शिमला।हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट ने कत्ल के एक मामले कोई कार्रवाई न करने पर प्रदेश के मुख्य सचिव ,गृहसचिव ,डीजीपी,आईजी सीअाईडी से लेकर सोलन ,शिमला के एसपी को नोटिस जारी कर इन सबसे इस मामले की सटेटस रिपोर्ट तलब की है। यही नहीं हाईकोर्ट ने एसपी शिमला व सोलन और बालूगंज के एसएचओ को व्यक्तिगत तौर पर अदालत में हाजिर रहने के आदेश्ा दिए है।
अपने पति के कत्ल के मामले में पुलिस के कारनामों से दुखी जिला सोलन के कंडाघाट के बाशा गांव की लीलावती नामक महिला ने हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश मंसूर अहमद मीर को एक चिटठी लिख कर अपने पति केकत्ल के मामले में पुलिस की ओरसे दिखाए जा रहे करनामों का चिटठा खोला था।। इस महिला ने पुलिस की ओर ये जने जाने वाली शेडी जांच से नकाब उठाने का काम किया है। स्टेट का पुलिस विभाग से लेकर विजीलेंस और सीआईडी विभाग की ओरसे की जाने वाली जांचे सवालों के घेरे में है। खासकर बड़े मगरमच्छों के मामले की की जा रही जांच पर तो कई सवाल उठ रहे है।
इस महिला ने मुख्य न्यायाधीश को लिखी चिटठी में कहा था कि उसका पति कृष्ण दत पिछले साल 31 दिसंबर को शोघी में अपने बेटे की शादी के लिए खरीददारी करने गया था। उसके पास अढाई लाख रुपए भी थे। लेकिन वो वापस नहीं लौटा।
किसी ग्रामीण को टेलीफोन पर बताया गया कि उसके पति के कटे सिर वाली लाश शोघी में आरा मशीन केपास पड़ी है। लेकिन जब वो मौके पर गए तो उसके पति की लाश जली हुई पाई गइ्र थी। इस तरह मौके पर तस्वीर और फोन पर दी गई सूचना में बहुत अंतर है।चिटठी में उसने कहा कि उसने आरा मशीन के मालिक पर संदेह जताया था। लेकिन पुलिस ने मामले में संदिग्ध आरा मशीन मालिक के खिलाफ कोई भी कार्रवाई नहीं की।यहां तक चार महीने तक कोई एफआई आर दर्ज नहीं की गई।
हाईकोर्ट ने इस चिटठी को जनहित याचिका माना और अफसरों को स्टेट्स रिपोर्ट दाखिल करने की हिदायतें दी है। ये आदेश मुख्य न्यायाधीशमंसूर अहमदमीर ओर जसिटर त्रिलोक चौहान ने जारी किए है।मामले की अगली सुनवाई11 मई को होगी।
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