शिमला। पूर्व आईपीएस अफसर ए एन शर्मा को दोबारी नौकरी देने के मामले में राज्यपाल कल्याण सिंह का फरमान हिमाचल प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री प्रेम कुमार धूमल के काम आया है। इस मामले में आज प्रदेश हाईकोर्ट ने स्पेशल कोर्ट वन की ओर से उन्हें तीस तारीख को अदालत में हाजिर होने के लिए दिए आदेश पर स्टे दे दिया है।
स्पेशल जज के आदेश के खिलाफ धूमल की ओर से अदालत में दायर याचिका की सुनवाई करते हुए जस्टिस राजीव शर्मा ने सारा रिकार्ड तलब कर सरकार से दो हफ्ते में जवाब दायर करने के आदेश दिए है।मामले की अगली सुनवाई 15 जून को होंगी। सरकार को इस दिन सारा रिकार्ड अदालत में ले जाना होगा।
धूमल ने अपनी याचिका में कहा है कि अभियोजन एंजेंसी/गृह विभाग ने पूर्व राज्यपाल उर्मिल सिंह व मौजूदा राज्यपाल कल्याण सिंह दोनों के आदेशों को ट्रायल कोर्ट के नोटिस में न लाकर अदालत को गुमराह किया है।अदालत ने ये आदेश राज्यपाल के21मार्च2015 के आदेशों का संज्ञान लिए बगैर जारी कर दिए है।उन्होंने अपनी याचिका में कहा है कि 21जनवरी 2015 को तत्कालीन राज्यपाल उर्मिल सिंह ने भी कहा था कि इस मामले में भ्रष्टाचार निरोधक अधिनियम की धारा 19 के के तहत अभियोजन मंजूरी लेने की जरूरत नहीं है। जबकि 21 मार्च को मौजूदा राज्यपाल कल्याण सिंह ने 21 जनवरी के उर्मिल सिंह के आदेश की समीक्षा करते हुए धूमल के खिलाफ मंजूरी देने से इंकार कर दिया।
धूमल ने आरोप लगाया कि अभियोजन ने 21 मार्च के कल्याण सिंह आदेशों को अदालत के सामने नहीं आने दिया।
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