नई दिल्ली।सुप्रीम कोर्ट ने डायरीगेट में फंसे मोदी सरकार की सीबीआई के सबसे बड़े अफसर सीबीआई डायरेक्टर रंजीत सिन्हा को घोटालेबाजों से अपने अपने सरकारी आवास पर मिलने के मामले में एक सप्ताह में शपथपत्र पर जवाब तलब किया है।सुप्रीम कोर्ट ने इन अारोपों को बेहद संगीन माना है और साथ ही कहा है कि अगर 2जी मामले से जुड़े ये आरोप सही हुए तो सुप्रीम कोर्ट 2जी मामले में लिए सिन्हा की ओर से लिए गए सारे फैसलों को रदद क दिया जाएगा।
रंजीत सिन्हा ने सुप्रीम कोर्ट से आग्रह किया कि वकील प्रशांत भूषण से उन्हें सूचना देने वाले के सोर्स को बताने का निर्देश दिए जाए प्रशांत भूषण ने कहा कि कोई उनके आवास पर इन दस्तावेजों को रख गया था।आखिर में सिन्हा शपथपत्र पर अपना जवाब देने को तैयार हो गए।
सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि अदालत खुद इन घोटालों की निगरानी कर रही है और ये किसी को भी जांच को पटरी से बाहर करने की इजाजत नहीं देगी।अदालत निष्पक्ष ट्रायल सुनिश्चित करेगी।
अदालत ने मामले की सुनवाई 15 सितंबर को रखी है। प्रशांत भूषण नेअपनी अर्जी में शीर्ष अदालत से आग्रह किया था कि सीबीआई निदेशक को 2जीमामले की जांच से दूर रखा जाए।
सिन्हा की ओर से पद के दुरुपयोंग , 2जी व बाकी के बड़े केसों में की जा रही जांच को तबाह करने के प्रयासों सेपर्दा उठाने के उनके खिलाफ स्पेशल इंवेस्टिीगेशन टीम से जांच करवाई जाए।मोदी सरकार को सिन्हा को पद से हटाने और उनके खिलाफ अनुशासनात्मक कार्यवाही करने के आदेश दिए जाए।
प्रशांत भूषण ने शीर्ष अदालत में मूल एंट्री रजिस्टर की प्रति अदालत में पेश की व अदालत से आग्रह किया कि अदालत इसे अपनी कस्टडी में रखे।इसके अलावा उन्होंने अदालत में सिन्हा के आवास की रखवाली करने वाले अफसरों की सूची भी अदालत में पेश की।अदालत ने रजिस्ट्ररी को आदेश दिए कि एंट्री रजिस्टर की प्रति और अफसरों की सूची को सेफ कस्टडी में रखे।
कॉमन काज की ओर से सिन्हां के खिलाफ कोल ब्लाक आवंटन में दायर अर्जी पर मंगलवार को सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई होनी है। गौरतलब हो कि सीबीआई डायरेक्टर पर लगे आरोपों को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के नकशे कदम पर चल रहे है। उन्होंने इस मसले पर पूरी तरह से चुप्पी साध ली है।
(0)