शिमला। विजीलेंस ब्यूरो की ओर से भाजपा सांसद अनुराग ठाकुर की हिमाचल प्रदेश क्रिकेट एसोसिएशन के पदाधिकारियों पर शिकंजा कसने की कसरत को आज हाईकोर्ट ने झटका दे दिया है। प्रदेश हाईकोर्ट ने एचपीसीए के प्रवक्ता संजय शर्मा को 12 दिसंबर तक अंतरिम जमानत दे दी है।
हाईकोर्ट ने उन्हें 7 दिसंबर को जांच में शामिल होने के आदेश दिए है।संजय शर्मा की जमानत अर्जी धर्मशाला की अदालत ने खारिज कर दी थी। तब से लेकर अब तक विजीलेंस ने उसे पकड़ने के लिए कई जगह छापे भी मारे थे।
संजय शर्मा भाजपा के पूर्व मंत्री प्रवीण शर्मा के भाई है।
इसके अलावा हाईकोर्ट ने एचपीसीए के तीन पदाधिकारियों सुरेंद्र ठाकुर, प्रेम ठाकुर और अत्र सिंह नेगी के मामले में विजीलेंस को आदेश दिए है कि इन्हें गिरफ्तार करने से एक सप्ताह पहले इन्हें नोटिस दिया जाए।विजीलेंस ब्यूरो धर्मशाला की ओर से एक डीएसपी और इंस्पेक्टर हाईकोर्ट में मौजूद थे। विजीलेंस ने इन सबको जमानत देने का विरोध किया। विजीलेंस की ओर से दलील दी गई कि ये चारों जांच में सहयोग नहीं कर रहे है।इसलिए इन्हें जमानत न दी जाए।
जस्टिस धर्म चंद चौधरी ने विजीलेंस की दलील को दरकिनार कर संजय शर्मा को अंतरिम जमानत दे दी जबकि बाकी तीन पदाधिकारियों ने अपनी जमानत याचिका वापस ले ली। अब मामले की अगली सुनवाई 12 दिसंबर को होगी।
उधर, सरकार ने बीते रोज एचपीसीए से जुड़े सारे मामलों की जांच करने के लिए एसआईटी का गठन कर दिया है। एसआईटी की कमान डीआईजी विजीलेंस आनंद प्रताप सिंह को सौंपी गई है। इस बावत बीते रोज कार्यकारी मुख्य सचिव पी मित्रा ने आदेश जारी किए। एपी सिंह अपनी टीम खुद चुनेंगे। वह पिछले एक सप्ताह से प्रदेश से बाहर है।
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