शिमला। प्रदेश हाईकोर्ट की दो जजों की खंडपीठ ने तारादेवी जंकयार्ड में उदयवीर नामक युवक की हुई हत्या जांच सीबीआई को देने के आदेश दिए है। हाईकोर्ट ने पुलिस को एक सप्ताह के भीतर इस मामलेसे जुड़े सारे दस्तावेज सीबीआई के एसपी को देने के आदेश दिए है व सीबीआई के छह सप्ताह के भीतर अपनी जांच पूरी करने अदालत में चालान पेश करेंगे।
हाईकोर्ट ने कमला पंवर बनाम हिमाचल प्रदेश सरकार के मामले की सुनवाई के दौरान आदेश दिए है। जस्टिस राजीव शर्मा व जस्टिस सुरेश्वर ठाकुर की खंडपीठ ने माना कि इस मामले में पुलिस की जांच स्वतंत्र नहीं थी और न ही निष्पक्ष थी। हाईकोर्ट ने कहा कि इस मामले में पुलिस विभाग के अपने कर्मचारी शामिल है।
मामला 9 जनवरी 2013 का है। उदयवीर सिंह,हर्ष शर्मा व नितिन ने शोघी में डिनर किया और पुलिस की ओर से उनकी जब्त की गई गाड़ी को देखने तारादेवी जंकयार्ड पहुंच गए।पुलिस ने इनकी गाड़ी को जब्त किया था। जब ये तीनों जंकयार्ड पहुंचे तो वहां तैनात पुलिस कर्मियों को उनका पता चला गया। याचिका कर्ता ने आरोप लगाया किया पुलिस ने उदयवीर सिंह के सिर पर पिस्तौल रख दी और उसे बीस मीटर तक घसीटते ले गए। इसबीच हर्ष उसे बचाने आया। इस बीच पुलिस ने गोली चला दी जो उदयवीर की कमर के नीचे लगी। हर्ष को भी गोली लगी। याचिका कर्ता ने कहा कि उदयवीर को अस्पताल पहुंचाने में देरी की गई और उसकी मौत हो गई।
पुलिस ने एफआईआर 5/2013 दर्ज कर जांच शुरू कर दी। पहले जांच बालूगंज पुलिस ने की । उसके बाद मामला सीआईए को भेजा गया और आखिर में मामला सीआईडी के सुपुर्द किया गया। सीआईडी ने नवंबर 2014 को मामले में कैंसलेशन रिपोर्ट जमा करा दी।
यही नहीं पुलिस ने एक और एफआईआर नंबर 4/2013 भी दर्ज की और हर्ष और नितिन केखिलाफ मामला दर्ज कर दिया। यहां पुलिस ने कहानी गढ़ी की इन्होंने पुलिस को दबोचा और इस संघर्ष में गोली चल गई और उदयवीर सिंह की मौत हो गई।
याचिका कर्ता ने इस पर एतराज जताते हुए हाईकोर्ट में याचिका दर्ज कर मामले को सीबीआई के सुपुर्द करने का आग्रह किया। हाईकोर्ट ने आज हिमाचल पुलिस को कटघरे में खड़ा करते हुए मामले की जांच सीबीआइ को सौंप दी है। पदेश में वीरभद्र सिंह सरकार के सता में आने क कुछ दिन बाद ही प्रदेश में ये हत्या हो गई थी। इस पर खूब बवाल हो गया था। हिमाचल प्रदेश की पुलिस एक अरसे से संदेहों के घेरे में इसकी जांचों को दागी जांच माना जा रहा है।अब तो हाईकोर्ट ने भी पुलिस को सवालों के कटघरे में खड़ा किया गया।
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