शिमला।मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह, पूर्व मुख्यमंत्री शांताकुमार और मोदी सरकार में केबिनेट मंत्री जगत प्रकाश नडडा के निशाने पर आए पूर्व मुख्यमंत्री प्रेम कुमार धूमल ने खुद को व अपने बेटों की राजनीति बचाने के लिए चिटठी का तुरुप का पत्ता चल कर नया दांव खेला है।
उन्होंने मोदी को लिखी चिटठी में अर्धसत्य का सहारा लेकर खुद पाक साफ बताने की कोशिश की और साथ में स्वयं के साथ बड़ी होशियारी से अपनी ही पार्टी के वरिष्ठ नेता शांता कुमार को भी लपटने की चाल चली है। प्रधनमंत्री मोदी को लिखी इस राजनीतिक -कूटनीतिक चिटठी में धूमल ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जो हिमाचल के मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह के भी सखा है से खुद के साथ साथ शांता कुमार की संपतियों की जांच भी सीबीआई से करवाने की मांग की है। उन्होंने अपनी संपति को लेकर इस चिटठी में कहा कि एक आईपीएस अफसर ने उनकी संपति की जांच लोकायुक्त् में की थी लेकिन लोकायुक्त ने आरोपों को निराधार बताया। लेकिन असल ये नहीं है। लोकायुक्त की रपट में कुछ और ही लिखा है।
मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह की आय से अधिक संपति के मामले की तो सीबीआई पहले ही जांच कर रही है। लेकिन धूमल ने वीरभद्र सिंह की आड़ में निशाना शांताकुमार पर भी लगाया है । धूमल मुख्यमंत्री रह चुके है व बाखुबी जानते है कि किसी नेता की ओर से चिटठी लिखने पर प्रधान मंत्री किसी भी मामले की सीबीआई जांच नहीं करा सकते है। अगर शांता कुमार,धूमल या वीरभद्र सिंह की संपतियों की जांच होनी है तो या तो अदालती आदेशों के बूते होनी है या फिर प्रदेश सरकार केंद्र सरकार को मामला सीबीआई जांच के लिए भेजे। लेकिन धूमल ने अपनी संपतियों को लेकर जो उनकी संपतियों की सूची विजीलेंस को भेजी गई है, उस सूची को प्रधानमंत्री को भेजा है व आग्रह किया है कि उनकी संपतियों की जांच या तो सीबीआई से करवाई जाए या किसी न्यायाधीश से करवाई जाए।ऐसा आज तक तो हुआ नहीं है।उन्होंने शांता कुमार और वीरभद्र सिंह के खिलाफ कोई शिकायत भी नहींकी है और न ही संपतियों की कोई सूची भेजी है। ऐसे में इस चिटठी के मायने लगाए जा रहे है कि ये शांता कुमार के खिलाफ ही मोर्चा है । इससे पहले पंजाब के जालंधर सेंट्रल से भाजपा के विधायक शांता कुमार पर कई आरोप लगा चुके है।ऐसे में अब धूमल ने नपा तुला प्रहार शांता कुमार पर कर दिया है।
धूमल की ओर से मोदी को लिखी पूरी चिटठी पढ़े यहां-:
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