शिमला।पूर्व धूमल सरकार में सरकार की नाकामियों के खिलाफ नाज से रिज पर धरना प्रदर्शन करने पर जनस्वास्थ्य व बागवानी मंत्री और बाकी कांग्रेसियों के ख्िालाफ दर्ज एफआईआर की सुनवाई पर वीरभद्र सिंह सरकार की ओर से तैनात वकीलों की भारी भरकम फौज में से कोई भी अदालत में मदद के लिए नहीं आया। इन सब कांग्रेसियों को शिमला की एक अदालत ने अदालत में हाजिर होने के लिए सम्मन जारी किए हुए थे।
सूत्रों के मुताबिक केबिनेट मंत्री विदया स्टोक्स जब अदालत परिसर में पहुंची तो वहां कोई भी वकील अदालत में हाजिर होने के लिए नहीं पहुंचा था। अचानक प्रदीप वर्मा वहां नजर आए तो उन्हें अदालत में पेश होने के लिए कहा गया।प्रदीप वर्मा स्टोक्स के विधानसभा हलके से है। बाकी कांग्रेसियों को अपने स्तर पर वकील करने पड़े। तब कहीं जाकर जमानत हुई।
वीरभद्र समर्थक ऐसे ही एक कांग्रेसी मुताबिक सरकार ने एजी व एएजी समेत सौ से ज्यादा वकील विभिन्न विभागों में तैनात कर रखे है। सरकार के खजाने से लाखों रुपया उनकों दिया जा रहा है। जबिक सरकार कार्यकर्ताओं की ओर से किए काम से बनी है। उन्हीं की पैरवी करने के लिए वकील नहीं है। अपनी जेब से पैसे देकर वकील करने पड़ रहे है। इन कांग्रेसियों की माने तो मंत्री की पैरवी करने कोई नहीं आ रहा है। ये कोई व्यक्िगत मामले थोड़े ही है।धरना प्रदर्शन पार्टी की खातिर किया था।
अब ये कांग्रेसी खुलेआम कह रहे है कि सरकार चल ही नहीं रही है। डेढ़ साल से ज्यादा हो गया है सता में आए हुए,मामले वापस नहीं हुए है।इसे बुरी स्िथति क्या हो सकती है सरकार की। आज से पहले ऐसा कभी नहीं हुआ।इसलिए लोकसभा की चारों सीटें हारे भी है।
इन कांग्रेसियों का कहना है कि मुख्यमंत्री के चारों ओर एक गिरोह काम कर रहा है। बाकी रिटायरी अफसर शीर्ष पदों पर बैठे है। ऐसे में आम कार्यकर्ताओं को कोई नहीं पूछ रहा है।
गौरतलब हो कि सरकार ने एक अरसा पहले एलान किया था राजनीितक तौर पर बने सभी मामलों को वापस लिया जाएगा लेकिन ऐसा हो नहीं पाया।
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