कुल्लू।मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह ने सोमवार को यहां आयोजित अन्तरराष्ट्रीय कुल्लू दशहरा समिति की बैठक की अध्यक्षता करते हुए कहा कि देवी-देवताओं के नाम पर इधर-उधर घूम-घूमकर सड़कों के किनारे धन उगाही करने वाले लोगों के खिलाफ आवश्यक कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने कहा कि ऐसे लोग हमारी देव संस्कृति के वितरीत कार्य करते हैं और देवी-देवताओं का नाम बदनाम कर लोगों के विश्वास के साथ खिलवाड़ करते हैं, जिसे सहन नहीं किया जाएगा।इस वर्ष दशहरा महोत्सव 3 अक्तूबर से 9 अक्तूबर तक मनाया जा रहा है।
उन्होंने कहा कि पूर्व में कारदार देवी-देवताओं को पारम्परिक तौर पर पालकियों में बजंतरियों द्वारा परम्परागत वाद्य यंत्रों के साथ ले जाते थे, परन्तु यह खेदजनक है कि कुछ लोग दो-तीन के समूहों में सड़क किनारे और सार्वजनिक स्थलों पर बैठे रहते हैं और देवी-देवताओं के नाम पर धन उगाही करते हैं। यह प्रदेश की समृद्ध संस्कृति के विरूद्ध है। हमारी देव संस्कृति का उपहास बनाने वाले इस प्रकार के प्रचलन को रोकने के लिए आवश्यक कदम उठाए जाने जरूरी हैं।
मुख्यमंत्री ने उत्सव के दौरान ग्रामीण खेलों के आयोजन की आवश्यकता पर भी बल दिया और कहा कि इन्हें ‘ग्रामीण खेल’ के रूप में पहचान मिलनी चाहिए और इन्हें प्रतिस्पर्धात्मक बनाया जाना चाहिए ताकि प्रदेश में ग्रामीण खेलों को बढ़ावा मिल सके। उन्होंने कहा कि प्रदेश में ग्रामीण खेल जैसे कब्बडी, वालीबाल इत्यादि को प्रोत्साहन दिया जा रहा है। उन्होंने कहा कि वालीबाल प्रतियोगिता के आयोजन के लिए कुल्लू में देव सदन के पीछे अलग से मैदान बनाया जाएगा, लेकिन इसके लिए मैदान के हरित क्षेत्र को छेड़ा नहीं जाएगा। उन्होंने कहा यहां आयोजित होने वाली वालीबाल प्रतियोगिता में अन्य राज्यों की टीमों के भाग लेने की संभावना है।
उन्होंने कहा कि मंदिर हमारी संस्कृति का हिस्सा हैं और इनका संरक्षण करना हमारा कर्तव्य है। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार मंदिरों के चैकीदारों और इनके रख-रखाव करने वालों को मांग के अनुरूप फायर आर्म लाईसेंस उपलब्ध करवाने पर विचार कर रही है।
उन्होंने कहा कि जहां तक रिवाल्विंग फंड का प्रश्न है, यह केवल उन्हीं मंदिरों के लिए है, जो सरकार के अधीन हैें अथवा आक्युपेंसी टेनेंट्स (मुजारा) के अंतर्गत आते हैं। इन मंदिरों के रखरखाव के लिए पर्याप्त धनराशि उपलब्ध करवाई जाएगी तथा उन्हें पर्याप्त वित्तीय सहायता भी दी जाएगी। उन्होंने कहा कि इन मंदिरों को
निर्धारित सीमा से अधिक की धनराशि के लिए भी सरकार आवश्यक वित्तीय सहायता उपलब्ध करवाना सुनिश्चित बनाएगी ताकि प्राचीन मंदिरों का अस्तित्व बना रहे।
इससे पूर्व, कुल्लू के उपायुक्त राकेश कंवर ने मुख्यमंत्री को दशहरा महोत्सव के दौरान होने वाले विभिन्न कार्यक्रमों एवं इसके लिए किए गए प्रबंधों की विस्तृत जानकारी दी।
उन्होंने कहा कि जिला प्रशासन ने महोत्सव के दौरान लोक नृत्य प्रतियोगिता के आयोजन का निर्णय लिया है, जिसमें 5000 से अधिक महिलाएं पारम्परिक वेशभूषा में भाग लेंगी, जिसके चलते इस प्रतियोगिता के लिम्का बुक आॅफ रिकार्ड में शामिल होने की संभावना है।
उन्होंने कहा कि कुल्लू दशहरा में देवताओं के साथ आने वाले कारदारों को प्रत्येक को दो टेंट उपलब्ध करवाए गए हैं। उन्होंने कहा कि इस दौरान स्वच्छता की पूर्ण व्यवस्था की गई है और समिति द्वारा सांस्कृतिक संध्याओं को देखने के पश्चात लोगों के लिए बस सुविधा भी उपलब्ध करवाई जाएगी।
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