शिमला।देश की पहली ई विधानसभा बनने के बाद शुक्रवार को स्पीकर बृज बिहारी बुटेल ने विधानसभा की वेबसाइट लांच करते हुए कहा कि विधानसभा की 1952 से अब तक सारी कार्यवाहियों को डिजीटाइल कर कागजों के ढेर से निजात पाएगी। उन्होंने कहा कि ईविधानसभा शुरू होने के बाद वो सरकार का सालाना 15 करोड़ बचाएंगे और देश की सभी विधानसभाएं अगर इसी तरह ई -विधानसभा बन जाए तो देश का करोड़ों रुपया बच जाएगा।जिसे विकास पर लगाया जा सकता है। बुटेल ने कहा कि लोकसभा स्पीकर सुमित्रा महाजन की अध्यक्षता में देश के स्पीकरों की एक बैठक हाल में ही दिल्ली में हुई जहां पर सभी स्पीकरों ने ई-विधानसभा शुरू करने की इच्छा जाहिर की है
बुटेल ने कहा कि अब सचिवालय और प्रदेश के सभी विभागों और फील्ड से सारे जवाब ऑनलाइन मंगाए जाएंगें व ये तुंरत मिल जाएंगे।पहले कर्मचारियों और बाबूओं को रात रात तक काम करना पड़ता था वो टाइप करते रहते थे।अब ऐसा नहीं होगा।सब कुछ ऑनलाइन होगा। विधायकों के लिए अपनी गैलरी तैयार करने का इंतजाम भी हैऔरवे अपने विधानसभा क्षेत्र को लेकरपूरा प्रोफाइल साइट पर डाल सकते है। इस मौके पर पर स्पीकर ने मान्यता प्राप्त पत्रकारों को स्मृति चिन्ह व ई विधानसभा प्रोजेक्ट को कामयाब बनाने वाले अफसरों व कर्मचारियों को प्रमाणपत्र भी आवंटित किए।
जब सरदार जी समस्या हल करने,एक स्वीच लगाया और हो गया
स्पीकर बुटेल ने एक मजेदार खुलासा भी किया कि एक सरदार जी ने उनकी और मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह की मुश्किल को छह दिनों में दूर कर दिया। ई-विधानसभा शुरू होने पर विधानसभा में कागजों का इस्तेमाल कम हो गया।इस दौरान मुख्यमंत्री को ये दिक्कत आई कि विधानसभा में उनके टेबल पर जो स्क्रीन लगी थी उसे वो बैठ कर तो पढ़ सकते थे, लेकिन खड़े होकर पढ़ने पर दिक्कत आ रही थी।
स्पीकर बुटेल ने कहा कि दिल्ली में उन्होंने ये मसला एक बैठक में उठाया तो एक सरदार जी ने इस समस्या को दूर करने का बीडा उठायाऔर छह दिनों में मुख्यमंत्री के टेबल में स्वीच लगा दिया।जिससे अब ये उपर हो जाता है और मुख्यमंत्री अपनी स्क्रीन आराम से पढ़ सकते है।
विधायकों को सीखा सकता हूं कम्प्यूटर चलाना
स्पीकर ने कहा कि उन्हें कम्प्यूटर चलाना बिलकुल भी नहीं आता था। उन्होंने तीन दिन तक 15-15 मिनट तक इस चलाना सीखा और वो अब स्पीकर का काम ऑनलाइन कर सकते है। कई विधायकों को अभी कुछ दिक्कते आ रही है।उन्हें मैं इसे चलाना सीखा सकता हूं।
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