शिमला। मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह व पूर्व मुख्यमंत्री प्रेम कुमार धूमल के परिवारों के बीच भ्रष्टाचार व इन दोनों परिवारों की ओर से एकत्रित की गई संपतियों को लेकर छिड़ी जंग अब सीबीआई और विजीलेंस की पाले में आ गई है। सीबीआई के शिकंजे में फंसे सीएम वीरभद्र सिंह ने एलान किया है उनकी सरकार की विजीलेंस धूमल परिवार की ओर से एकत्रित की गई संपितयों पर से तीन महीने के भीतर पर्दा उठा देगी। हालांकि जांच अधिकारी कुछ बिंदुओं पर खफा भी है। उन्होंने आज विश्वकर्मा दिवस को मीडिया से बातचीत में कहा है कि जनता व पार्टी के दबाव की वजह से विजीलेंस को तीन महीनों में काम पूरा करने का आदेश दिया गया है।सीएम ने कहा कि धूमल उन्हें पिछले अढाई सालों से उकसाते रहे है और यही वजह है कि उनकी संपति के जांच के आदेश दिए गए है।वीरभद्र सिंह ने धूमल को इशारों -इशारों में परामर्श दिया कि जिनके अपने घर शीशे के होते हैं उन्हें दूसरों पर पत्थर नहीं फैंकने चाहिए। उन्होंने कहा कि धूमल के विरूद्ध जांच तथ्यों तथा कानून के आधार पर आरम्भ की गई है, इसमें कोई कुछ भी काल्पनिक नहीं है।
यहां यह जोड़ना लाजिमी है कि वीरभद्र सिंह ने धूमल की संपतियों की जांच शिमला के एसपी व अपने खास अफसर डी डब्ल्यू नेगी के कमान में बनी एसआईटी को सौंपी है। जिस दिन सचिवालय के बाबूओं ने धूमल की संपति की जांच की फाइल को सीबीआई के बजाय विजीलेंस से कराने का फरमान जारी किया था उसी दिन मीडिया को ये भी लीक करा दिया था कि ये जांच डी डब्ल्यू नेगी करेंगे। इस की भनक लगते की डी डीब्ल्यू नेगी भना गए थे कि उनका नाम भी लीक कर दिया और उनसे जांच को लेकर पूछा भी नहीं है। हालांकि उनके पास धूमल की संपतियों की ये फाइल एक अरसे से पड़ी थी । लेकिन वीरभद्र सिंह खुद उन्हेंआगे बढ़नेका इशारा नहीं कर रहे थे। इसके अलावा वो इस बात से भी नाखुश थे कि सचिवालय के बाबूओं ने इस फाइल को एक साल तक इधर से उधर घुमाए रखा। अब समय कहां है। उन्होंने दे एक और मामलों की जांच कर सचिवालय के बाबूओं से अभियोजन की मंजूरी के लिए फाइले भेजी है। लेकिन सचिवालय के बाबू अभियोजन की मंजूरी नहीं दे रहे है। वो इस बात से भी खफा है।
अपने करीबियों के बीच डी डब्ल्यू नेगी कहते सुने गए कि वे सीएम के नोटिस में सब कुछ लाएंगे। उधर, सचिवालय के बाबूओं व सीएम के सीबीआई केशिकंजे में फंसे होने की वजह से कोई भीखाकी वाला बाबू इस जांच को करने को तैयार नहीं था। इसलिए एडीजीपी विजीलेंस पृथ्वी राज ने चुपके से इस जांच को सीएम के लाडले डी डब्ल्यू नेगी के सुपुर्द कर दिया। इसके अलावा वीरभद्र सिंह ने कहा कि सरकार ने राज्य में बेनामी भूमि सौदों की जांच में तेजी लाकर कई लोगों के खिलाफ कार्रवाई की है। उन्होंने कहा कि सरकार सभी प्रकार के बेनामी सौदों की जांच के लिए कृतसंकल्प है और आरोपियों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी। इस दिशा में जांच कार्य प्रगति पर है। हमीरपुर में आयोजित राज्य भाजपा कार्यकारिणी की बैठक में राज्यव्यापी आंदोलन को लेकर लिए गए निर्णय पर मुख्यमंत्री ने कहा कि यह भाजपा की बचकाना हरकत है।
कांग्रेस पार्टी प्रदेश में भाजपा के रहमोकरम से सत्ता में काबिज नहीं हुई है, जबकि प्रदेश के लोगोें ने उन्हें पूर्ण बहुमत व सहयोग प्रदान किया है। उन्होंने कहा कि वह चाहते हैं कि भाजपा अच्छा करे, परन्तु मेरी आलोचना के लिए उन्हें झूठी बयानबाजी नहीं करनी चाहिए क्यांेकि यह साबित करता है कि धूमल मुझसे से व्यक्तिगत दुश्मनी रखते हैं।
वीरभद्र सिंह ने कहा कि यदि भाजपा ने उकसाया तो हम भी उसका मुंहतोड़ जवाब देना जानते हैं। भाजपा नेताओं को शांता कुमार से राजनीतिक शिष्टाचार सीखना चाहिए और बिहार चुनाव से भी सबक लेना चाहिए। अनेक राष्ट्रीय भाजपा नेता अपनी पार्टी को ‘लिटमस परीक्षण’ के लिए दबाव डाल कर राष्ट्रीय नेताओं के खिलाफ भी आवाज उठा रहे हैं, जो भाजपा में असंतुष्टता को दर्शाता है। उन्होंने कहा कि भाजपा को हमेशा याद रखना चाहिए कि प्रत्येक क्रिया की समान प्रतिक्रिया भी होती है। यदि वे 100 लोगों के साथ आते हैं तो कांग्रेस 100 गुना व इससे अधिक लोगों के साथ सड़कों पर मार्च करेगी। मुख्यमंत्री ने राज्यपाल के साथ अपनी बैठक पर कहा कि वह राज्यपाल को दीवाली के अवसर पर बधाई देने राजभवन गए थे।
उन्होंने कहा कि वे राज्यपाल आचार्य देवव्रत द्वारा प्रदेश के अधिकारियों की बैठक बुलाने के मामले को मीडिया द्वारा अत्यधिक बढ़ा-चढ़ा कर पेश करने पर नाखुश हैं, जिसमें नशा खोरी जैसे मामलों पर चर्चा हुई जिस पर प्रदेश सरकार इस कार्यों में लगे ड्रग माफिया के खिलाफ उचित कार्रवाई कर रही है और इस मामले के प्रति प्रदेश सरकार चिंतित एवं संवेदनशील है।
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