शिमला।हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय में भर्तियों को लेकर फूटे संगीन पत्र बम के मामले को वामपंथी छात्र संगठन स्टूडेंट फेडरेशन ऑफ इंडिया ने सड़कों पर ला दिया है । एसएफआई ने इस मामले को लेकर न्यायिक जांच की मांग कर दी है तो कांग्रेस पार्टी से जुड़े प्रोफेसरों ने मामले को मुख्यमंत्री तक पहुंचाने का इंतजाम कर दिया है।
सूत्रों के मुताबिक इस संगीन पत्र को सचिवालय में प्रधान सचिव शिक्षा के सुपुर्द भी कर दिया है।हालांकि ये अनाधिकारिक तौर पर उनके पास पहुंचा है। सूत्रों के मुताबिक उन्होंने इसे पढ़ा और स्माइल किया।
इसके अलावा सीअीाईडी के आला अफसरों तक भी इस पत्र को पहुंचाने के प्रयास हो रहे है।
इस संगीन पत्र के सामने आने पर एसएफआई ने आज पुलिस पहरे में विवि में लाइब्रे्री के सामने प्रदर्शन किया और पत्र में जिस कांड का जिक्र किया है उसकी जांच की मांग की। छात्रों ने कहा कि एसएफआई इस मामले को अााखिरी निष्कर्ष कर तक ले जाएगी। एसएफआई के कैंपस उपाध्यक्ष प्रेम जसवाल ने कहा कि एसएफआई इस मसले पर राज्य इकाई से विचार कर राज्यपाल से मिलने जा रही है। पत्र में संगीन आरोप है,इनकी जांच होनी चाहिए। एसएफआई शिकायत विजीलेंस विभाग को भी देगी।
इसपत्र पर विवि में बवाल मचने जारहा हैै।अभी एक छात्र संगठन आगे आया है आहिस्ता -आहिस्ता टीचरों व गैर शिक्षकों को भी अपना स्टैंड जाहिर करना है।जबकि बाकी छात्र संगठन एबीवीपी व एनएसयूआई क्या स्टैंड लेती है इसका इंतजार है।
विवि से जुड़े सूत्र बताते है कि वीसी के पक्ष में मुख्यमंत्री वीरभद्र के बेहद करीबी व कार्यकारिणी परिषद के मेंबर हरीश जनारथा दीवार बन कर खड़े हो गए है।
उधर,विवि कैंपस को एक अरसे से छावनी में बदला गया है। सुबह गेट पर पुलिस का पहरा रहता है। स्टूडेंटस के बैग जांचेे जाते है। जैसे वो विवि के स्टूडेंट न होकर सिमी के आतंकी हो। कर्मचारियों की गाडि़यां चेक होती है।प्रदेश के एक मात्र विवि में पुलिस का ये पहरा विवि के टीचर व बाकी समुदाय पर सवाल खड़ा करता हैै।जसवाल ने कहा भी कि पुलिस को हटाया जाना चाहिए।
बहरहाल पत्रबम पर पर विवि से लेकर सचिवालय और राजभवन पर आंच आने वाली है।एसएफआई के छात्रों ने विवि में आज इस मसले पर प्रदर्शन किया । यहां देखें विरोध की चंद तस्वीरे-:
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