शिमला। भारत की कम्युनिस्ट पार्टी प्रदेश सचिव राकेश सिंघा ने कहा है कि देश में वामपंथ ही एकमात्र सशक्त जनवादी लोकतांत्रिक विकल्प है। प्रमाणतः सीपीआईएम ने पश्चिम बंगाल में लगातार 34 वर्ष निर्विवाद शासन किया जोकि अपने आपमें एक विश्व रिकार्ड है। सत्ता परिवर्तन के बाद बनी तृणमूल कांग्रेस सरकार के कुशासन के कारण वहां कुछ ही वर्षों में हाहाकार मची हुई है। भ्रष्टाचार के कारण इस सरकार के करीब आधा दर्जन नेताए सांसद एवं मंत्री जेल की हवा खा रहे हैं और स्वयं मुख्यमंत्री ममता बैनर्जी पर भी गिरफ्तारी की तलवार लटकी हुई है।
माकपा नेता के अनुसार वामपंथ पर लोगों का भरोसा इसलिए भी बढ़ रहा हैए क्योंकि पश्चिम बंगाल में सीपीआईएम के करीब साढ़े तीन दशक के कार्यकाल में एक भी सांप्रदायिक दंगा नहीं हुआए एक भी किसान ने आत्महत्या नहीं की और प्रति हैक्टेयर कृषि उत्पादन में भी राज्य देश में शीर्ष पर पहुंचा। इसके विपरीत आज पश्चिम बंगाल घोर भ्रष्टाचारए अव्यवस्था और सांप्रदायिकता की आग में झुलस रहा है।
सीपीआईएम के 15 वें राज्य सम्मेलन और रैली की तैयारियों पर बोलते हुए राकेश सिंघा ने कहा कि माकपा के राष्ट्रीय महासचिव प्रकाश करात और पोलित ब्यूरो सदस्य एमपी बैबी के अतिरिक्त पार्टी के राष्ट्रीय सचिवमंडल सदस्य एवं खेत मजदूर यूनियन के राष्ट्रीय महासचिव एण् विजय राघवन भी पहुंच रहे हैं। राज्यसभा एवं लोकसभा के पूर्व सदस्य एण् विजय राघवन एसएफआई के राष्ट्रीय सचिव भी रह चुके हैं। देश भर में किसानों एवं खेत. मजदूरों की समस्याओं पर गहन अध्ययन के कारण ही उन्हें हिमाचल प्रदेश का पार्टी प्रभारी बनाया गया है। प्रदेश में शीघ्र ही किसानों को उनकी समस्याओं एवं अधिकारों के प्रति जागरूक करने के लिए चलाए जाने वाले अभियान पर भी सम्मेलन में गहन चर्चा की जाएगी।
माकपा नेता ने कहा कि प्रदेश में कांग्रेस सरकार की आम जनता के प्रति जवाबदेही कहीं ढूंढे भी नजर नहीं आ रही है। जनता में प्रश्न उठने शुरू हो गए हैं कि सरकार को आखिर चला कौन लोग रहे हैं और चुनाव में जनता से किए वादों का क्या हुआघ् राज्य में सार्वजनिक वितरण प्रणाली ढंग से काम नहीं कर रही हैए मनरेगा योजना के तहत कोई काम नहीं हो रहे मनरेगा मजदूरों को भुगतान के लिए छह.छह माह तक अधिकारियों के पास चक्कर काटने पड़ रहे हैं। सड़कें बदहाल हुई पड़ी हैं और सरकार पर सैकड़ों वृक्षों के अवैध कटान के आरोपों के कारण विधानसभा का शीतकालीन सत्र हंगामे की भेंट चढ़ गया। उन्होंने कहा कि प्रदेश की जनता इस स्थिति को बहुत देर तक सहन नहीं करेगीए बल्कि सड़कों पर उतर कर सरकार से हिसाब मांगेगी।
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