शिमला। हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट से प्रदेश के डीजीपी कुंडू को राहत नहीं मिली हैं। उनकी रिकॉल याचिका को प्रदेश हाईकोर्ट ने खारिज कर दिया हैं। मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति एमएस रामचंद्र राव और न्यायमूर्ति ज्योत्सना रेवाल दुआ की खंडपीठ ने आज डीजीपी कुंडू की रिकॉल याचिका पर फैसला सुना दिया।
खंडपीठ ने कुंडू की तमाम दलीलों को दरकिनार कर दिया व उनकी याचिका को खारिज कर दिया। अब डीजीपी कुंउू को डीजीपी का पद छोड़ना ही पड़ेगा । क्योंकि सुप्रीम कोर्ट से उनको हटाने बावत मिला स्टे समाप्त हो गया हैं।
खंडपीठ ने इसके अलावा यह भी कहा कि सुक्खू सरकार चाहे तो इस मामले में एसआइटी गठित कर सकती है और एसआइटी की कमान आइजी या उससे ऊपर के अधिकारी के पास होगी। यह एसआइटी सभी एफआइआर की जांच करेंगी व 28 फरवरी को इस मामले में अगली स्टेटस रपट अदालत में दायर करने के आदेश दे दिए हैं।
हालांकि अभी पूरी जजमेंट बाहर नहीं आई हैं।
इसी तरह एसपी कांगड़ा शालिनी अग्निहोत्री की याचिका भी खारिज कर दी गई हैं। अदालत ने शिकायत कर्ता निशांत शर्मा को सुरक्षा जारी रखने की हिदायत सुक्खू सरकार को दी हैं।
यह फैसला कांगड़ा के काराबारी निशांत शर्मा के लिए बेहद राहत भरा है इसके अलावा आम आदमी को न्यायपालिका में भरोसा बढ़ा है कि ताकतवर लोगों के लिए ही पूरा तंत्र काम नहीं करता हैं।न्यायपालिका से आम लोगों के लिए अभी भी आस नहीं खोनी चाहिए। इसके अलावा एसपी शिमला संजीव गांधी के लिए भी यह फैसला राहत देने वाला हैं।
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