शिमला। भ्रष्टाचार के आरापों से घिरे मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह पर पूर्व मुख्यमंत्री प्रेम कुमार धूमल ने अब अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी और कांग्रेस आलाकमान को गुमराह करने का आरोप लगाया है। उन्होंने कहा कि हिमाचल के सेब घोटाले की तुलना अब बिहार के चारा घोटाले से होने लगी है। जिस तरह बिहार में गाय, सांड आदि स्कूटर व रिकशों पर ले जाए गए उसी तरह वीरभद्र सिंह के बगीचों से सेब भी स्कूटर और तेल टैंकर्स पर ट्रांसपोर्ट हुए है। एक नंबर तो सैंट्रो का है। वीरभद्र सिंह एचपीसीए और भाजपा नेताओं पर एक के बाद एक करके एफआईआर दर्ज कर रहे है। उन्होंने सवाल उठाया कि क्या वह अपने खिलाफ सेब घोटाले में भी एफआईआर दर्ज करेंगे।धूमल ने कहा कि वीरभद्र सिंह खानदान की बातें करते है। धूमल परिवार किसानों और फौजियों के खानदान से है। अपने खानदान से संबंधित दस्तावेज किसने जलवाए ये सबकों मालूम है।उन्होंने कहा कि उनके पास भी दस्तावेज है।
उन्होंने सीबीआई और आयकर विभाग से जांच तेज करने की मांग की।उन्होंने वीरभद्र सिंह का इस्तीफा मांगा और कहा कि अगर वो इस्तीफा नहीं देते है तो उन्हें बर्खास्त किया जाए।
पत्रकारों से रूबरू हुए धूमल ने आज राजधानी में कहा कि वीरभद्र सिंह ये आभास देना चाहते है कि वक्कामूला चंद्रशेखर की कंपनी वेंचर एनर्जी एंड टेक्नीलाजी को 17 मेगावाट का साई कोठी प्रोजेक्ट भाजपा ने आवंटित किया। लेकिन ये सच नहीं है। इस कंपनी ने एक एनआरआई को एफडीआई के नाम पर कंपनी में शामिल किया। जब ये तथ्य सरकार के ध्यान में आया तो भाजपा सरकार ने आंवटन रदद करने की प्रक्रिया शुरू की।वीरभद्रसिंह दावा कर रहे है कि इस प्रोजेक्ट को सुप्रीमकोर्ट के आदेश पर दोबारा आवंटित किया गया। लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने अपने फैसले में ये नहीं कहा था कि इसे वक्कामूला की कंपनी को आवंटित किया जाए। सुप्रीमकोर्ट ने इस मामले पर पुनर्विचार करने का आदेश दिया था।
वक्कामूला की आय के सोर्स क्या है। ये महत्वपूर्ण है।उन्होंने वक्कामूल्ला की कंपनियों की सूची भी गिनाई।
वीरभद्र सिंह ने दावा कि उनपर केस बनाए गए थे और उन्होंने वकीलों की फीस अदा करने के लिए कर्ज लिया। धूमल ने पूछा कि वो बताएं कि किन वकीलों को कितनी कितनी राशि कब दी गई।
प्रतिभा सिंह ने सफाई दी है कि उन्होंने उन्होंने शेयर खरीदे थे लेकिन मंडी उपचुनाव की वजह से उन्होंने शेयर बेच दिए। लेकिन कंपनी की11नवंबर 2013 की रिटर्न के मुताबिक ये शेयर प्रतिभा सिंह के नाम है। तारिणी इंफ्रास्ट्रक्चर की ताजा शेयरों की स्थिति के मुताबकि तारिणी के 64 हजार350 शेयरहै। शेयर अगर प्रतिभासिंह ने बेचे हैं तो तारिणी के कम कैसे हो गए है।धूमल ने कहा कि शेयर की फेस वैल्यू कितनी थी वीरभद्र सिंह इसका भी जवाब दें। इसके अलावा उन्होंने कुल कितना कर्ज लिया और कुल कितने शेयर खरीदे है। इसका भी जवाब दें।
सीबीआई जांच के लिए हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाने का विकल्प खुला
वीरभद्रसिंह के भ्रष्टाचार के खिलाफ भाजपा सीबीआई का दरवाजा खटखटाने से परहेज कर रही है। पूर्व मुख्यमंत्री प्रेम कुमार धूमल ने कहा कि भाजपा इन सारे आरोपों को लेकर राज्यपाल को चार्जशीट सौंपी है। राज्यपाल को ये चार्जशीट सीबीआई को सौंपनी चाहिए। बाद में उन्होंने कहा कि पार्टी ने सभी विकल्प खुले रखे है।
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