शिमला। अपने राजनीतिक विरोधी धूमल को मात देने के लिए मेादी सरकार में मंत्री बने जगत प्रकाश नडडा के हिमाचल के दो दिवसीय दौरे पर जहां वीरभद्र सिंह ने सरकारी अमला उनके सुपुर्द कर दिया है वहीं भाजपा के विधायकों व विरोधियों ने नडडा के पलक पांवड़े बिछाकर धूमल को संदेशा दे दिया है।अपने दौरे के दूसरे दिन नडडा शिमला से बिलासपुर के लिए सचिवालय की लाल बती गाड़ी में रवाना हुए।
वीरभद्र सिंह ने प्रोटोकॉल की आड़ में ही सही लाल बती वाली दो गाडि़यां,दो तरफ लाल झंडे वाली पायलट गाडी व पूरा पुलिस का अमला देकर धूमल को अपने इरादे जाहिर कर दिए है।वहीं मजे की बात ये हुई है कि नडडा ने शिमला से ही सचिवालय से मिली लालबती वाली गाड़ी में अपने साथ अपनी बीवी मल्लिका नडउा को नहीं बिठाया। उनकी गाड़ी में प्रदेश भाजपा अध्यक्ष सतपाल सती,विधायक जयराम ठाकुर,विधायक सुरेश भारदवाज और अर्की के विधायक गोबिंद शर्मा सवार हुए।मल्लिका नडउा लाल बती लगी सचिवालय की दूसरी गाउ़ी में बिलासपुर के लिए रवाना हुई।इससे पहले राजीव बिंदल ने चंडीगढ़ से लेकर शिमला तक नडडा के स्वागत का अमित शाह -मोदी मार्का जलवा दिखाया।
ये वो विधायक है जिन्हें धूमल व अनुराग दर्द मिलते रहे है। नडडा के साथ कार में सवार जयराम ठाकुर मंडी लोकसभा उपचुनाव में अपनी हार का दर्द भूल नहीं पाए है। वो कहते रहे है कि उन्हें हराने में अपनो ने खूब भूमिका निभाई है।उनका इशारा किसकी ओर ये प्रदेश के भाजपाई अच्छी तरह जानते है। बताते हैकि धूमल और वो अब एक रास्ते पर नहीं है। बताते है कि मंडी में उनके कद को बढ़ने से थामने के लिए धूमल ने गुलाब सिंह ठाकुर को आगे कर दिया। धूमल और गुलाब सिंह रिश्तेदार है।बिंदल सोलन की अदालत में उनके खिलाफ चल चल रहे मामलों से तिलमिलाए हुए है।धूमल अपनी सरकार में इन मामलों को खत्म कर सकते थे। इस बारे फैसला भी हो गया था लेकिन बिंदल के मामले में ऐसा खेल खेला गया कि वह आज अपनी छाती पीटते है।वह सजा से बच जाए तो गनीमत है।
कार में सवार दूसरे विधायक सुरेश भारदवाज को 2007 से2012तक धूमल ने अपनी सरकार में मंत्री नहीं बनने दिया था।इसके अलावा भी सुरेश को धूमल से कई रंज है।जबकि अर्की के विधायक गोबिंद शर्मा को सुरेश भारदवाज का आदमी माना जाताहै। सतपाल सती भी भाजपा पर एक ही परिवार का कब्जा होने की वजह से असहज चल रहे है।उनका कार्याकाल वैसे भी छह आठ महीने बाद खत्म होने वाला है।भाजपा कार्यकर्ताओंकी माने तो नडडा की लाला बतील गी कार में सवार होकर इन विधायकों को धूमल को बता दिया है कि प्रदेश भाजपा में आगे क्या होने वाला है।कार में सवार नडडा को रंज तो जरूर है कि धूमल उनके डीओ नोट पर नहीं अनुराग के डीओ नोट पर तबादले किया करते थे।धूमल ये सब तब करते थे जब वह धूमल सरकार में वनमंत्री थे।पता नहीं धूमलये सब नडडा को दबोचने के लिए करते थे या अनुराग का कद नडडा से बड़ा बताने के लिए।इन सबको को नडडा ने अपने साथ कर ये संदेशा देने की कोशिश की है कि राजनीति के खिलाड़ी वो भी है।
शनिवार शाम को नडडा ने वीरभद्र सिंह के साथ मुलाकात की और बताते है कि सिसायत पर एक लाइन ली गई।नडडा 2017 में हिमाचल के मुख्यमंत्री बन जाए ये वीरभद्र सिंह को सूट करता है।वीरभद्र सिंह ने धूमल व उनके बेटों के खिलाफ एचपीसीए कांड में मामले में अदालत में पहुंचा दिए है।नडडा को, इन दोनों को सजा हो जाए और ये दोनों चुनाव न लड़ पाए, ये सूट करता है।नडडा -वीरभद्र सिंह ने कुछ इसी तरह की लाइन ली है।इसकेअलावा वीरभद्र सिंह कांग्रेस व उनकी अपनी केबिनेट में धूमल के दोस्तों को सबक सिखाने के लिए भी नडडा की मदद की जरूरत है।लेकिन ये तभी संभव हो पाएगा अगर कांग्रेस आलाकमान ने वीरभद्र सिंह की गददी नहीं पलटी।दिल्ली हाईकोर्ट में वीरभद्र सिंह का वीबीएस मामला 10 दिसंबर को लगा है। धूमल और अनुराग ठाकुर मोदी केबिनेट के दूसरे बड़े मंत्री जेटली की मार्फत वीरभद्र सिंह को नेस्तनाबूद करने के इंतजाम में लगे है।बताते है कि अमित शाह व मोदी के दोस्त नडडा अप्रत्यक्ष रूपसे कुछ रोल अदा कर रहे है। असिस्टेंट सालिस्टर जनरल संजय जैन ने दिल्ली हाईकोर्ट में एक ही बार कहा था कि वीबीएस मामले के दस्तावेज उन्होंने देखे है।मामला बनताहै।बताते है कि वीरभद्र सिंह सरकार में एक वरिष्ठ आईएएस अफसर ने अपना जोर लगाया उसके बाद जैन ने किसी भी सुनवाई में जुबान नहीं खोली।ये आईएएस अफसर नडडा का करीबी बताया जा रहा है।
उधर,शांता खेमे के किश्न कपूर,रमेश ध्वाला, विधायक प्रवीश शर्मा पहले ही दिल्ली में नडडा से गुटरगूं कर आए है। कृपाल परमार भी कई दिन तक वहां डेरा डाल आए है। शांता खेमे की ओर से हमीरपुर में क्या हो रहा है इस पर निगाह अब आने वाले दिनों में विधानसभा व विधानसभा के बाहर धूमल के इम्तिहान की परीक्षा होनी है।बताते है कि प्रदेश भाजपा में धूमल के साथ उनका परिवार और रविंद्ररवि ,गुलाब सिंह और उनके रिश्तेदार ही रह गए है।
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