शिमला।प्रदेश सरकार ने दो एफआईआर दर्ज कर भाजपा सांसद और भाजयुमो के राष्ट्रीय अध्यक्ष अनुराग ठाकुर को पांच राज्यों में होने वाले चुनावों के दौरान घेरे रखने का इंतजाम कर दिया है।राष्ट्रीय स्तर पर इन पांच राज्यों में भाजयुमो को लेकर रणनीति और दिशा-निर्देश अनुराग ठाकुर ने ही देने है।सूत्रों के मुताबिक अनुराग और उनके भाई अरुण धूमल के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने से पहले वीरभद्र सिंह हाईकमान से हरी झंडी लेकर आए थे।
हाईकमान लगातर इन मामलों में नजर रखे हुए है।इसीलिए प्रेमू की जमीन का मामला पकड़ा गया ताकि देश भर में ये बताया जा सके की भाजपा का युवराज गरीबों को लेकर कितना संजीदा है। एफआईआर में साफ लिखा है कि अनुराग ठाकुर और अरुण ठाकुर ने जमीन व मकान का बहुत ज्यादा पैसा देने का प्रलोभन देकर व प्रेमू के शराबी होने का फायदा उठाते हुए ये जमीन खरीदी। प्रेमू को धोखे में रखा गया ।प्रेमू की पत्नी सर्गी देवी को उसके अधिकारों से वंचित कर भूमिहीन बना दिया। 32 कनाल जमीन मिलने से पहले प्रेमू भूमिहीन था। उसकी मौत के बाद अब उसकी बीवी सर्गी देवी और बेटा भूमिहीन हो गए है।
गरीब से ज्याददती का मामला सोच समझ कर उछाला गया है। अनुराग इस मामले को पहले ही राजनीति से प्रेरित बता चुके है। लेकिन विजीलेंस के अधिकारी इस केस को फुल प्रूफ होने का दावा कर रहे है।कमजोर अफसरों के लिए घातक साबित होगा।
कांग्रेस के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष राहुल गांधी पहले ही गरीबों को लेकर संजीदा है। कांग्रेस में वो युवाओं के हीरो है तो भाजपा में अुनराग व मेनका गांधी के पुत्र वरुण गांधी भाजपा में युवाओं पर अपना राज चलाते है। भाजपा से जुड़े सूत्र बताते है कि भाजयुमो के राष्ट्रीय अध्यक्ष पद पर वरुण गांधी की भी नजरें है।
दो एफआईआर के अलावा विजीलेंस ने अनुराग को दस अक्तूबर तक कई सवालों के जवाब देने का नोटिस भी थमा रखा है।इसके अलावा वो रजिस्ट्रार कोआपरेटिव सोसायटी में भी एक मामला चला हुआ है। यहां भी एचपीसीए को सोसायटी से कंपनी बनाकर सारी जमीन कंपनी के नाम कर दी है। एचपीसीए मामले में में एक दो और एफआईआर दर्ज होने वाली है।विजीलेंस ने इसकी पूरी तैयारी कर ली है।
गुजरात दंगों को लेकर भाजपा के प्रधानमंत्री पद के प्रत्याशी नरेंद्र मोदी पहले ही कांग्रेस के निशाने पर है। अब भाजयुमो के राष्ट्रीय अध्यक्ष अनुराग भी कांग्रेस हाईकमान के निशाने में आ जाएंगे।सूत्रों के मुताबिक इन पांच राज्यों के चुनाव के दौरान अनुराग व उनके सहयोगियों से पूछताछ का दौर चलाया जाएगा। ताकि वो चुनावों में कम शिरकत कर सके और राष्ट्रीय स्तर पर कांग्रेस को एक मुददा मिल सके। कांग्रेस पार्टी पहले ही भ्रष्टाचार के आरोपों से बुरी तरह से घिरी हुई है। अगर इस दौरान अनुराग की गिरफ्तारी हुई तो हाईकमान वीरभद्र की पीठ जरूर थपथपाएगा।
मगर सबसे दिलचस्प वाक्या ये है कि अनुराग के खिलाफ एफआईआर हो जाने के बाद भी कांग्रेस पार्टी और युवा कांग्रेस ने अनुराग से इस्तीफा नहीं मांगा है। बताते है कि कांग्रेस अध्यक्ष सुखविंदर सुक्खू के धूमल परिवार के दोस्तान रिश्ते है।पार्टी में कई नेता और सरकार के कई मंत्रियों की भी धूमल के साथ करीबियां रही है।ऐसे मे अनुराग को लेकर कांग्रेस की चुप्पी चौंकाने वाली बताई जा रही है।
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