनात था। इसलिए वीरभद्र के लाडले अफसरों ने एफआईआर शिमला में नहीं बल्कि रामपुर में दर्ज करने का फैसला लिया। जबकि कंवर का सारा रिकार्ड शिमला मुख्यालय में है।
सूत्र बताते है कि कंवर पूर्व मुख्यमंत्री प्रेम कुमार धूमल के रिश्तेदार का बेटा है।उसी नौकरी भी इसी रिश्ते की बिना पर दी गई थी।उसने टॉप किया था। जबकि दसवीं व 12वीं में उसके अंक बहुत ज्यादा नहीं थे।उसे नौकरी देने के लिए एलडीआर नामक स्कीम निकाली गई थी।
बताते है कि चूंकि वो धूमल का रिश्तेदार है इसलिए उसके खिलाफ एफआईआर दर्ज करने में बिलंब जानबूझ कर किया जा रहा है।सूत्र बताते है कि कंवर को विदेश जाने का मौका दिया गया है।
बताते है कि डीजीएम बाली ने एफआईआर दर्ज करने के लिए रामपुर के डीएसपी से बात की तो डीएसपी ने उन्हें कहा कि ये एफआईआर शिमला में दर्ज होनी है। अगर वो इसे रामपुर को भेज भी देते हैं तो वो इसेशिमला पुलिस को भेज देंगे। डीएसपी से बात करने के बाद अब बाली ने एमडी मोहन चौहान को मामला वापस मुख्यालय को भेज दिया है व उनसे निर्देश मांगे कि वो क्या करे।इस तरह पर्यटन निगम में वीरभद्र सिंह के लाडले अफसर अपना खेल उनकी नाक के नीचे चलाए हुए है।
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