शिमला। हिमाचल प्रदेश सोसायटी ऑफ केमिस्ट एंड ड्रगिस्टस की ओर से कई सालों तक लगातार कोआपरेटिव सोसायटी एक्ट की विभिन्न धाराओं का उल्लंघन करने पर रजिस्ट्रार कोआपरेटिव सोसायटी आर.सेलवम ने 4 लाख 87 हजार 400 रुपए की पैनाल्टी लगाई है। अभी ये कहना मुश्किल है कि उल्लंघना पर पैनाल्टी का ये आदेश इस सोसायटी में किसी घोटाले की तह तक जाएगा या मामला यहीं समाप्त हो जाएगा।
करोड़ों रुपए वाली इस एसोसिएशन के कर्ताधर्ताओं ने 2009 से 2014 तक तक रजिस्ट्रार कोआपरेटिव को दिए जाने वाले सालाना हिसाब-किताब को कई सालों से नहीं दिया था। यानि सालाना रिटर्न नहीं भरी । इसके अलावा इस एक्ट के मुताबिक सोसायटी को हर साल गवर्निंग बॉडी के सदस्यों की सूची मुहैया कराने होती है।लेकिन सोसायटी ने ये कुछ नहीं कराया।क्यों नहीं किया इसका सोसायटी ऑफ केमिस्ट एंड ड्रगिस्टस की ओर से दिया जवाब रजिस्ट्रार सोसायटी को संतुष्ट नहीं करा पाया।
इस मामले को व्हीस्ल ब्लोअर व आरटीआई एक्टिविस्ट दीपक सूद ने रजिस्ट्रार सोसायटी के समक्ष आरटीआई के जरिए ही उठाया था।
रजिस्ट्रार ने अपने आदेश में कहा है कि जांच के दौरान पाया गया कि सोसायटी ऑफ केमिस्ट एंड ड्रगिस्टस के अध्यक्ष व महासचिव की ओर से हर साल गवर्निंग बॉडी के सदस्यों की सूची रजिसट्रार सोसायटी को भेजनी हो ती है। जिसमें गर्वर्निंग बॉडी के सदस्य का पूरा नाम,स्थाई पता,मुख्य व्यवसाय व अन्य कोई और दस्तख्त होने लाजिमी है। लेकिन ये कुछ भी रजिस्ट्रार कोआपरेटिव सोसायटी को कई सालों तक नहीं भेजा गया। 14 अक्तूबर 2014 को इस बावत रजिस्ट्रार सोसायटी को इस सोसायटी की गर्वर्निंग बॉडी को शोकॉज नोटिस भेजा गया कि 30 अप्रैल 2009 से statutory reports, statements,आडिट रिपोर्ट देरी से/जमा न कराने के लिए प्रति दिन 50 रुपए के हिसाब से पैनाल्टी क्यों न लगाई जाए। इस शोकॉज नोटिस का सोसायटी के प्रधान संजीव पंडित की ओर से भेजा गया जवाब 10 फरवरी2015 को रजिस्ट्रार कोआपरेटिव सोसायटी को मिला।
लेकिन इस जवाब से रजिस्ट्रार को आपरेटिपव सोसायटी संतुष्ट नहीं हुआ और उसने सोसायटी ऑफ केमिस्ट एंड ड्रगिस्टस पर 4 लाख 87 हजार 400 रुपए की पैनाल्टी लगा दी।
इस मसले पर व्हीस्ल ब्लोअर दीपक सूद ने कहा कि जब किसी दवा की कंपनी को अपना नया प्रोडक्ट प्रदेश में लॉंच करना होता है तो सोसायटी ऑफ केमिस्ट एंड ड्रगिस्टस के पास उसे दो हजार रुपए जमा कराने होते है।
समझा जाता है कि ऐसे में सोसायटी ऑफ केमिस्ट एंड ड्रगिस्टस के पास काफी राशि एकत्रित हो गई। पूर्व ड्रग कंट्रोलर शेरसिंह पर दवा कंपनियों व बाकियों से रिश्वत लेने के आरोप लगे थे व उसे पकड़ा भी गया था। बताते है कि उस समय में दवा की दुकानों पर छापे न पड़े ,प्रदेश भर के केमिस्ट सालाना पांच-पांच हजार रुपए जमा कराते थे। जिसकी कोई न तो पर्ची होती थी न रसीद।हालांकि इसके कोई पुख्ता सबूत सामने नहीं आए है। अब क्या होता है इस पर केमिस्ट खामोश है।
सोसायटी ऑफ केमिस्ट एंड ड्रगिस्टस पर रजिस्ट्रार सोसायटी ने 4,87,400 की पेनाल्टी क्यों लगाई ये जानने के लिए यहां पढ़े रजिस्ट्रार कोआपरेटिव सोसायटी आर. सेलवम का पूरा आदेश-:
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