शिमला। प्रेमु की जमीन खरीद कर उसे भूमिहीन बनाने के मामले में दर्ज एफआईआर को बदले की भावना से उठाया गया कदम करार देते हुए पूर्व मुख्यमंत्री प्रेकुमार धूमल के छोटे बेटे अरुण धूमल ने खरीद की रजिस्ट्री व जमाबंदी जारी कर मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह से जवाब तलब किया है।साथ ही उन्होंने वीरभद्र सिंह को ललकारा कि अगर वो जंग चाहते है तो अब जंग होगी ओर वो जंग के लिए तैयार है।मुख्यमंत्री को यहां मुंह की खानी पड़ेगी।उन्होंने सरकार से ये भी पूछा की वो बताएं की इस मामले में शिकायतकर्ता कौन है और दो प्राइवेट लोगों की खरीद फरोख्त में सरकार का क्या लेना देना है।
अरुण धूमल ने खुद को पाक साफ बताते हुए कहा कि उन्होंने जमीन 17 जनवरी 2008 को खरीदी व कहा कि प्रेमु ये जमीन 7 दिसबंर 1992 के बाद 15 साल तक नहीं बेच सकता है।
अरुण धूमल ने इस बावत जमीन की पर्चा जमाबंदी भी मीडिया को जारी की। जिसमें नोट लिखा है कि ये जमीन 15 साल तक न तो किसी को बेची जा सकती और न ही इसका तबादला हो सकता है। जारी दस्तावेज के मुताबिक 15 साल दिसंबर 2007 में हो जाते है।अरुण धूमल ने कहा कि वो इस मामले में दोषी कहां है।उन्होंने कहा व क्या गलत किया है।
उन्होंने चुनौती दी कि वो इन दस्तावेजों को गलत साबित कर के बताएं। अरुण धूमल ने वही दस्तावेज जारी किए जिस फाइल को विजीलेंस गायब बता रहा है। उन्होंने कहा कि सरकारी दस्तावेजों की कस्टोडियन सरकार है। वही जाने फाइल कहां है।
इसके अलावा अरुण धूमल ने जमीन की रजिस्ट्री भी मीडिया को जारी की और कहा कि उन्होंने जमीन 17 जनवरी 2008 को खरीदी है।
इसके अलावा अरुण धूमल ने प्रेमु व उसकी बीवी सर्गी देवी का शपथ पत्र भी मीडिया को जारी किया। 17 जनवरी 2008 को तैयार हुए इस शपथ पत्र में प्रेमु ने कहा है कि वो जमीन बेचने के बाद भूमिहीन नहीं हो रहा है।सर्गी देवी के शपथ पत्र में लिखा गया कि उसका पति उसकी सहमति से ये जमीन बेच रहा है व वो रजिस्ट्री होने के बाद कोई आपति नहीं करेगी।
अरुण धूमल ने वीरभद्र सिंह पर ताबड़तोड़ हमले किए और कहा कि वो कानूनी तौर,राजनीतिक तौर पर और मीडिया में इस जंग को लड़ेंगे।उनके परिवार पर हमला हुआ है ववो मुंह तोड़ जवाब देंगे।वीरभद्र को खुद 161 बीघा जमीन सरकार को छोड़नी पड़ी थी। वो बताए उन्होंने ये जमीन कैसे हथियाई थी।
छोटे धूमल ने कहा कि वीरभद्र सिंह सरकार किसी भी तरह एचपीसीए को कब्जाने पर आमदा है और अनुराग को केसे घेरा जाए इस पर फोक्स किया जा रहा है। अंबिका सोनी जब भी दिल्ली से आती है तो एक ही सवाल पूछती इहै कि अनुराग का क्या हुआ।पूरी कांग्रेस अनुराग से डरी हुई है।क्योंकि राहुल गांधी समेत किसी के पास अनुराग की काट नहीं है।कांग्रेस दिल्ली में बीसीसीआई और यहा एचपीसीए को कब्जाने में लगी है।
अरुण ने कहा कि अमरेंद्र ने धूमल से मानहानि मामले में माफी मांगी थी। वो वीरभद्र सिंह के समधि बने है। उम्मीद जगी थी कि बदले की भावना से काम नहीं होगा। लेकिन लगता है अब ऐसा नहीं होगा।
अनुराग जनता के बीच जाएंगे और वीरभद्र को मुंहतोड़ जवाब देंगे।
उन्होंने विजीलेंस को वेंडेटा विजिलेंस करा दिया और कहा कि जिस तरह से केंद्र में सीबीआई कांग्रेस ब्यूरो आफ इंवेस्टिेगेशन बन गई है उसी तरह विजीलेंस ब्यूरों यहां वेंडेटा ब्यूरो बन गया है।
उधर, एसपी विजीलेंस धर्मशाला विमल गुप्ता ने कहा कि ये जांच कांग्रेस की चार्जशीट पर हो रही है।बाकी सवालों पर उन्होंने टिप्पणी करने से इंकार कर दिया।
विजीलेंस मुख्यालय में तैनात एक अधिकारी ने कहा कि 1987 की एक अधिसूचना है जिसके तहत ये जमीन 20 साल तक बेची -खरीदी नहीं जा सकती थी।
विजीलेंस ने अपनी एफआईआर में लिखा है कि ये जमीन 14 साल 6 महीने के भीतर ही बेच व खरीद दी गई।
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