शिमला। भाजपा सांसद अनुराग ठाकुर की हिमाचल प्रदेश क्रिकेट एसोसिएशन को दी जमीनों को वापस लेने के बाद अब प्रदेश में क्रिकेट और बाकी खेलों को बढ़ावा देने के लिए क्रिकेटर्ज वेल्फेयर फोरम नामक का नया मंच सामने आया है। मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह से मुलाकात के बाद इस फोरम ने अनुराग व पूर्व धूमल सरकार पर जम कर हमले बोले। फोरम में पूर्व रणजी प्लेयर्स शामिल हुए है।
फोरम के अध्यक्ष विजय सेन ने मीडिया रूबरू होकर आरोप लगाया कि अनुराग की एचपीसीए ने हिमाचल के खिलाडि़यों को दरकिनार कर बाहर के खिलाडि़यों के हितों को बढ़ावा दिया।
फोरम ने अनुराग से मौजूदा रणजी मैचों में खेल रहे खिलाडि़यों विक्रम जीत मलिक,वकार अहमद,बिपुल शर्मा, अभिनव बाली,प्रशांत चोपड़ा और कर्मवीर सिंह जैसे खिलाडि़यों को लेकर जवाब मांगा है कि ये खिलाड़ी कहां के है।
लाइफ मेंबर बनाने की क्या जरूरत पड़ी। उनका क्रिकेट के लिए क्या योगदान रहा है।अधिकतर मेंबर हिमाचल से बाहर के है। विजय सेन इन इन लाइफ मेंबर की सूची भी मीडिया को जारी की।इनमें से आठ मेंबर जालंधर से ,9 हिमाचल से,6 दिल्ली से और 2 हरियाणा से है।
यही नहीं 24 खिलाडि़यों ने फर्जी हिमाचली प्रमाणपत्रों पर हिमाचल की ओर से क्रिकेट खेला। पहले ही विक्रम जीत मलिक और कुलदीप दीवान के खिलाफ मामला दर्ज है। यही नहीं अंडर19 और अंडर 22 टीमों में भी बाहर के ही खिलाड़ी खेल रहे है।
फोरम ने कहा कि अनुराग बताए कि हिमाचल में प्रापर्टी होने के बावजूद 12 करोड़ का कर्ज जालंधर के बैंक से क्यों लिया गया जबकि एचपीसीए का सालाना बजट 25 करोड़ का था व बीसीसीआई से भी फंड मिल रहे थे।
अनुराग ने 2001 में प्रेम कुमार धूमल को वोटिंग राइट के साथ एचपीसीए के चीफ पैटर्न मनोनीत कर दिया।धूमल उस समय प्रदेश के मुख्यमंत्री थे। ऐसे किसी भी खेल के इतिहास में नहीं हुआ है।2001 में अनुराग अपने चचेरे भाई विक्रम राठौड़ को हिमाचल की रणजी ट्राफी टीम का नेतृत्व करने ले आए।
सेन ने कहा कि आज तक रणजीटीम को ट्रेन करने के लिए एक भी कोच हिमाचल से नहीं लिया गया।देवंद्र अरोड़ा,तेज कौल,और राजदीप काल्सी जैसे कोचिज को लाखों रुपया दिया गया। ये सब पंजाब से है और अनुराग के दोस्त है।बड़े मैचों के दौरान केटरिंग तक के ठेके पंजाब की फर्मों को दिए गए।
फोरम ने कहा कि धूमल आज सरकार की कार्रवाई की मुखालफत कर रहे है लेकिन उन्होंने इतने सालों तक हिमाचली खिलाडि़यों के पक्ष में कभी भी जुबान नहीं खोली।
विजय सेन ने मुख्यमंत्री से मांग की कि प्रदेश में खेलों को बढ़ावा देने के लिए नई बॉडी का लोकतांत्रिक व पारदर्शी तरीके से गठन किया जाए।उन्होंने कहा कि प्रदेश के खिलाडि़यों के हितों को नुकसान नहीं पहुंचना चाहिए।
फोरम में शामिल हुए खिलाडि़यों से ये पूछे जाने पर कि उन्होंने इतने सालों तक उन्होंने जुबान क्यों नहीं खोली। इन खिलाडि़यों ने कहा कि पिता प्रदेश का मुख्यमंत्री था और बेटा एचपीसीए पर काबिज था ऐसे में कौन जुबान खोलता।
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