शिमला।सुक्खू सरकार की ओर से तैनात किए गए गए छह मुख्य संसदीय सचिवों की नियुक्ति को अवैध ठहराने वाली भाजपा के बारह विधायकों की याचिका पर आज सुनवाई के दौरान अदालत में दिलचस्प नजारा देखने को मिला।सरकार के महाधिवक्ता अनूप रतन ने अदालत में कह दिया कि सुक्खू सरकार ने उन्हें इस मामले में पैरवी करने से मना कर दिया हैं। सरकार इस मामले में दो वरिष्ठ वकीलों को नियुक्त करने की प्रक्रिया में है इसलिए ऐसी तारीख दी जाए जो सरकार के लिए मनमाफिक हो। यह मामला आज न्यायमूर्ति विवेक ठाकुर और न्यायमूर्ति विपिन नेगी की अदालत में सुनवाई के लिए लगा था।
उन्होंने इस बावत सचिव सामान्य प्रशासन की ओर से 23 मार्च को भेजी चिटठी को भी अदालत में पेश किया। महाधिवक्ता ने कहा कि सरकार की ओर से इस मामले की पैरवी करने के लिए वरिष्ठ वकीलों का इंतजाम किया जा रहा हैं।महाधिवक्ता ने कहा कि इस मामले में वरिष्ठ वकील कपिल सिब्बल या अन्य कोई दो वकील पेश हो सकते हैं। वह आज पेश होने में असमर्थ है ऐसे में अगली तारीख दी जाए ताकि सरकार वकीलों का इंतजाम कर सके।
इससे पहले इस मामले को 16 अक्तूबर 2023,7 दिसंबर 2023 और तीन जनवरी 2024 को अदालत की ओर से विस्तार में सुना जा चुका है व दोनों पक्षकारों की ओर से आग्रह किए जाने के बाद 2 अप्रैल को खंडपीठ ने साफ तौर पर कहा था कि इस मामले की रोजाना सुनवाई की जाएगी। जो 22 अप्रैल से शुरू होगी।आज 22 अप्रैल को सुनवाई शुरू हुई । लेकिन सरकार की ओर से पैरवी नहीं की गई। ये अपने आप दिलचस्प स्थिति थी।
खंडपीठ ने इस मामले में महाधिवक्ता की ओर से सरकार की तरफ से पैरवी करने में असमर्थता जाहिर करने को रिकार्ड पर ले लिया ।
खंपपीठ ने अपने आदेश में जिक्र किया कि महाधिवक्ता आज भी इसलिए पेश हुए क्योंकि खंडपीठ ने आब्जर्व किया महाधिवक्ता इस मामले में पैरवी करने से बच रहे हैं। इसके अलावा वह पिछली तारीखों को को भी पैरवी करने नहीं आए इस बावत वह अदालत को कुछ नहीं बता रहे हैं।
इसके बात अदालत ने इस मामले में बाकी पक्षकारों को अपनी दलीलें पेश करने के आदेश दिए व अब मामले की सुनवाई कल भी जारी रहेगी। .
पिछली सुनवाई को खंडपीठ ने साफ किया था अदालत इस मामले की 22 से 24 अप्रैल तक लगातर सुनवाई करेंगी और सभी पक्षों की दलीलें सुनेंगी।
आज सुक्खू सरकार की ओर से महाधिवक्ता ने दलीलें पेश करनी थी लेकिन उन्होंने अपनी असमर्थता जता दी।
इस पर खंडपीठ ने कहा कि सरकार के पास 23 मार्च से लेकर अब तक वरिष्ठ वकीलों का इंतजाम करने का लंबा समय था और सरकार को पता था कि मामले को लगातार तीन दिन तक सुनवाई के लिए निर्धारित किया गया हैं।
ऐसे में अदालत ने बाकी पक्षकारों से दलीलें पेश करने को कहा। अब इस मामले में बाकी पक्षकारों की ओर से कल व परसों दलीलें खंडपीठ के समक्ष रखी जाएंगी।
याद रहे इन छह मुख्य संसदीय सचिवों की नियुक्ति को भाजपा विधायक सतपाल सिंह सत्ती समेत 12 विधायकों ने हाईकोर्ट में चुनौती दे रखी हैं।
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