शिमला। प्रदेश भर में सितबंर 2013 तक बने अनाधिकृत 12694 भवनों को नियमित करने के लिए सरकार ने आज सदन में बिल पेश कर इन अवैध भवनों को नियमित करने का रास्ता खोल दिया है।
शहरी विकास मंत्री सुधीर शर्मा ने आज विपक्ष की गैरहाजिरी में हिमाचल प्रदेश नगर और ग्रम योजना संशोधन बिल 2014 पेश किया। बिल के मुताबिक अगर पूरा भवन अनाधिकृत है तो उसे नियमित नहीं किया जाएगा। 70 प्रतिशत तक के अनाधिकृत भवनों को नियमित किया जाएगा। सुधीर शर्मा ने कहा कि इतने मकानों को गिराना व्यावहारिक नहीं है । इसलिए निर्धारित फीस लेकर इन्हें नियमित करने के लिए ये बिल लाया गया है। कई जगह परअनाधिकृत निर्माण नहीं किया है लेकिन नक्शा पास नहीं कराया उन्हें भी इस बिल के तहत नियमित किया जा सकेगा।
बिल के मुताबिक 10 से 20 प्रतिशत तक के अनधिकृत निर्माण हजार रुपए प्रतिवर्ग मीटर की फीस अदा कर नियमित किया जा सकेगा।20 से 40 प्रतिशत तक के निर्माण को 2000, 40 से 60 प्रतिशत तक के निर्माण को 3000 रुपए और 60 से 70 प्रतिशत के अनाधिकृत निर्माण को 4000रुपए प्रति वर्गमीटर के हिसाब से फीस देकर नियमित किया जा सकेगा।
नगर पालिका परिषद व नगर पंचायतों के अधीन पड़ने वाले भवनों की फीस को 50 प्रतिशत बढ़ाकर लिया जाएगा।जबकि कोर व प्रतिबंधित क्षेत्र में ये दरें कोर क्षेत्र में 200 प्रतिशत,प्रतिबंधित क्षेत्रों में 150 प्रतिशत व अन्यों क्षेत्रों में अनाधिकृत निर्माणों को नियमित करने के लिए 100 प्रतिशत ज्यादा फीस वसूली जाएगी।
जहां पर भवन सरकारी जमीन में नहीं बनाए गए है लेकिन नक्शे पास नहीं कराए है वहां पर 10 गुणा ज्यादा फीस वूसल कर इन निर्माणों को नियमित किए जाने का प्रावधान रखा है।
इसके अलावा होटलों व औदयोगिक उपयोग के लिए बनाए गए भवनों को नियमित करने के लिए 100 प्रतिशत की ज्यादा दर से फीस वसूली जाएगी।
बिल में सरकारी भूमि पर कब्जे कर बनाए गए भवनों को नियमित करने का कोई प्रावधान नहीं है।
बिल में उन अनाधिकृत भवनों को भी नियमित करनेकी छूट मिलेगी जो सेटलमेंट के दौरान राजस्व दस्तावेजों में इधर –उधर हो गए है।
सुधीर शर्मा ने कहा कि इन भवनों को नियमित करने के लिए समय-समय पर रिटेंशन पालिसियां लाई गई लेकिन वो प्रभावी तंत्र साबित नहीं हुई ।इनके तहत 6090 मामलों में से कुल 2108 मामले ही निपटाए जा सके है।
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