शिमला। हिमाचल किसान सभा समेत वामपंथी संगठनों के साझे मोर्चे ने विवादास्पद मांग उठाते हुए किसानों की ओर से कब्जाई सरकारी भूमि को नियमित करने की मांग की है। मोर्चे ने कहा है कि जिन गरीब किसानों के पास कब्जाई भूमि समेत तीस बीघा जमीन है उसे नियमित कर दिया जाए।मोर्चे ने आज साझा संवाददाता सम्मेलन आयोजित किया। मोर्चे में शामिल किसान सभा के प्रदेशाध्यक्ष कुलदीप सिंह तंवर ने कहा कि प्रदेश में 66 प्रतिशत जमीन वन विभाग के अधीन है।15 प्रतिशल वाइल्ड लाइफ के संरक्षण लिए रखी गई है। खेती केवल 10 प्रतिशत जमीन पर ही हो रही है।
तंवर ने कहा कि प्रदेश में मौजूदा मुख्यमंत्री और और पूर्व मुख्यमंत्री के बीच भिड़ंत चली हुई है।इनकी समस्याओं के चलते आम जनता की मुश्किलों और समस्याओं को हाशिए पर धकेल दिया है। मोर्चा आम जनता की समस्याओं को लेकर लामबंद होगा।
उन्होंने कहा कि कांग्रेस व भाजपा के नेता व नीतियां एक सी हो गई है ऐसे में अब नीतियों में बदलाव की जरूरत है। किसानों को उनके उत्पाद का सही कीमत नहीं मिल रही है। किसान से शलजम आठ रुपए रुपए खरीदा जा रहा है और बाजार में उसे 34 रुपए किलो बेचा जा रहा है।इसी तरह की स्थिति बाकी उत्पदों की भी है। उन्होंने मांग की कि सरकार दखल दे और अपने आउटलेट खोले जहां पर किसानों की पैदावार सीधे खरीदी जाए।
उन्होंने कहा कि प्रदेश की 90 प्रतिशत आबादी गांवों में रहती है।लेकिन उनके लिए कोई नीति नहीं है। सरकार की नीतियां रोजगार विहीन नहीं,रोजगार खत्म करनेवाली है। सरकारी नौकरियां खत्म की जा रही है। तंवर ने कहा कि सेब उत्पादकों के लिए बनाई गई एचपीएमसी आज बहुराष्ट्रीय कंपनियों के मुनाफे का जरिया बन गई है।
इस मौके पर सीटू के प्रदेशाध्यक्ष जगतराम ने कहा कि प्रदेश में श्रम कानूनों का जम कर अवहेलना हो रही है।आईजीएमसी में ही आउटसोर्स किए विभागों में काम करने वाले को व्यक्ति को 45 सौ रुपए दिए जा रहे है जबकि ठेकेदार सरकार से 85 सौ रुपएसे नौ हजार रुपए ले रहा है। उन्होंने न्यूनतम वेतन 10 हजार रुपए करने की मांग की है।
हिमाचल सेब उत्पादक संघ के राज्य सचिव ओंकार शाद ने कहा कि प्रदेश में सेब की तीन हजार करोड़ रुपए की आर्थिकी है जिसे सरकार की नीतियां तबाह करने पर आ गई है।जंगली जानवरों के कहर से किसान –बागवान परेशान है।
जनवादी महिला समिति कोषाध्यक्ष फालमा चौहान ने कहा कि प्रदेश में महिला अत्याचार के मामलों में बढ़ोतरी हुई है।उन्होंने इन मामलों के त्वरित निपटारें के लिए फास्ट ट्रैक कोर्ट गठित करने की मांग की ।
जनवादी नौजवान सभा के सचिव बलबीर पराशर ने पदेश के उद्योगों में 70 प्रतिशत हिमाचलियों को रोजगार देने की मांग उठाई। जबकि एसएफआई के अध्यक्ष कपिल भारद्वाज ने शिक्षा के निजीकरण और फीस बढ़ोतरी पर चिंता जताई।मोर्चे की ओर किसान सभा के अध्यक्ष कुलदीप सिंह तंवर ने एलान किया कि आम जनता की विभन्न मांगों को लेकर 12 नंवबर को राजधानी में आइस स्केटिंग रिंक में रैली निकाल कर सरकार के खिलाफ बिगुल बजाया जाएगा।
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