श्रीनगर। भारतीय सेना चीफ जनरल दलबीर सिंह सुहाग ने एलान किया है कि जम्मू कश्मीर में बाढ़ से प्रभावित क्षेत्रों से जब तक आखिरी नागरिक को सुरक्षित स्थल तक नहीं पहुंचा दिया जाता सेना अपना मिशन बंद नहीं करेगी। आज राहत आप्रेशन में भारतीय नेवी भी शामिल हो गई है।अब सेना, वायुसेना,नेवी और एन डी आर एफ के जवानों ने जम्मू.कश्मीर के बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में बचाव और राहत के काम को तेज कर दिया है। अभी तक इस प्राकृतिक आपदा में 150 लोगों के मरने की खबर है लेकिन ये संख्या बढ़ सकती है। यहां पर आई भीषण बाढ़ ने पूरा जीवन ठप कर दिया है। सड़क यातायात और दूरसंचार की व्यवस्था पूरी तरह से चरमरा गई है।
बचाव कार्यों में लगे सशस्त्र बलों ने बाढ़ ग्रसित इलाकों से 12,500 लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया है। वहीं रविवार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अपने दौरे के दौरान इस आपदा को राष्ट्रीय आपदा घोषित किया और लोगों को राहत सामग्री मुहैया करवाने के लिए एक हजार करोड़ रुपए की सहायता जारी करने के निर्देश दिए हैं। केंद्र ने यहां पर राहत कार्यों का जायजा लेने के लिए संयुक्त सचिव स्तर के अफसर की डयूटी लागई है।
राहत कार्यों को युद्धस्तर पर शुरू करने के लिए वायुसेना ने अतिरिक्त हेलीकॉप्टर तैनात किए हैं और किसी भी स्थिति से निपटने के लिए सभी हवाई अड्डों को तैयार रहने के आदेश जारी किए गए हैं। वायुसेना के जवान, दूररदराज के इलाकों में फंसे लोगों को निकालने के काम में पूरी ताकत से लगे हुए हैं। वहीं जानमाल के नुकसान से बचने के लिए आपदा निगरानी केन्द्र खोला है। इधरए,उधमपुर में भूस्खलन से करीब 30 लोगों के मारे जाने की खबर है। मौसम विभाग नेसोमवार को फिर से बारिश होने की चेतावानी देते हुए अलर्ट जारी किया है।
श्रीनगर स्थित सैन्य छावनी, सिविल सचिवालय और उच्च न्यायालय भी बाढ़ के पानी में डूब गए हैं। राज्य सरकार ने 12 सितंबर तक सभी स्कूलों को बंद रखने का आदेश दिया है।
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