शिमला। विवादों व खाली पदों के बावजूद हिमाचल प्रदेश विश्वविद्याालय यूजीसी की अनुदान आयोग की स्वायत संस्था राष्ट्रीय मूल्यांकन एवं सत्यापन परिषद् नैक की ओर से शैक्षणिक स्तर को ‘‘ए’’ ग्रेड का दर्जा प्रदान किया गया है।
यह जानकारी मीडिया को विवि से जारी विज्ञप्ति में दी गई है।
नैक की 13 सदस्यीय टीम ने 3 से 6 अक्तूबर तक हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय का दौरा किया था। कुलपति एडीएन वाजपेयी ने विज्ञप्ति में कहा कि तीसरे चरण में प्राप्त (3.21-सी.जी.पी.ए. – ए गे्रड), वर्ष 2009 में द्वितीय चरण में 4 में से 2.5 बी ग्रेड तथा वर्ष 2003 में पहले चरण में 100 में से 80.5 बी ग्रेड, बेहतर है क्योंकि इस अवधि के दौरान विवि ने पहाड़ी राज्य की पहाड़ सी परिस्थितियों के विपरीत बढ़िया शैक्षणिक कार्य किया है। वाजपेयी ने दावा किया कि पिछले छः वर्षों में बहुदेशीय शोध तथा उसके प्रसार में संख्यात्मक एवं गुणात्मक सुधार हुआ है।
विवि को ए ग्रेड तो मिल गया है लेकिन अभी बड़ी तादाद में शिक्षकों के पद खाली है। जो भरे भी है उन्हें भरे ज्यादा समय नहीं हुआ है। ऐसे में शिक्षा की गुणवता कैसे बढ़ी ये बड़ा सवाल है। विवि में एससीए के चुनाव नहीं हो रहे है। हिंसा की घटनाएं लगातार हो रही है। शिक्षकों के संगठन ने ही बीते दिनों खुलासा किया था कि उन्होंने नैक की टीम के सामने विवि की बहुत सी खामियों को सामने नहीं आने दिया । विवि के टीचरों की यूनियन के महासिचव डीआर ठाकुर के हवाले से मीडिया को जारी तीन पेज की विज्ञप्ति में इस तरह का जिक्र था। अब टीचरों ने नैक की टीम के सामने क्या नहीं आने दिया था ये पड़ताल का विषय है।
विवि में पहले हासिल किए जाते रहे ग्रेड को लेकर विवि के पूर्व एक अधिकारी ने अनौपचारिक बातचीत में खुलासा किया कि जब वो विवि में संबधित कामकाज से जुड़े थे तो ग्रेड हासिल करने के लिए छह आईएएस अफसरों को लगाया गया था।
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