शिमला। भारत सरकार में उच्च शिक्षा सचिव अशोक ठाकुर ने कहा है कि आंकड़े व वृदिध दर जैसे पैमाने मानव विकास को लेकर पूरी तस्वीर सामने नहीं लाते है। बल्कि दूसरी चीजें है जो असल तस्वीर सामने लाती है। उन्होंने इंडियन इंस्टीटयूट आफ एडवांस स्टडी में आज इंटरनेशनल सेंटर फॉर हयूमन डवलपमेंट का उदघाटन करने के बाद कहा कि दुनिया के देश मानव विकास की दिशा में रोल मॉडल क्या हो इस बारे भारत की ओर नजरें लगाए रखते है। यूनाइटेड नेशन डवलपमेंट प्रोग्राम व भारत सरकार के सहयोग से खुले इस सेंटर से दुनिया के देशों के लिए मानव विकास से जुड़ी नीतियां बनाने के लिए जरूरी सहयोग मिलेगा।इसके अलावा आईएएस अफसरों को जो कि नीतियां बनाने की प्रक्रिया से जुड़े रहते है उनके लिए भी बहुत मदद मिलेगी।उन्होंने कहा कि देश में हर राज्य हयूमन डवलपमेंट इंडेंक्स रिपोर्ट तैयार करते है और सबके मापदंड अपने-अपने है। उन्होंने कहा कि ये सेंटर ऐसे मापदंड बनाएगा जो सब पर लागू हो। उन्होंने कहा कि सेंटर मानव विकास को लेकर हर राज्य के इंडिकेटर एकत्रित करेगा और हर साल इन इंडिकेटर्स पर स्टडी वीक का आयोजन करेगा व आंकड़ों का अध्ययन किया जाएगा।
इस मौके पर इंडियन इंस्टीटयूट ऑफ एडवांस स्टडी के पूर्व निदेशक पीटर रोनाल्ड डिसूजा ने कहा कि सेंटर का इस साल का थीम सोशल सिक्योरिटी है।इसके अलावा असंगठित क्षेत्र में महिलाओं की सुरक्षा पर कार्य किया जाएगा।ब्राजील,साउथ अफ्रीका व भारत में महिलाओं की क्या स्थिति व महिलाओं के खिलाफ हिंसा को लेकर भी सेंटर काम करेगा।
प्रोफेसर डिसूजा ने कहा कि ग्लोबल स्तर पर मूल निवासियों की सोशल सिक्योरिटी को लेकर खास तौर पर काम किया जाएगा। उन्होंने कहा कि दुनिया भी यूनिवर्सिटीज के लिए हयूमन डवलपमेंट पर पाठयक्रम तैयार किया जाएगा।उन्होंने कहा कि इस सेंटर में केवल रिसर्च ही नहीं की जाएगी बल्कि ऐसा काम किया जाएगा जिसका असर भी नजर आए।उन्होंने कहा कि ये सेंटर मानव विकास के क्षेत्र में दुनिया का प्रतिनिधित्व करेगा व साउथ-साउथ देशों में मानव विकास को लेकर सहयोग को लेकर नीति निर्धारित करेगा।सेंटर में महीने के आखिर तक छह फेलो काम करना शुरू कर देंगे। इनमें चार भूटान,एक लाओ व एक कंबोडिया से है।
इस मौके पर इंस्टीयूट के डायरेक्टर चेतन सिंह,संस्कृति मंत्रालय में ज्वाइंट सेक्रेटरी संजीव मित्तल पूर्व आईएएस अधिकारी सरोजनी ठाकुर के अलावा कई नेशनल फेलो ने शिरक्त की।
एडवांस स्टडी बिल्डिंग के लिए दिए 50 करोड़
ऑल इंडिया इंस्टीटयूट ऑफ एडवांस स्टडी की ऐतिहासिक बिल्डिंग को सहेजने के लिए केंद्र सरकार ने 50 करोड़ रुपए आवंटित किए है। भारत सरकार के उच्च शिक्षा सचिव अशोक ठाकुर ने ये जानकारी आज आईआईएएस में आयोजित एक समारोह में दी।
इस हेरिटेज व ऐतिहासिक इमारत को नष्ट होने से बचाने के लिए आभा नारायणा लांबा ने एक स्टडी रिपोर्ट तैयार की थी।इस रिपोर्ट को आर्केलॉजी सर्वे ऑफ इंडिया के विशेषज्ञों ने मंजूरी प्रदान की है।हिमाचल केडर के वरिष्ठ आईएएस अफसर अशोक ठाकुर ने कहा आर्केलाजी सर्वे ऑफ इंडिया की राय से सीपीडब्ल्यूडी ये सारा काम करेगी।पूरा काम दो साल के भीतर पूरा करने की योजना है।
ये बिल्डिंग अंग्रेजों के जमाने में वायसराय लॉज के नाम से जाना जाता था यहां पर महात्मा गांधी,रविंद्र नाथ टैगौर से जुड़ी यादें तो है ही साथ ही यहां पर कई महत्वपूर्ण वार्ताएं भी हुई हैं।
रुसा प्राइवेट शिक्षण संस्थानों में लागू होगा या नहीं इस पर बहस
भारत सरकार के उच्च शिक्षा सचिव अशोक ठाकुर ने कहा कि रुसा को सितंबर तक मंजूरी प्रदान कर दी जाएगी। ये निजी शिक्षण संस्थानों में भी लागू होगा इस पर बहस चल रही है। उन्हें फंडिंग किस तरह करना है इस पर फैसला लिया जाना है।निजी शिक्षण संस्थानों की कारगुजारियों पर लगाम लगाने का काम राज्य सरकारों को करना चाहिए। वो इस बावत सभी राज्य सरकारों को लिख रहे है।यूजीसी के पास ऐसे शिक्षण संस्थानों पर लगाम लगाने के लिए तंत्र विकसित नहीं है।
नोट- 50 करोड़ दिए वाले खबर भी इसी में जोड़ ले।
(0)