शिमला। विजीलेंस मुख्यालय ने भाजपा सांसद अनुराग ठाकुर की हिमाचल प्रदेश क्रिकेट एसोसिएशन मामले में दर्ज एफॅआईआर में अदालत में चालान पेश करने के लिए फाइल धर्मशाला भेज दी है।बीते रोज प्रदेश की राज्यपाल उर्मिल सिंह ने प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री प्रेम कुमार धूमल के खिलाफ भाजपा सांसद अनुराग ठाकुर की हिमाचल प्रदेश क्रिकेट एसोसिएशन मामले में दर्ज एफआईआर में अदालत में मुकदमा चलाने के लिए मंजूरी दे दी थी। राज्यपाल ने सरकार की ओर से भेजी फाइल में लिखा कि इस मामले में धूमल पर मुकदमा चलाने के पर्याप्त आधार है। भाजपा सांसद अनुराग ठाकुर धूमल के बेटे है ।
सूत्रों के मुताबिक धूमल के खिलाफ अदालत में मुकदमा चलाने की मंजूरी देने से पहले उन्होंने विधि विशेषज्ञों से कानूनी राय भी ली व उसके बाद मंजूरी दी। राज्यपाल से फाइल मंगलवार को सरकार के पास वापस आ गई। अब सरकार फाइल को विजीलेंस को भेजेगी ताकि अदालत में चालान पेश किया जा सके।
बीते रोज मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह ने अतिरिक्त मुख्य सचिव दीपक सानन व अजय शर्मा के खिलाफ मंजूरी दे दी थी।
हिमाचल प्रदेश क्रिकेट एसोसिएशन को धूमल के कार्याकाल में भी ही जमीन आवंटित की गई थी। ुइस मामले में विजीलेंस ने 1 अगस्त 2013 को धर्मशाला में एफआईआर दर्ज की थी। इस एफ आईआर में कई बिंदु शाामिल किए गए थे।
कांग्रेस पार्टी ने तब भी आंखें तरेरी थी । एचपीसीए के मामले में सरकार को एक बार हाईकोर्ट से झटका लग चुका है। वीरभद्र सिंह सरकार ने एचपीसीए को दी जमीन की लीज रदद कर दी थी और आधी रात को पुलिस पहरे में कब्जा कर लिया था। इस कब्जे पर प्रदेश हाईकोर्ट ने सरकार को फटकार लगाई थी और सारी जमीन एचपीसीए को वापस लौटा दी थी। सरकार ने दूसरी बार एचपीसीए को घेरा है। धूमल को घेरने के बाद अब सबकी निगाह इस बात पर लगी है कि इस मामले में अब एचपीसीए क्या कदम उठाती है। एचपीसीए ने इस एफआईआर को रदद करने के लिए पहले ही हाईकोर्ट में याचिका दायर की है। जिसकी सुनवाई 7 मार्च को होनी है।
उधर, विजीलेंस सूत्रों के मुताबिक एचपीसीए के खिलाफ दर्ज बाकी दो और एफआईआर में भी जल्द ही चालान तैयार किया जा रहा है। जबकि फोन टेपिंग मामले में चालान पेश करने में देरी हो सकती है।
धूमल पर मुकदमा चलाने की मंजूरी मिलने से अब प्रदेश की राजनीति में हलचल मचने वाली है।
उधर,भारतीय जनता पार्टी ने राज्यपाल उर्मिल सिंह की ओर से पूर्व मुख्यमंत्री प्रेम कुमार धूमल के खिलाफ अदालत में मामला चलाने के लिए दी अभियोजन की मंजूरी को अदालत में चुनौती देने का एलान किया है। •ााजपा प्रवक्ता गणेश दत ने यहां आयोजित संवाददाता सम्मेलन में राज्यपाल के इस कदम पर सवाल उठाया। उन्होंने कहा कि जिस दिन पूर्व मुख्यमंत्री धूमल पर मुकदमा चलाने की मंजूरी दी गई प्रदेश के इतिहास में काला धब्बा है।
एचपीसीए को जमीन आवंटन का फैसला पूरी केबिनेट का था। इसलिए पूरी केबिनेट के फैसले की जिम्मेदारी एक व्यक्ति पर नहीं थोपी जा सकती। ये पहली बार हुआ है कि किसी मामले में एक घंटे के •ाीतर अ•िायोजन की मंजूरी दे दी गई हो। गणेशदत ने कहा कि कार्याकारी मुख्य सचिव फाइल लेकर गए और एक घंटे के बाद राज्यपाल से मंजूरी ले आए। उन्होंने राज्यपाल पर इस मामले में दिमाग न लगाने का आरोप •ाी लगाया। उन्होंने कहा कि कायदे से इस मामले में तत्कालीन पूरी केबिनेट पर मुकदमा चलाना चाहिए था।
गणेश दत ने कहा कि वीर•ाद्र सिंह के खिलाफ दिल्ली हाईकोर्ट में मामला चल रहा है और अदालत ने सीबीआई को फटकार लगाई है। ऐसे में उन्होंने इस मामले के पलटवार में अ•िायोजन का ये ड्रामा किया है। 30 अप्रैल को सीबीआई उनके मामले में स्टेटस रिपोर्ट देने वाली है। ऐसे में चुनावों के इस दौर में वो बीजेपी व धूमल की छवि खराब करने की नाकाम कोशिश कर रहे है।
उन्होंने 1998 से 2003 तक सता में रही धूमल सरकार के दौरान सागर कत्था मामले में वीर•ाद्र सिंह के खिलाफ मुकदमा चलाने के लिए तत्कालीन राज्यपाल सूरज•ाान की ओर से दी गई मंजूरी को जायज ठहराया।
उन्होंने कहा कि सागर कत्था मामले में वीर•ाद्र सिंह ने केबिनेट के फैसले से छेड्छाड की थी जबकि एचपीसीए का मामला ऐसा नहीं है। सब काम कानूनन हुए है। ण्चपीसीए को जमीन सरकार की नीति के तहत दी गई है।
गणेश दत ने कहा कि वीर•ाद्र सिंह सरकार ने आईएएस अफसरों को •ाी नहीं छोड़ा है। आईएएस अफसरों में इस बात से रोष है।इस तरह की हरकतों से कांग्रेस पार्टी को लोकस•ाा चुनावों में को ई ला•ा मिलने वाला नहीं है।ये ताना शाही है। इसे न तो जनता बर्दाशत करेगी और न ही •ााजपा।
उन्होंने कहा कि पार्टी को पहले दिन से ही ये अंदेशा था कि सरकार इस तरह की हरकतें करेगी।
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