शिमला।मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह की अध्यक्षता में आज यहां आयोजित मंत्रिमण्डल की बैठक में बेरोजगार युवाओं को प्रदेश और प्रदेश से बाहर रोजगार के बेहतर अवसर उपलब्ध करवाने के उद्देश्य से ‘हिमाचल प्रदेश कौशल विकास निगम’ नाम से कौशल विकास निगम स्थापित करने का निर्णय लिया गया। मुख्यमंत्री ने इस की घोषणा अपने पिछले बजट अभिभाषण में की थी।
मुख्यमंत्री कौशल विकास निगम के अध्यक्ष होंगे, जबकि तकनीकी शिक्षा मंत्री, ग्रामीण विकास मंत्री, श्रम एवं रोजगार मंत्री तथा शिक्षा मंत्री इसके सदस्य होंगे। यह कदम सार्वजनिक-निजी भागीदारी को प्रोत्साहित करने के दृष्टिगत लिया गया है ताकि युवाओं के कौशल विकास को व्यापक स्तर पर बढ़ावा मिल सके।
बैठक में मुख्यमंत्री ने अपने बजट भाषण के अनुरूप प्रदेश में औद्योगिक इकाइयां स्थापित करने के लिए 45 दिनों के भीतर सभी स्वीकृतियां प्रदान करने के दृष्टिगत राज्य स्तरीय एकल खिड़की स्वीकृति एवं अनुश्रवण प्राधिकरण की स्वीकृतियां प्रदान करने की प्रक्रिया को संशोधित करने को मंजूरी प्रदान की गई। इसके अन्तर्गत सभी नए प्रस्तावों के लिए नोडल अधिकारी तैनात किया जाएगा, जो विभिन्न विभागों से औद्योगिक प्रस्तावों की स्वीकृति के लिए सहयोग प्रदान करेगा। सभी संबंधित विभाग औद्योगिक इकाइयां स्थापित करने के लिए निर्धारित समयावधि में स्वीकृतियां प्रदान करना सुनिश्चित बनाएंगे।
मुख्यमंत्री द्वारा बजट सत्र के दौरान की गई घोषणा के अनुरूप मंत्रिमण्डल ने एकीकृत वृद्धजन योजना को संशोधित करने का निर्णय लिया है। यह भी निर्णय लिया गया है कि सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग वृद्धाश्रमों के लिए अनुदान अनुग्रह राशि के रूप में आंशिक वित्तीय सहायता प्रदान करने में सक्षम होगा ताकि वृद्धजनों की देखभाल के लिए समाज एवं सामाजिक संगठनों की भागीदारी को बढ़ावा मिल सके।
मंत्रिमण्डल ने शिक्षा विभाग में कार्यरत अंशकालिक जलवाहकों का मानदेय 1500 रुपये से बढ़ाकर 1700 रुपये प्रतिमाह करने का निर्णय लिया। मुख्यमंत्री के बजट भाषण मंे की गई घोषणा के अनुरूप अनुबंध पर तैनात पीटीए शिक्षकों की ग्रांट-इन-ऐड में वृद्धि का निर्णय लिया गया है। मंत्रिमण्डल ने इस ग्रांट-इन-ऐड को मौजूदा 75 प्रतिशत से बढ़ाकर 90 प्रतिशत करने की सहमति दी। इससे प्रदेश के राजकोष पर 3,27,26,565 रुपये का अतिरिक्त वित्तीय बोझ पड़ेगा।
बैठक में शिक्षा के अधिकार अधिनियम-2009 के प्रावधानों के अनुरूप हिमाचल प्रदेश में बिना सहायता प्राप्त निजी स्कूलों में समाज के कमजोर एवं वंचित तबकों से संबंधित 25 प्रतिशत बच्चों का दाखिला सुनिश्चित बनाने के लिए प्रारूप दिशा-निर्देश जारी करने को मंजूरी प्रदान की गई। इसके लिए माध्यमिक पाठशालाओं में बच्चों की संख्या 40 होना अनिवार्य होगा।
मंत्रिमण्डल ने सिरमौर जिले के पांवटा सहिब के दुर्गम क्षेत्र गिरिपार आंज बोझ के भराली, सोलन जिले के बरोटीवाला, मंडी जिले के पनारसा में पदों के सृजन के साथ नए राजकीय डिग्री कालेज खोलने की स्वीकृति प्रदान की।बैठक में राज्य उपदान योजना के अन्तर्गत दालों के वितरण के लिए उपदान घटक में बढ़ौतरी का भी निर्णय लिया गया। मंत्रिमण्डल ने दालों पर उपदान की दर 20 रुपये से (़/. 10 प्रतिशत) 30 रुपये करने का निर्णय लिया, जिससे उपभोक्ताओं को राहत मिलेगी। मंत्रिमण्डल ने यह भी निर्णय लिया कि विभाग पांच दालों में से उपभोक्ताओं के लिए न्यूनतम दरों वाली तीन दालों का चयन करेगा।
मंत्रिमण्डल ने नींबू प्रजाति के फलों के प्रापण के लिए मंडी मध्यस्थता योजना को जारी रखने का निर्णय लिया है। इस योजना के अन्तर्गत बी-श्रेणी के 500 मीट्रिक टन किन्नु, माल्टा और संतरों की 6.50 रुपये प्रति किलोग्राम की दर से खरीद की जाएगी। जबकि 100 मीट्रिक टन गलगल की खरीद 5 रुपये प्रति किलोग्राम की दर से की जाएगी।
बैठक में ग्राम सेवकों के मासिक मानदेय को 3600 रुपये से बढ़ाकर 5000 रुपये करने का निर्णय लिया है।
मंत्रिमण्डल ने शिमला जिले के गुम्मा और चैपाल तहसील की ग्राम पंचायत देवात में प्राथमिक स्वास्थ्य केेंद्र खोलने का निर्णय लिया है। सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र, रोहांडा में चिकित्सा अधिकारियों और पैरामेडिकल स्टाॅफ के 10 पद सृजित करने का निर्णय लिया। मंत्रिमंडल ने स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग में आप्थैलेमिक आफिसर का एक पद अनुबंध के आधार पर भरने का निर्णय लिया है।
मंत्रिमण्डल ने प्रारम्भि शिक्षा विभाग में रिक्त पदों के विरुद्ध कनिष्ठ कार्यालय सहायकों (सूचना प्रौद्योगिकी) के 100 पद हिमाचल प्रदेश अधीनस्थ सेवा चयन बोर्ड के माध्यम से भरने को अपनी स्वीकृति प्रदान की। योजना विभाग में कनिष्ठ कार्यालय सहायकों के 9 पद अनुबंध आधार पर भरने का भी निर्णय लिया गया है।
बैठक में जनजातीय विकास विभाग में सांख्यिकी सहायक के दो पद और योजना विभाग में कनिष्ठ कार्यालय सहायक का एक पद अनुबन्ध आधार पर भरने को मंजूरी प्रदान की गई।
मुख्यमंत्री की बजट घोषणाओं के अनुरूप शिमला ग्रामीण के सुन्नी, मण्डी जिला के सरकाघाट, बिलासपुर जिला के घुमारवीं और कांगड़ा जिला के बैजनाथ में अग्निशमन केन्द्र खोलने का निर्णय लिया गया। मंत्रिमण्डल ने राज्य के 15 अग्निशमन केन्द्रों में लीडिंग फायरमैन के 15 पद पदोन्नति के आधार पर, ड्राईवर एवं पम्प आॅपरेटरों के 30 पद और फायरमैन के 45 पद अनुबन्ध आधार पर भरने को अपनी मंजूरी प्रदान की।मंत्रिमण्डल ने सुन्दरनगर स्थित विशेष दक्षता बालक संस्थान (आईसीएसए) के लिए प्रधानाचार्य का एक पद नियमित आधार पर सृजित करने को मंजूरी प्रदान की।
बैठक में प्रदेश में विभिन्न स्थानों पर निर्मित होने वाले खाद्य भण्डारण गृहों के लिए भारतीय खाद्य निगम को पट्टे पर दी जाने वाली भूमि के पंजीकरण शुल्क और स्टाॅंप शुल्क में छूट देने का निर्णय लिया।मंत्रिमंडल ने टौंस नदी पर स्थापित होने वाली बहुद्देशीय किसाऊ परियोजना (660 मैगावाट) के क्रियान्वयन हेतु उत्तराखण्ड सरकार के साथ समझौता ज्ञापन हस्ताक्षरित करने का निर्णय लिया।बैठक में शिमला जिले के चैपाल के अन्तर्गत देआ में शराब ठेका बन्द करने को अपनी मंजूरी प्रदान की। देआ के महिला मण्डल ने ठेके के विरोध में ग्राम पंचायत के माध्यम से एक प्रस्ताव सरकार को भेजा था।
मंत्रिमण्डल ने राष्ट्रीय उच्च मार्ग-21 को फोरलेन में बदलने के कार्य के दृष्टिगत नालागढ़ में भू-अधिग्रहण इकाई स्थापित करने को मंजूरी प्रदान की।
मंत्रिमण्डल ने एलईडी बल्ब और ट्रक व बसों की बाॅडी की फैब्रीकेशन पर लगने वाले मूल्य वर्द्धित कर की दर 13.75 प्रतिशत से घटाकर 5 प्रतिशत करने का निर्णय लिया है। इसके अलावा ऊर्जा सक्षम चूल्हों पर भी मूल्य वर्द्धित कर में छूट देने का निर्णय लिया गया है, जिसकी घोषणा मुख्यमंत्री ने अपने बजट भाषण में की थी।
मंत्रिमण्डल ने हिमाचल प्रदेश विलासिता कर (होटल एवं वृद्धाश्रम में) अधिनियम, 1979 को संशोधित करने का भी निर्णय लिया।
बैठक में टैक्स आॅन सरटैन गुड्स कैरिड बाई रोड (सीजीसीआर) कर की दरों में कटौती का भी निर्णय लिया गया। बोतल बन्द पानी की दरों को मौजूदा 7.50 रुपये प्रति 10 लीटर से घटाकर 2 रुपये प्रति 10 लीटर करने का निर्णय लिया गया है। मंत्रिमण्डल ने हिमाचल प्रदेश टैक्सेशन सीजीसीआर अधिनियम, 1999 की धारा, 4-ए में संशोधन को भी मंजूरी प्रदान की।
मंत्रिमण्डल ने हिमाचल प्रदेश यात्री एवं वस्तु कर अधिनियम, 1955 की धारा-4 में संशोधन को मंजूरी प्रदान की। बैठक में हिमाचल प्रदेश यात्री एवं वस्तु कर अधिनियम, 1955 के अन्तर्गत रिटर्न की ई-फायलिंग को मंजूरी प्रदान की, जिससे व्यवसायियों को आॅन लाईन कर जमा करने और ई-रिटर्न की सुविधा प्राप्त हो सकेगी।
व्यवसायियों और उत्पादकों को अपना कर आॅन लाईन जमा करने के दृष्टिगत मंत्रिमण्डल ने हिमाचल प्रदेश टैक्सेशन कर (सीजीसीआर) अधिनियम, 1999 के तहत ई-रिटर्न भरने का निर्णय लिया।
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