शिमला।मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह ने केन्द्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री स्मृति जोबेन ईरानी से राष्ट्रीय माध्यमिक शिक्षा अभियान तथा मिड-डे-मील जैसी केन्द्र प्रायोजित योजनाओं मेें हिमाचल प्रदेश को उत्तर-पूर्वी विशेष श्रेणी राज्यों की तर्ज पर एक समान धनराशि उपलब्ध करवाने का आग्रह किया है। इन राज्य को 90:10 के अनुपात में केंद्रीय सहायता मिल रही है। मुख्यमंत्री ने यह मामला आज नई दिल्ली में केन्द्रीय मंत्री के साथ आयोजित बैठक में उठाया।
मुख्यमंत्री ने स्मृति ईरानी को मानव संसाधन विकास जैसे महत्वपूर्ण मंत्रालय के कार्यभार संभालने पर बधाई देते हुए कहा कि साक्षरता दर में भी हिमाचल प्रदेश शीर्ष स्थान पर है और निकट भविष्य में राज्य पूर्ण साक्षर बनकर उभरेगा।
प्रारंभिक शिक्षा में गिरते स्तर पर चिंता व्यक्त करते हुए मुख्यमंत्री ने सरकारी स्कूलों में गुणात्मक शिक्षा प्रदान करने की आवश्यकता पर बल दिया।
उन्होंने कहा कि शिक्षा के गिरते स्तर में सुधार के लिए प्रदेश में पांचवीं तथा आठवीं कक्षा की परीक्षा आयोजित करने का प्रस्ताव किया गया है और निरंतर वृहद मूल्यांकन (सीसीई) को राज्य में प्रभावी तरीके से कार्यान्वित किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि हिमाचल प्रदेश विधानसभा ने सर्वसम्मति से इस बारे में प्रस्ताव पारित किया है और केन्द्र सरकार से शिक्षा का अधिकार, 2009 में संशोधन करने का आग्रह प्रेषित किया गया है।
मुख्यमंत्री ने हिमाचल प्रदेश के लिए भारतीय प्रबन्धन संस्थान स्वीकृत करने के लिए केन्द्रीय मंत्री का आभार प्रकट किया। उन्होंने कहा कि सिरमौर जिले के पावंटा साहिब के नजदीक मौजा कोलार में 188 एकड़ भूमि जिला प्रशासन द्वारा चिन्हित की गई है। उन्होंने स्थल के चयन के लिए चयन दल भेजने का आग्रह किया ताकि स्थल को शीघ्र अंतिम रूप दिया जा सके और निर्धारित समय के बीच इस प्रतिष्ठित संस्थान का कार्य आरम्भ किया जा सके।
केन्द्रीय मंत्री ने मुख्यमंत्री को स्थल चयन के लिए शीघ्र दल भेजने का आश्वासन दिया। उन्होंने मुख्यमंत्री को उनके द्वारा उठाए गए विभिन्न मामलों पर विचार करने का भी आश्वासन दिया।
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