शिमला।शहरी विकास मंत्री सुधीर शर्मा तथा आबकारी एवं कराधान मंत्री प्रकाश चौधरी ने मुख्यमंत्री के खिलाफ दुर्भावनापूर्ण एवं दुष्प्रचार के लिए धूमल परिवार को आड़े हाथों लिया है।
धूमल परिवार गैर मुद्दों को अनावश्यक तौर पर उठाकर अपने गलत कार्यों से लोगों का ध्यान हटाने की कोशिश कर रहे हैं। वे कीचड़ उछाल कर घटियापन के सबसे निचले स्तर तक उतर आए हैं।
उन्होंने कहा कि वीरभद्र सिंह की आयकर रिटर्न को लेकर अरूण धूमल मीडिया में सनसनी फैलाने की कोशिश कर रहे हैं, जैसे कि कोई गंभीर अनियमितताएं हुई हैं। उन्होंने कहा कि उन्हें पता होना चाहिए कि किसी भी व्यक्ति विशेष द्वारा आयकर रिटर्न के संशोधन के लिए प्रावधान है और इसमें कुछ भी गलत नहीं है। मामले को आयकर अधिकारियों द्वारा देखा गया है तथा वीरभद्र सिंह द्वारा दी गई रिटर्न की समूची जांच में कुछ भी गलत एवं अवैध लेन-देन नहीं पाया गया। वीरभद्र सिंह की छवि को धूमिल करने तथा राजनीतिक लाभ लेने के लिए हाल ही के विधानसभा चुनावों के दौरान भाजपा नेता अरूण जेतली द्वारा यही मामला उठाया गया था। लोगों ने मीडिया में उनके बेतुके आरोपों को पूरी तरह खारिज किया तथा कांग्रेस पार्टी को सत्ता में लाने के लिए वोट दिए। वीरभद्र सिंह द्वारा व्यक्ति विशेष से ऋण लेने के सम्बन्ध् में मंत्रियों ने कहा कि ऋण लेना किसी भी व्यक्ति का अधिकार है तथा
इसमें गलत क्या है। वीरभद्र सिंह ने सही प्रक्रिया को अपनाकर चेक के द्वारा 12 प्रतिशत ऋण लिया और इसके यथावत् दस्तावेज प्रस्तुत किए गए।अरुण धूमल ने वीरभद्र सिंह की आयकर रिटर्न की प्रतियों को अवैध तौर पर प्राप्त कर मीडिया को वितरित किया, जो अपने आप में भी अपराध है।
इतना ही नहीं उन्हें इतनी समझ होनी चाहिए थी कि जिस ऋण के बारे में वह इतना हो-हल्ला मचा रहे हैं, की विभिन्न आयकर रिटर्न में भी स्पष्ट तौर पर जानकारी है और सिंह इस पर ब्याज दे रहे हैं।दूसरों पर उंगली उठाने की बजाय धूमल परिवार को लोगों को बताना चाहिए कि कैसे उन्होंने जालंधर में पब्लिक स्कूल हथियाया, पेट्रोल पम्प हासिल किया और डायमण्ड ज्यूलरी शॉप हासिल की। अरुण कुमार धूमल, जो जालंधर के दिल्ली पब्लिक स्कूल में प्रबन्धक हैं, ने दो अन्य हिस्सेदारों राजीव भटनागर तथा विपिन महाजन को एक अन्य हिस्सेदार संजीव वोहरा एंड एसोसियेटस को चार्टड अकाउंट के तौर पर गैर कानूनी तरीके से शामिल कर धोखा दिया और सम्पूर्ण सम्पत्ति व स्थल को हथिया लिया। उन्हें इस बात की भी जानकारी देनी चाहिए कि अनुराग ठाकुर ने पंजाब तथा हिमाचल दोनों राज्यों का स्थाई निवास प्रमाण पत्र कैसे प्राप्त किया, पंजाब के प्रमाण पत्र से वहां पेट्रोल पंप कैसे हासिल किया। और हिमाचल के प्रमाण पत्र से प्रदेश में एचपीसीए को नियंत्रण में लिया। लोग यह भी जानना चाहते है कि श्री प्रेम कुमार धूमल के पास कैसे एक से अधिक पैन कार्ड हैं।
मंत्रियों ने कहा कि धूमल परिवार के लालच ने सभी सीमाएं लांघी हैं। उन्होंने कहा कि धूमल परिवार के अमानवीय पहलू का पता इस तथ्य से लगाया जा सकता है कि उन्होंने गरीब व्यक्ति प्रेमू को भी नहीं छोड़ा, जिसे सरकार ने ‘नौतोड़’ भूमि प्रदान की थी।
उन्होंने कानून के प्रावधानों की अवहेलना कर उसकी भूमि को खरीद कर उसे भूमिहीन बना दिया। प्रेमू पुत्र फीतू को हिमाचल प्रदेश विलेज कॉमन लैंडस (वेस्टिंग एंड यूटेलाईजेशन) स्कीम, 1975 के अन्तर्गत वर्ष 1992/93 में भूमि प्रदान की गई। यह भूमि अधिकार क्षेत्र में आने की तिथि से 20 वर्षों तक नहीं बेची जा सकती थी।
इसके अलावा यह भूमि तब तक नहीं बेची जा सकती थी, जब तक भूमि प्राप्तकर्ता की धर्मपत्नी जीवित हो। इस मामले में सच्चाई यह है कि अनुराग ठाकुर तथा प्रेमू के मध्य अवैध हस्तांतरण हुआ और अधिनियम एवं नियमों के प्रावधानों का पूरी तरह उल्लंघन किया गया। धूमल परिवार ने गरीब परिवार को धोखा दिया और कानून की अवहेलना की।
उन्होंने हैरानी व्यक्त की कि अपने गलत कार्यों को मानने की बजाय वे सरकार पर उंगली उठा रहे हैं। यह हास्यास्पद है कि अवैध भूमि सौदे के सामने आने के पश्चात धूमल परिवार बदले की भावना एवं उत्पीड़न का रोना रो रहा है। यह एक शुरूआत मात्र है तथा अन्य मामलों में जब जांच करवाई जाएगी, तो ऐसे कई मामले सामने आएंगे।
यदि धूमल और उनके पुत्र वास्तव में यह महसूस करते हैं कि उनके साथ गलत हो रहा है तो उन्हें कानून का सहारा लेना चाहिए न कि मीडिया में जाकर अनावश्यक तौर पर हो-हल्ला करना चाहिए। उन्होंने कहा कि ऐसा प्रतीत होता है कि अरूण धूमल को समाचारों की सुर्खिायों में बने रहने की किसी प्रकार की बीमारी है। परन्तु उन्हें यह जान लेना चाहिए कि उनका यह मीडिया मोह उनके एवं उनके परिवार द्वारा किए गए गलत कार्यों से बचाने में सहायक नहीं होगा।
सुधीर शर्मा तथा प्रकाश चौधरी ने कहा कि भाजपा सरकार के कार्यकाल के दौरान राज्य एक प्रकार से ‘सेल’ पर था तथा इस दौरान बड़ी संख्या में बैनामी सौदे हुए। भाजपा सरकार के कार्यकाल के दौरान बैनामी, अवैध एवं अनियमित भूमि सौदों के कई मामले हैं तथा वर्तमान मामला केवल इसकी बानगी भर है। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह व उनके परिवार के सदस्यों द्वारा एक ईंच भूमि भी नहीं खरीदी गई।
मंत्रियों ने कहा कि वीरभद्र सिंह के खिलाफ आधारहीन एवं बेहुदे आरोप लगाकर धूमल परिवार लोगों के मध्य स्वयं ही मजाक का पात्र बन गया है। उन्होंने धूमल परिवार को चेतावनी दी कि वे सिंह के खिलाफ बेतुके आरोप लगाने से बाज आएं। उन्होंने कहा कि वीरभद्र सिंह की छवि को खराब करने के उनके प्रयासों से केवल उनके अपने ही हाथ आग में झुलस जाएंगे।
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