शिमला। हिमाचल प्रदेश सरकार की ओर से पीडीएस के तहत जनता को रियायती दरों पर दी जाने वाली दालों की खरीद में करोड़ों का घोटाला कर दिया है।ये घोटाला किसी और ने ही बलिक खुद खादय आपुर्ति मंत्री जीएस बाली और मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह की शह पर हुआ है। ये दावा भाजपा के प्रवक्ता व विधायक रणधीर शर्मा ने राजधानी में आयोजित एक संवाददाता सम्मेलन में किया । रणधीर शर्मा ने कहा कि इस घोटाले में ये दोनों शामिल है।
उन्होंने कहा कि दालों की खरीद के लिए सरकार ने खरीद प्रक्रिया को ही बदल दिया।उन्होंने कहा कि बीते रोज मंगलवार को सरकार ने तीन दालों को खरीदने के आदेश दिए।जिसमें से खादय आपूर्ति निगम की ओर से किए गए टेंडर में दाल चने को 69रुपए93पैसे में खरीदने का आदेश दे दिया गया है। जबकि काबुली चने को 66 रुपए 96पैस और काली मसूर को 93रुपए 1पैसे में खरीदने के टेंडरों को हरी झंडी दी गई है। भाजपा प्रवक्ता ने कहा कि कल्याण विभागने आंगनवाड़ी के लिए दाल चने की खरीद 56 रुपए 16 पैसे में की और जिस फर्म की ओर से उसने मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह व मुख्य सचिव पी मित्रा को लिखित में कहा कि पीडीएस में दाल चने को 69.96रुपए में खरीदने का आर्डर दिया है। हम इसे पैकिंग का तीन रुपए जोड़ कर 59.16रुपए में डिपुओं में दाल चने को पहुंचाने सकते है। कल्याण विभाग के लिए जो फर्म 56.16 में दाल चने की सप्लाई करने को तैयार है,उसे येआर्डर 19जून को मिला है।
रणधीर शर्मा ने कहा कि 1700 टन दाल चने को खरीदने का आर्डर दिया गया है।जबकि काली मसूर को 700मीट्रिक टन खरीदा जा रहा है। उन्होंने कहा कि सरकार व मंत्री ने चहेती फर्मो को लाभ पहुंचाने के लिए ये टेंडर तीसरी बार किए । पहली बार चहेेती फर्म औपचारिकताएं पूरी नहीं कर रही थी तो टेंडर रदद कर दिए। उसके बाद फिर टेंडर मंगवाए तो चहेती फर्म के रेट ज्यादा निकले। टेंडर फिर रदद कर दिए। उन्होंने कहा कि चहेती फर्म को लाभ मिले इसके लिए नौ दालों के रेट मंगवाए गए जबकि तीन दाले खरीदी जानी थी। ये इसलिए कियाताकि चहेती फर्म की ओर से जिनदालों के रेट बाकियोंसे कम मिले उन्हेंचुना जाए। काली मसूर की दाल खरीदने का आर्डर इसी मंशा का नतीजा है।लेकिन इससे पब्लिक ट्रेजरी को करोड़ों को नुकसान हो गया। ये टेंडर तीन से छह महीने के लिए किए गए है।
रणधीर शर्मा ने कहा कि मोदी सरकार ने दालों को आयत करने की घोषणा की तो दालों के रेट कम हो गए है। जब आयात होगा तो और कम हो जाएंगे । ऐसे में तीन से छह महीने केलिए टेंडर कर देना चहेती फर्मों को करोड़ों का लाभ देना का जुगाड़ है।
उन्होंने मांग कीइन टेंडरों को रदद किया जाए ताकि पब्लिक ट्रेजरी को लुटने से बचाया जाए। उन्होंने कहा कि जिनदालों के रेटआएथे उनमें से राजमाह भी थी जिसके रेट 72.75 रुपए थे लेकिन मंत्री ने काली मसूर खरीदने का फैसला लिया जिसके रेट 94 रुपए प्रति किलो के है।
मजे की बात है सरकार ने तो ये कांड कर ही दिया लेकिन भाजपा प्रवक्ता ने इस सवाल पर कि सरकार अगर टेंडर रदद नहीं करती है तो पार्टी क्या करेगी,कहा कि भाजपा आंदोलन करेगी। लेकिन ये सब जानते है किपार्टियों के आंदोलन से कुछ नहीं होता ।
वो चिटठी जो 56.16 रुपए में दाल चने को सप्लाई करने वाली फर्म ने सीएम को लिखी थी-:
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