शिमला। भ्रष्टाचार के खात्मे के लिए सरकार की ओर से विधानसभा में पेश किया गया लोकायुक्त एक्ट मौजूदा सत्र में पास नहीं हो पाया। विपक्ष की गैर मौजूदगी में बुधवार को पेश हुए इस महत्वपूर्ण बिल को आज सदन ने संशोधनों समेत सलेक्ट कमेटी के लिए भेज दिया।
मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह ने सदन में स्पीकर से आग्रह किया कि बिल पर चर्चा करने और इसे पास करने के लिए विधानसभा का विशेष सत्र बुलाया जाए।स्पीकर ने लोकायुक्त बिल के अलावा अनाधिकृत भवनों का नियमित करने के लिए लाया गया प्रदेश नगर व ग्राम योजना संशोधन बिल को भी सलेक्ट कमेटी के लिए भेज दिया है।
उन्होंने कहा कि अगर इस बिल को पास कर दिया जाता है तो विपक्ष कहेगा कि उनकी गैरमौजूदगी में बिल पास कर दिया। इसलिए सरकार इस तरह का कोई मौका किसी को नहीं देना चाहती। वीरभद्र सिंह ने कहा कि विपक्ष के सदस्य बाहरदरी पर बैठ कर धूप सेंक रहे है। वो सदन में आ सकते थे। लेकिन वो नहीं आए।उन्होंने स्पीकर से आग्रह किया कि इस बिल पर चर्चा करने के लिए वह सलेक्ट कमेटी का गठन करे ।
बिल पर चर्चा में भाग लेते हुए डिप्टी स्पीकर जगत सिंह नेगी ने कहा कि शिकायत देने के लिए एसडीएम स्तर के अधिकारियों को नोडल अफसर बनाया जाना चाहिए ताकि वो लोगों की शिकायतें हासिल कर सके।
इसके बाद हिलोपा विधायक महेश्वर सिंह ने कहा कि अगर कोई लोकायुक्त के फैसलों का नहीं मानता है तो बिल में अवमानना का कोई प्रावधान नहीं है।उन्होंने आग्रह किया कि इसे और सदृढ़ करने के लिए बिल को सलेक्ट कमेटी को भेज दिया जाए।
इस पर कांग्रेस विधायक आशा कुमारी ने कहा वह डिप्टी स्पीकर और महेश्वर सिंह से सहमत है। इसलिए इस बिल को सलेक्ट कमेटी को भेजना चाहिए।
सदन की मंजूरी के बाद स्पीकर बी बी बुटेल ने इसे बिल को सलेक्ट कमेटी को भेज दिया।
इसके अलावा प्रदेश भर में 12 हजार के करीब अनाधिकृत भवनों को नियमित करने को लेकर लाए गए नगर और ग्राम योजना बिल भी पास नहीं हो पाया।
स्पीकर ने इस बिल को भी सलेक्ट कमेटी को भेज दिया।
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