शिमला ।सोशल मीडिया पर चलाया गया धर्मशाला गैंगरेप कांड पुलिस की प्रारंभिक जांच में पूरी तरह से फ्राड निकला है। कॉलेज की जिस लड़की के साथ गैंगरेप होने का मामला सोशल मीडिया, छात्रों और राजनीतिक पार्टियों की ओर से उछाला जा रहा है,उस लड़की व उसके माता पिता ने पुलिस पूछताछ में उससे किसी भी तरह के रेप होने की बात से इंकार कर दिया है। ये दावा प्रदेश के पुलिस प्रमुख डीजीपी संजय कुमार ने वीरवार को सांय पांच बजे अपने कार्यालय में बुलाए संवाददाता सम्म्ेलन में किया है।हालांकि वो कई सवालों के जवाब नहीं दे पाए।उन्होंने कहा कि अगर लड़की और उसके माता -पिता से सहमति मिली तो मेडिकल भी कराया जाएगा। अभी जांच जारी है। शिकायतकर्ता से भी पूछताछ की जा रही है।हालांकि पुलिस की कहानी में कई पेच अभी है।उधर मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह ने इस सारे मामले को संगठित राजनीतिक साजिश करार दिया है।
डीजीपी ने कहा कि इस मामले में शरारत की संभावना से इंकार नहीं किया जा सकता। जांच की जा रही है।15 मई से चल रहे इस मामले में डीजीपी कार्यालय देर से जागा और 20 मई को जाकर एसआईटी का गठन किया गया।
डीजीपी ने सारे घटनाक्रम का ब्योरा देते हुए कहा कि अब तक की जांच में कोई रेप हुआ ही नहीं है। उन्होंने कहा कि कांगड़ा में ज सुबह पौने छह बजे के करीब शिकायत लड़की को पुलिस कर्मी ने देखा। उसने एएसपी शालिनी अग्निहोत्री को सूचित किया और लड़की को पकड़ा गया। उससे पूछताछ करने पर उसने कहा कि उसे पड़ोस की लड़की ने कहा कि उसके साथ दूराचार हुआ है ये बात वो कॉजेल के प्रिंसीपल को बता दें। ये पड़ोस की लड़की धर्मशाला डिग्री कालेज की छात्रा हैं।
डीजीपी ने कहा कि इस लड़की ने 15 मई को प्रिंसीपल, एक अन्य महिला प्रोफेसर समेत सात लोगों को ये बात बताई थी।इसके बात 16 मई शाम को मीडिया ने धर्मशाला पुलिस से इस मामले में पूछना शुरू किया । तभी से धर्मशाला पुलिस मामले की छानबीन में लग गई। लेकिन शिकायतकर्ता और पीडि़ता का पता नही चल रहा था। ऐसे में पुलिस ने शिकायतकर्ता लड़की का जो कॉलेज की छात्रा नहीं है,उसका स्कैच तैयार किया।जिस पर आज सुबह पौने छह बजे के करीब पुलिस के एक कर्मी ने इस लड़की को देखा। उसे कॉलेज के प्रिंसिपल और बाकी सात लोगों के सामने शिनाख्त केलिए पेश किया । इन लोगों ने बताया कि ये ही लड़की थी जोशिकायत करने आई थी। उसके बाद उससे पूछताछ करने पर कथित पीडि़ता का पता लगाया गया। इन दोनों के माता पिता को साथ लेकर इनसे पूछताछ की गई।
डीजीपी ने कहा कि कथित पीडि़ता ने बताया कि वो पिछले चार सालों से एक दूसरे से नहीं मिली है। हालांकि वो एक दूसरे को जानती है व एक ही गांव की हैं।डीजीपी संजय कुमार ने कहा कि आज एडीजीपी संजय कुंडू को धर्मशाला जाकर मामले का जायजा लेने जाना था। लेकिन सुबह शिकायतकर्ता के मिल जाने पर उनका दौरा रदद कर दिया गया। अगर जरूरत पड़ी तो आगे धर्मशाला जाएंगे।ये पूछे जाने पर की ये लड़कियां 15 मई के बाद से कहां थी,डीजीपी ने कहा कि इन सब पहलुओं की छानबीन की जा रही है।अभी तो कथित पीडि़ता के अदालत में सीआरपीसी की धारा 164 के तहत बयान कराने है। साथ में जांच भी जारी रहेगी।उन्होंने कहा कि शिकायतकर्ता लड़की ने ये सब किन परिस्थितियों व क्यों किया इसकी भी पुलिस जांच कर रही है। इसके अलावा उन्होंने उस पर अंगुली उठाते हुए कहा कि पहले भी शिकायतकर्ता को बाहरी राज्य की पुलिस किसी मामले में उसके घर छोड़ने आ चुकी है। इस लड़की की पृष्ठभूमि और उसके बाकी गठजोड़ की जांच भी की जा रही है।
उन्होंने वीरभद्र सिंह सरकार के मंत्रियों और दूसरे नेताओं के रिश्तेदारों के इस रेपकांड में शमिल होने को गलत बताया व कहा कि पुलिस हर पहलू की जांच कर रही है।डीजीपी ने कहा कि पुलिस ने कॉलेज के सीसीटीवी फुटेज भी खंगाली लेकिन शिकायतकर्ता कहीं नजर नहीं आई।
इस मौके पर एडीजीपी संजय कुंडू ने कहा कि दोनों लड़कियां पुलिस की प्रोटेक्टिड कस्टडी में हैं। उन्हें उनके माता पिता को सौंप दिया जाएगा।
पुलिस की जांच में ये हैं झोल
डीजीपी संजय कुमार के दावों में कई झोल है। ये मामला 15 मई को कालेज के नोटिस में आ गया था। कॉलेज की सेक्सुअल हैरासमेंट कमेटी में ये क्यों नहीं गया। इस बारे में एडीजीपी कुंडू ने कहा कि ये कॉलेज वाले की बता सकते है। जबकि इसका जवाब पुलिस जांच में आ जाना चाहिए।दूसरे जब शिकायतकर्ता प्रिंसिपल और बाकियों से 15 मई को मिली तो वो सीसीटीवी फुटेज में क्यों नहीं हैं।शिकायतकर्ता आज सुबह ही पुलिस की नजर में क्यों आई। पिछले एक सप्ताह से ये दोनों लड़कियां कहां थी।पुलिस तब इन्हें क्यों नहीं पकड़ पाई। क्या मामले को मैनेज करने का समय दिया गया।
इस मामले में वीरभद्र सिंहसरकार के मंत्री सुधीर शर्मा के रिश्तेदार का नाम सोशल मीडिया पर चला । क्या पुलिस मुख्यमंत्री समेत सभी केबिनेट मंत्रियों,इस मामले से जुड़े हर शख्स, इन लड़कियों ,प्रिंसिपल,जिन लड़कों के नाम सोशल मीडिया पर चले उनके मोबाइल फोन डिटेलकॉल निकालेगी। मुख्यमंत्री ने इस सारे मामले के पीछे संगठित राजनीतिक साजिश करारदिया है। क्या पुलिस संदेहके घेरे में राजनेताओं के फोनों की भीकॉल डिअेल निकालेगी। ये तमाम सवाल है जिनके सवाल पुलिस को प्रदेश की जनता को देने है। सवाल अभी ये भी है कि अगर लड़की के साथ कुछ हुआ है और उन्हें खरीद लिया गया है तो क्या पुलिस सबके बैंक खातों पर भी निगाह रखेगी।डीजीपी ने मिसचीफ और सीएम ने साजिश का संदेह जताया है। क्या पुलिस इस साजिश का भंडाफोड़ करेगी।
सीएम कार्यालय और पुलिस मुख्यालय यहां भी हैं सवालों में
15 मई से लेकर आज तक पुलिस ने त्वरित कार्रवाई क्यों नहीं की। कांगड़ा पुलिस लड़कियों को इतनेदिनों तक क्यों नहीं ढूंढ पाई।डीजीपी संजय कुमार 19 तारीख को एक्टिव हुए। 20 तारीख की शाम को उन्होंने सीआईडी को पता लगाने का जिम्मा सौंपा। ये पहले क्यों नहीं किया गया।लोग तो कई दिनों से सड़कों पर थे।उन्होंने एडीजीपी को 20 मई को धर्मशाला भेजने के निर्देश दिए। ये देरी क्यों की गई।ये सबपुलिस प्रोफेशनलिजम की कमी के सबूत है।सोशल मीडिया पर इतना कुछ चल रहा था। पुलिस मुख्यालय चुप रहा । डीजीपी तब एक्टिव हुए जब कुछ पत्रकारों ने उन्हें आगाह किया। गौरतलब हो कि स्टेट पुलिस और ब्यूरोक्रेसी कई गुटों में बंटी हुई है। सवाल ये भी है कि इस मामले में कांगड़ा पुलिस की भूमिकाओं की क्याडीजीपी आंतरिक जांच कराएंगे व कहां चूक हुई इसका पता लगाएंगे। गृह विभाग मुख्यमंत्री के अपनेअधीन है।इस तरह के संवेदनशील मसलों पर सीएम कार्यालय की भूमिका भी सवालों में रही। सीएम के करीबी मंत्री के रिश्तेदार का नाम सोश्ाल मीडिया पर उछला। सीएम आफिस क्यों एक्टिव नहीं हुआ।इस मामले में अभी तक सोशल मीडिया पर जिन्हें आरोपी बताया गया हें उन्हें छुआ तक नहीं गया है।
उधर सोशल मीडिया पर चले सारे तामझाम को अब कुछ विश्लेषक गुजरात मॉडल का हिमाचल मेंप्रयोग बताने लगे है। इन विश्लेषकों की माने तो गुजरात में विरोधियों के खिलाफ इसी तरह सोशल मीडिया पर टारगेट किया गया ।इसके बाद मुज्जफरनगर दंगों में भी इसी तरह की झलक मिली। अब हिमाचल में ये प्रयोग किया गया और सफल रहा है। लेकिन ये राजनीतिक विश्लेषकों के व्यक्तिगत विश्लेषण है व एकतरफा है।
इस रेप कांड में पुलिस जांच जारी है व कई सवाल खड़े है।
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